Shailendra Aseem Tag: कविता 26 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Shailendra Aseem 25 Jul 2024 · 1 min read दादी कल फिर आईं थीं दादी पूरे एक साल बाद आते ही खोल दिया अपनी झोली और निकालने लगीं रंग बिरंगी कहानियाँ गुदगुदाते चुटकुले हँसते-गाते संस्मरण खट्टी-मीठी लोरियाँ 'दादी! भजन सुनाओ... Hindi · कविता 1 87 Share Shailendra Aseem 22 Jul 2024 · 1 min read किराये का मकान अच्छी हों या बुरी आदतें जरूरत बन जाती हैं अक्सर सुनता रहा हूँ यह बात दिन चढ़े सोकर उठा हूँ अरे! इतनी देर तक सोता रहा? नहीं सुनाई दिया मकान... Hindi · कविता 80 Share Shailendra Aseem 13 Jul 2024 · 1 min read नई प्रजाति के गिरगिट विकास के साथ उत्पन्न हुई है गिरगिटों की एक नई प्रजाति जिनका ध्येय वाक्य है 'रंग बदलो पाओ ख्याति' कुछ दिनों पहले जो लाल झण्डा लगाए साइकिल से गली-गली फिर... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 13 Jul 2024 · 2 min read हिंग्लिश कुछ तथाकथित आधुनिक लोगों ने मिलकर एक विद्यालय खोला उन बुद्धिजीवियों का गुरुघंटाल बैठक में बोला विद्यालय हमारे दादा-परदादा घुरहू-कतवारू के नाम पर चलेगा इसका नाम जी के इण्टर कॉलेज... Hindi · कविता 1 59 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 2 min read माँ बहुत दिनों के बाद आज माँ को गौर से देखा देखा, उसके चेहरे पर असमय उग आईं झुर्रियों को काँपते हाथों को और सोचता रहा पुरानी बातों को क्या यही... Hindi · कविता 1 68 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 1 min read महँगाई लोग कहते हैं कि महँगाई आ गई टमाटर सौ रुपये और प्याज एक सौ बीस पर आ गई क्या खायेंगे हम कहते हैं कि आप भी जम के खाइए जैसे... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 12 Jul 2024 · 1 min read ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म ज़िन्दगी एक प्लेटफॉर्म है जिस तरह प्लेटफॉर्म पर गाड़ियाँ आती हैं और चली जाती हैं उसी तरह ज़िन्दगी में लोग आते हैं और चले जाते हैं रह जाती हैं यादें... Hindi · कविता 1 47 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read ज़मींदार मेरे प्यारे गाँव में पीपल की छाँव में पक्का मकान है गाँव भर की शान है चारों तरफ झोंपड़े हैं रात में जो सो पड़े हैं मकान फिर भी जागता... Hindi · कविता 1 51 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read मेरी ज़िन्दगी किताब, कविता और संगीत यही मेरी ज़िन्दगी है क्योंकि किताब मेरी प्रेरणा है कविता मेरी दोस्त है और संगीत मेरी धड़कन है यदि इनमें से एक भी बिछड़ गया तो... Hindi · कविता 1 48 Share Shailendra Aseem 7 Jul 2024 · 1 min read विकास कभी-कभी मेरे मन में एक सवाल उठता है मच्छरों में क्यों नहीं बवाल उठता है काश! ये भी हमारी तरह लड़ते छोटी-छोटी बातों के लिए आपस में झगड़ते एक मच्छर... Hindi · कविता 1 83 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read सहपाठी मेरे एक सहपाठी हैं देखने में लाठी हैं रात में जब सो रहे थे ख्वाब में वे खो रहे थे बड़ा सुन्दर दृश्य था गुरु थे एक शिष्य था शिष्य... Hindi · कविता 1 59 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read स्पोरोफाइट इस देश रूपी स्पोरोफाइट में हम लोगों जैसे स्पोर्स पल रहे हैं और हमारे जैसे स्पोर्स को झटका देने के लिए कुछ मुट्ठी भर लोग इलैटर का काम कर रहे... Hindi · कविता 1 46 Share Shailendra Aseem 5 Jul 2024 · 1 min read फर्क रात के अँधेरे में दिन के उजाले में बस यही फर्क है कि रात के अँधेरे में पुलिस वालों की चाँदी है चोर-डाकुओं को मिली आज़ादी है क्योंकि ऐसे में... Hindi · कविता 92 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 2 min read दूबे जी का मंच-संचालन एक बार दूबे जी साइकिल से जा रहे थे दूसरे की चुराई हुई कविता गुनगुना रहे थे बड़ा ही आराम था शाहपुर में काम था जाने क्या सोचकर मेरे मोहल्ले... Hindi · कविता · हास्य-व्यंग्य 1 53 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 2 min read आदमी और गधा कल मैंने एक गधे को देखा उसके आगे फैली हुई हरी हरी घास को देखा गधा घास चर रहा था और मैं अपनी नई गढ़ी कविता का रसास्वादन कर रहा... Hindi · कविता 1 36 Share Shailendra Aseem 4 Jul 2024 · 1 min read नालन्दा आखिर वह दिन आ ही गया जिसकी आठ सौ से अधिक वर्षों से थी प्रतीक्षा वह समय आ गया जब पूर्ण होगी अधूरी दीक्षा सोचा था उन्होंने कि विश्वविद्यालय की... Hindi · कविता 1 89 Share Shailendra Aseem 21 May 2022 · 1 min read पुरी के समुद्र तट पर (1) पुरी के समुद्र तट पर हो चुका है सूर्योदय मछुवारों की नावें आ गयी हैं किनारे जाल में फंसी हैं रंग-बिरंगी मछलियाँ, केकड़े,घोंघे,सुंदर सीप, और भी बहुत कुछ उठाता हूँ... Hindi · कविता 3 3 420 Share Shailendra Aseem 30 Apr 2022 · 1 min read पहाड़ों की रानी मैं लगाना चाहता हूँ तुम्हारे जूड़े में चेस्टनट के फूल क्योंकि मुझे दिखते हैं इनमें कई साफ शफ़्फ़ाफ़ दिल नहीं है जिनमें ज़रा सी भी कटुता आज के प्रयोगवादी युग... Hindi · कविता 2 760 Share Shailendra Aseem 29 Apr 2022 · 2 min read सुन ज़िन्दगी! सुन ज़िन्दगी! चौंक गयी ना, देखकर मुझे? तूने क्या समझा था, मिट गया मैं? लुट गया मैं? बहुत खुश थी तू मेरे ख्वाबों के पर काटकर दौड़ते पैरों में ज़ंजीर... Hindi · कविता 1 543 Share Shailendra Aseem 27 Apr 2022 · 1 min read पिता पहचान, आन-बान व सम्मान पिता हैं होठों पे थिरकती हुई मुस्कान पिता हैं चन्दन की तरह पाक व गंगा सी विमलता भगवान के भेजे हुए वरदान पिता हैं अपनी न... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 14 922 Share Shailendra Aseem 11 Dec 2021 · 1 min read कहाँ पाओगे? कहाँ पाओगे ? ~~~~~~~~ (1) कौन भला रोके सुगन्ध को हवा कहाँ प्रतिबन्ध मानती पंछी के आने - जाने पर सीमा कैसे रार ठानती स्निग्ध चाँदनी की शीतलता कैसे ठहरे,... Hindi · कविता 2 1 390 Share Shailendra Aseem 5 Sep 2021 · 1 min read गुरु न तुम होते अगर पथ में, बिखरता मैं चला जाता। दिये की लौ नहीं जलती, उजाला दूर हो जाता।। तुम्हारे ज्ञान की गंगा, तुम्हारे स्नेह की धारा। भिगोती यदि नहीं... Hindi · कविता 1 2 459 Share Shailendra Aseem 19 Aug 2021 · 1 min read ऐ ज़िन्दगी! ऐ ज़िन्दगी ! किस मिट्टी से बनी है तू ? मिट्टी नहीं शायद पत्थर से, पत्थर भी नहीं शायद किसी और ही चीज़ से, पल-पल में बदलती है अनगिनत रंग,... Hindi · कविता 1 426 Share Shailendra Aseem 10 Jul 2021 · 1 min read एक लड़की धड़कनों की पुकार थी, क्या थी या कि जाने-बहार थी, क्या थी तन-बदन पर जो छा गयी आकर वो बसन्ती बयार थी, क्या थी सर्द मौसम था जबकि पहले पहल... Hindi · कविता 267 Share Shailendra Aseem 9 Jul 2021 · 2 min read युद्ध हमें लड़ना होगा सिंधु नदी के जल से तुझको पाला-पोसा, बड़ा किया सर्वाधिक तरजीही राष्ट्र बनाकर था सम्मान दिया लेकिन अपनी फितरत से भी बाज भला कब आता तू छेद उसी में करता... Hindi · कविता 1 2 470 Share Shailendra Aseem 9 Jul 2021 · 1 min read आँखें लाज से, शर्म से ख़ुद ही में सिमटती आँखें बाज़ू-ए-इश्क़ में बल खा के लरज़ती आँखें साँस में, रूह में, तन-मन में उतर आई थीं हाय वो खुश्बू-ए-उल्फ़त से महकती... Hindi · कविता 277 Share