सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' Tag: दोहा 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 7 Aug 2023 · 1 min read सुनी चेतना की नहीं, सुनी चेतना की नहीं, जिसने कभी पुकार। उसके द्वारे ही सदा, खटकता है विकार।। मानस होता है बड़ा, चिंतनशील, अशांत। उलझा हुआ विचार में, व्यथित,थकित,उद्भ्रात।। मन सदा यह दौड़ता, करता... Hindi · Quote Writer · कविता · दोहा 1 294 Share सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 21 Dec 2022 · 1 min read हनुमानजी बसता जिनका राम में,सदा-सदा ही प्राण। ऐसे दिव्य महात्मा, महावीर हनुमान।१। भजते आठो याम ही,राम-सिया अरु राम। जीवन का बस ध्येय यह,रखते वे निष्काम।२। राम पादुका ले चले,भाई भरत महान।... Hindi · दोहा 3 2 277 Share सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 26 Sep 2021 · 1 min read सुप्रभात पवन मनचला हो चला,कदली पत्र झकोर। ज्यों गोपी के वसन को,ले भागे चितचोर।१। अरुण देश में सगुण-सा,खिल आया जलजात। कर्मयोग का कृष्ण ने,किया नव सूत्रपात।२। रक्तिम व्योम-वलक्ष,अरुण-रूप-रस-रंग से। दुःशासन का... Hindi · दोहा 1 2 324 Share सत्यम प्रकाश 'ऋतुपर्ण' 10 Sep 2019 · 1 min read दोहावली अब तक समझ सके न हम,मानवता का मर्म। क्यों न मूकदर्शक बने,सकल जगत औ' धर्म।१। मान जहाँ न सु-शील का,खल का हो अधिकार। संवर्धित होते वहाँ, कदाचार - अपकार।२। एक... Hindi · दोहा 3 1 382 Share