Santosh Shrivastava Tag: बाल कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Santosh Shrivastava 28 Jul 2019 · 1 min read सोनचिरईया कहाँ हो तुम कहाँ कहाँ न ढूंढा कहीं न मिली वो कभी आ खिड़की से झांकती थी वो बड़े प्यार से बुलाती थी वो कभी घरोंदा बनती थी वो कभी दाना चुगती थी... Hindi · कविता · बाल कविता 439 Share Santosh Shrivastava 10 Jun 2019 · 1 min read सब की प्यारी कोयल हमारी दिनांक 10/6/19 रूप रंग पर जाओ मत मधुर वाणी है सब से मुख्य कोयल की बोली से मन हो उठे मयूर कोयल के सब दीवाने होती जब की वह कारी... Hindi · कविता · बाल कविता 312 Share Santosh Shrivastava 2 Feb 2019 · 1 min read बालमन और नटखट यादें बचपन के वो खिलोने कन्चे , गिल्ली डंडे, चपेटे, चक्की और चूल्हा शादी गुड्डे-गुड़िया की राधा बनी दुल्हन और किसन बने है दूल्हा राधा किसन की जौडी निराली लागे सबको... Hindi · कविता · बाल कविता 242 Share Santosh Shrivastava 3 Jan 2019 · 1 min read कर्म ही जीवन है कर्म ही जीवन है कर्म ही पूजा है कर्म ही धर्म है जीवन में है सफल वही इन्सान जो है कर्म प्रधान कृष्ण का भी यही है संदेश करो कर्म... Hindi · कविता · बाल कविता 667 Share