Santosh Shrivastava Tag: कविता 488 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Next Santosh Shrivastava 1 Sep 2020 · 1 min read जीवन में है जीवन क्षणभंगुर कर्म प्रधान बनों जीवन में है सीमित जीवनधारा लक्ष्य पाओ जीवन में करों सेवा बेसहारों की बनों सहारा बुजुर्गों के है पूंजी उनका आशीर्वाद ही जीवन में... Hindi · कविता 1 274 Share Santosh Shrivastava 27 Aug 2020 · 1 min read भटकाव निकला था मंजिल के लिए दोस्त मिले और बिछुड़ते गये आया जब चौराहा भटकाव आया जिन्दगी में बनते थे अपने गायब हो गये किधर है मंजिल नहीं बताया किसी ने... Hindi · कविता 2 526 Share Santosh Shrivastava 25 Aug 2020 · 1 min read याद याद आया वो बीता ज़माना कभी ठिठोली कभी आँख मिचौली कभी चिचौरी कभी चौरी कभी मस्ती खुशियों की बस्ती थी एक हस्ती ढूँढते हैं लोरी प्यार की डोरी वो अपना... Hindi · कविता 2 1 231 Share Santosh Shrivastava 18 Aug 2020 · 1 min read तृष्णा मन की बात दिल में आस होती नहीं पूरी कभी तृष्णा इन्सान की भटकाती है जिन्दगी को रखती है खाली हाथ इन्सान को तृष्णा होती नहीं पूरी लो शिक्षा जीवन... Hindi · कविता 1 222 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read तराना छेड़ो तुम कोई तराना मुझे गुनगुनाना है गाओ मंगल गान आज देशभक्ति का है दिन मुझे गुनगुनाना है है माँ को सादर नमन माँ की लोरी आज मुझे गुनगुनाना है... Hindi · कविता 3 406 Share Santosh Shrivastava 14 Aug 2020 · 1 min read देशप्रेमी होती सबसे प्यारी सबसे न्यारी माँ हमारी चलाती हाथ पकड़ वो सुनाती लोरी खिलाती हलुआ पूरी वो बजा है आज डंका स्वदेशी का है मौका कर्ज उतारने का अपनाना है... Hindi · कविता 1 1 266 Share Santosh Shrivastava 11 Aug 2020 · 1 min read किस्मत ढूँढते रहे ता जिन्दगी किनारे हम कभी मंझधार तो कभी तूफान सा मिला मंजर कहाँ है किनारा हम भटकते रहे होते हैं वो किस्मत वाले मिलती जिन्हें पतवार खैते रहे... Hindi · कविता 242 Share Santosh Shrivastava 8 Aug 2020 · 1 min read माँ का चूल्हा जोड़ता है चूल्हा परिवार को सुग॔ध रोटी की गोल गोल रोटी माँ का प्यार बैठे साथ बाबू जी भाई और बहन करता सब की चिंता माँ का चूल्हा है चौका... Hindi · कविता 1 702 Share Santosh Shrivastava 31 Jul 2020 · 1 min read जीवन चक्र जमीन में गिरी बूँद बीज को सींचती है , वृक्ष बनता है और बादलो सा घुमड़ घुमड़ कर बारिश कराता है फिर नयी बूँद जमीं पर गिरती है नया बीज... Hindi · कविता 2 1 243 Share Santosh Shrivastava 30 Jul 2020 · 1 min read चिट्ठी है बड़ा आत्मनीय शब्द खत दरवाजे पर खड़ी बाला इन्जार करती माँ खत नहीं तो दिखता नहीं कोई यहाँ वहाँ सुकड़ गया है आज संसार सुकड़ गये हैं आज संबंध... Hindi · कविता 1 586 Share Santosh Shrivastava 28 Jul 2020 · 1 min read झूला है जीवन झूला जैसा कभी ऊपर तो कभी नीचे जैसा है कभी चढ़ाव है जीवन में तो कभी है उतार जिन्दगी में देता है सबक झूला जीवन में कभी तेजी... Hindi · कविता 1 251 Share Santosh Shrivastava 23 Jul 2020 · 1 min read क्रान्ति है जरूरत हर युग में आजाद और आजादी की भाती नहीं पराधीनता न मानव न पंछी को झटपटाता है इन्सा आजादी के लिए पर भूल जाता है आजादी और आजाद... Hindi · कविता 2 1 378 Share Santosh Shrivastava 19 Jul 2020 · 1 min read संबंध करें मजबूत संबंध आपस में है नहीं भरोसा जिन्दगी का न करो बातें टूटने बिखरने की है मौला रखवाला सब का है फकीर समझाने वाला स्वलिखित लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल Hindi · कविता 3 1 425 Share Santosh Shrivastava 7 Jul 2020 · 1 min read कसक जब अपने अपने न रहे तो उठती है कसक दिल में करते हैं वादे निभाने साथ का छोड़ जाते साथ बीच मंझधार में कसक उठती है दिल में हैं धोखेबाज... Hindi · कविता 1 537 Share Santosh Shrivastava 4 Jul 2020 · 1 min read जीवन का हैप्पी मंत्र रहना हर अवस्था में खुश है यही जिन्दगी का मूलमंत्र आते रहते सुख-दुःख चलता रहता जीवन अनन्त आती हैं जिन्दगी में अवस्था तीन बाल्य किशोर और वृद्ध बनों हर हाल... Hindi · कविता 1 336 Share Santosh Shrivastava 26 Jun 2020 · 1 min read शरारत दिल है कमजोर डर जाता है शरारत से करते हैं फूलों से शरारत भौंरे डर जाते है वो नादान लगती है अच्छी शरारत शैतानी बच्चों की टोकते नहीं माँ बाप... Hindi · कविता 2 539 Share Santosh Shrivastava 23 Jun 2020 · 1 min read दूर करो दवाइयां दिया प्रकृति ने शुद्ध वायु जल वातावरण अपने स्वार्थ इच्छा पूर्ति के लिये किया इन्सान ने इसे प्रदुषित काटे ज॔गल किया झील नदी तालाबों पर अतिक्रमण कांक्रीट के बनाये महल... Hindi · कविता 2 1 221 Share Santosh Shrivastava 6 Jun 2020 · 1 min read रिश्ते होते हैं बड़े नाजुक रिश्ते समेटो उन्हें दामन में सरक गयी अगर झोली बिखर जाते रेत से देता मौला मोहब्बत बेपनह समेट सको जितना समेटो पकड़ो झोली मजबूती से बिखर... Hindi · कविता 506 Share Santosh Shrivastava 28 May 2020 · 1 min read वक़्त है वक़्त बड़ा बलवान अविरल घुमता चक्र सुबह-ओ-शाम बनता राजा से रंक और रंक से राजा घुमती रहती जिन्दगी पहिये सी ठहरती नहीं जिन्दगी जब तक हैं प्राण इन्सान में... Hindi · कविता 1 1 645 Share Santosh Shrivastava 23 May 2020 · 1 min read जीवन एक पहेली (चिन्तन) लेता जन्म मानव कोरा कागज सा जीवन बढ़ती उम्र उकेरती जाती कभी लकीरे कभी भरते रंग नाम पाता पहचान बनाता कोरे कागज पर बनती जन्म कुंडली लिखता कोरे कागज पर... Hindi · कविता 1 429 Share Santosh Shrivastava 21 May 2020 · 1 min read लाकडाउन लाकडाउन हैं जरूरी चार आज घर सफाई मास्क डाक्टर हैं ये सबसे बड़े तीर्थ आज छाया है कोरोना संकट आज जीवन है दुर्लभ आज लापरवाही पड़ेगी मंहगी आज राम भी... Hindi · कविता 1 415 Share Santosh Shrivastava 19 May 2020 · 1 min read प्रवासी मैं पंखे कूलर में बैठा घर पर अनुमान लगा रहा था ताप का 40 नहीं 43 डिग्री है आज ताप कभी गिरता पर्दे तो कभी बंद करता खिड़की धूप की... Hindi · कविता 1 458 Share Santosh Shrivastava 10 May 2020 · 1 min read माँ ( मातृ दिवस ) दिनांक 10/5/20 कहा , चाँद ने "क्या निहरते हो तुम ? मुझ में प्रेमिका, मेहबूबा की शक्ल पाओगे हमेशा" कहा मैंने " आज तलाशता हूँ तुझ में बस माँ मेरी... Hindi · कविता 3 2 494 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2020 · 1 min read मानव आधार पुस्तकें है जन्मजमान्तर से पुस्तकों का मानव से नाता समाया है इनमें ज्ञान विज्ञान है अ ब स शब्दों के बिना जीवन अधूरा किताबों से पाया जीवन पूरा चारों वेद गीता... Hindi · कविता 1 267 Share Santosh Shrivastava 25 Apr 2020 · 1 min read आभार है आभार उन डाक्टर योद्धाओं का जो करोना संकट की घड़ी में दे रहे जीवनदान है नहीं कर रहे परवाहअपनी जिन्दगी की सुबह शाम रात डटे हैं जो मोर्चा पर... Hindi · कविता 3 1 227 Share Santosh Shrivastava 11 Apr 2020 · 1 min read लड़ो मत डरो आज है महत्ता सत्संग की लड़ रहा विश्व एक लड़ाई कोरोना है उसका नाम हैं जो संस्कारी सदाचारी मान रहे चिकित्सक विशेषज्ञों सरकार की बात रह रहे घरों में कर... Hindi · कविता 230 Share Santosh Shrivastava 9 Apr 2020 · 1 min read संस्कार (तांका विधा) एक है संस्कृति मानव पहचान दे संस्कार करे उन्नति वह सहायक हैं गुण दो है जरूरत संयम समझ की फैला कोरोना मच रहा कहर बचाये अच्छे गुण स्वलिखित लेखक संतोष... Hindi · कविता 458 Share Santosh Shrivastava 31 Mar 2020 · 1 min read चेतावनी बेरहम इन्सान प्रकृति से खिलवाड़ बढ़ता प्रदूषण घटता जल स्तर कांक्रीट के महल कटते वृक्ष घटते जंगल बिगड़ता पर्यावरण तबाही ही तबाही बिलखता इन्सान बैचैन वसुंधरा माँ का प्यार धरती... Hindi · कविता 1 484 Share Santosh Shrivastava 27 Mar 2020 · 1 min read सतर्कता गवाह है इतिहास पार की जब जब लक्ष्मण रेखा परेशानी में पड़ा मानव हैं प्राकृति की भी हदें स्वच्छ हो पर्यावरण दूर हो प्रदूषण रखें दूरी आपस में पर जुड़े... Hindi · कविता 446 Share Santosh Shrivastava 25 Mar 2020 · 1 min read माँ की भक्ति माँ की उपासना के आये दिन माँ ही करती रक्षा सबकी भक्ति में ही समायी शक्ति होती माँ प्रसन्न करते भक्त सच्चे मन से भक्ति है जब संकट में देश... Hindi · कविता 277 Share Santosh Shrivastava 6 Mar 2020 · 1 min read नफरत झूठ से हो जाता है मजबूत सत्य जब लगने लगता झूठ सत्य लदा होता है झूठ श्रृंगार से बेबस नंगा रहता है सत्य बसता है अटारी में झूठ फटेहाल रहता है सत्य... Hindi · कविता 1 513 Share Santosh Shrivastava 2 Mar 2020 · 1 min read जिन्दगी में ठोकर जिन्दगी में सबक देती है ठोकर सड़क पर पड़ा पत्थर यहाँ वहाँ लुटकता रहता है ठोकरों से शिकायत करता नहीं गुमनाम जिन्दगी जीता है लेते जो सबक ठोकर से आसान... Hindi · कविता 1 233 Share Santosh Shrivastava 29 Feb 2020 · 1 min read कान्हा फुर्सत मिले तो वृन्दावन आ जाना कान्हा करती राधा इन्तजार गोपियन संग है फुहार होली की रंगों में डूबा है वृन्दावन सारा मिटें है सारे भेदभाव मन के मिले गले... Hindi · कविता 1 476 Share Santosh Shrivastava 28 Feb 2020 · 1 min read बीबी का खौफ (हास्य) गुजर रहा हर पल परीक्षा में शादी के बाद मस्त थे मौज में थे जब थे अकेले सोना उठना घुमना गाना सब था मनमौजी टकरा गयी निगाहे आँखें हुई चार... Hindi · कविता 1 1 396 Share Santosh Shrivastava 27 Feb 2020 · 1 min read सहारा ईश का भाग्य विधाता जग निर्माता जग चलाता विध्वंसकर्ता हैं ब्रहमा विष्णु महेश संस्कार निर्माता ऊँगली पकड़ चलना सिखाता संघर्षरत बनाता दुनियांदारी सिखाता माता है वो और पिता लड़ो अन्याय से बनों... Hindi · कविता 388 Share Santosh Shrivastava 26 Feb 2020 · 1 min read सही बात करो समर्थन हमेशा सही बात का होते सफल वही जो रहते अटल अपने निर्णय पर होते घर परिवार समाज देश में मतभेद अनेक करो सही बात का ही समर्थन चुनावों... Hindi · कविता 330 Share Santosh Shrivastava 21 Feb 2020 · 1 min read जय महाकाल कालों के भी काल महाकाल भक्तों के हैं महाकाल भज रही आज दुनियां महाकाल दुश्मन के हैं काल महाकाल उत्पत्ति ब्रहमा पालन विष्णु और संहारक कालों के काल महाकाल करें... Hindi · कविता 1 457 Share Santosh Shrivastava 21 Feb 2020 · 1 min read मजबूत हाथ नहीं झूकता शीश गर हैं हाथ मजबूत लोह हस्त तोड़ सकते हैं पहाड़ भी नमन करते हाथ ईश को पाते आशीर्वाद रहते खुश न हों इतने मजबूर फैले नही हाथ... Hindi · कविता 1 266 Share Santosh Shrivastava 14 Feb 2020 · 1 min read भारत के वीर जवान है नमन वीर जवानों को रहते सीमा पर सदा मुस्तैदी से न है ठंड की चिंता न है गर्मी, बर्फवारी की है ये शान अखंड भारत के हैं ये मान... Hindi · कविता 1 507 Share Santosh Shrivastava 13 Feb 2020 · 1 min read शक की दीवार होती शक की दीवार-ओ-दर खतरनाक बर्बाद कर देती है हँसते खेलते परिवार को कहे पर विश्वास नहीं आँखो देखी सही होती होता शक दायरा बड़ा रखी संकरी मानसिकता मिलता मौका... Hindi · कविता 1 479 Share Santosh Shrivastava 13 Feb 2020 · 1 min read एक कसक चेहरे पर झुरिया है सिर सपाट है आदत से मजबूर है ये दिल हर वैलेन्टाइन डे पर बिखर जाता है ये दिल बीवी का पेहरा है दरवाजे पर ताला है... Hindi · कविता 1 1 320 Share Santosh Shrivastava 12 Feb 2020 · 1 min read निवेदन स्वीकारो मेरा प्रणय निवेदन प्रिय तन मन बारी जाऊँ वृन्दावन की गलियन में घूमें राधे सख्यिन संग किशन है जग का न्यारा - न्यारा स्वीकारे न्योता सब का बना है... Hindi · कविता 1 586 Share Santosh Shrivastava 11 Feb 2020 · 1 min read जीवन में सफलता सफलता होती नहीं सफलता मोहताज किसी की मेहनत लगन और ईमानदारी से मिलती है सफलता रहते जो भाग्य भरोसे असफलता ही उनको भाग्य परोसे लेते टक्कर जो तूफान में हिम्मत... Hindi · कविता 260 Share Santosh Shrivastava 11 Feb 2020 · 1 min read पर्यावरण सुधरता नहीं इन्सान बिगाड़ता पर्यावरण बार बार होता धरा को नुकसान जिससे वहीं करता वो काम बार बार वृक्ष हैं देवता हमारे देते छाया हवा फल फूल हमें फिर भी... Hindi · कविता 376 Share Santosh Shrivastava 8 Feb 2020 · 1 min read बसेरा (सोदोका लेखन विधा) 1 ईश का साथ जीवन है सरल हो वंदना सफल ये राधा कृष्ण वृन्दावन बसेरा है जीवनदर्शन 2 दुनियां दुखी छल प्रपंच धोखा भटकती जिन्दगी मौत तांडव गुमराह युवक बसेरा... Hindi · कविता 1 207 Share Santosh Shrivastava 8 Feb 2020 · 1 min read जननी जन्मभूमि होती प्यारी जन्मदात्री माँ प्यारी है जन्मभूमि माँ के आंचल में है ममत्व दी है पहचान जन्मभूमि ने खेलते खाते बड़े होते जन्मभूमि पर वंदनीय पूज्यनीय हैं माँ और जन्मभूमि... Hindi · कविता 1 409 Share Santosh Shrivastava 7 Feb 2020 · 1 min read झनकार उम्र के एक दौर पर आ कर लगने लगती हैं अच्छी चूड़ियाँ रंगबिरंगे हाथ और रंगीला साथ संजोये सतरंगी सपने करती दहरीज पर इन्तजार अपने अपनों का बार बार सुनती... Hindi · कविता 1 312 Share Santosh Shrivastava 6 Feb 2020 · 1 min read फ़तह मंजिल होंगी फ़तह जब रखेंगे पाँव मजबूती से मुकाम तलक पहुंचेंगे हम लेंगे जब संकल्प भरपूर दें बच्चों को संस्कार अच्छे बनें देश के नागरिक सच्चे वो रखो दृढ विश्वास से... Hindi · कविता 200 Share Santosh Shrivastava 5 Feb 2020 · 1 min read पल चलती रहती है जिन्दगी कभी खट्टी कभी मीठी कभी खुशी कभी गम कभी मिलना कभी बिछुड़ना कभी प्यार कभी तकरार कभी माँ की गोदी में सिर कभी चार कंधों पर... Hindi · कविता 222 Share Santosh Shrivastava 3 Feb 2020 · 1 min read बिन शगुन सब सून है भारतीय संस्कृति में शगुन शुभ उपहार होता है छोटा करता बड़ा उपकार छोटे-बड़े हर काम में शगुन रखता बहुत महत्व होने वाले सब काम को देता अस्तित्व देता है... Hindi · कविता 1 216 Share Previous Page 2 Next