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Chandi ke TAAR bhi....Ghazal by Sandeep Thakur
Chandi ke TAAR bhi....Ghazal by Sandeep Thakur
Sandeep Thakur
रात-दिन रोने से भी कुछ बात बन पाई कहाँ - संदीप ठाकुर
रात-दिन रोने से भी कुछ बात बन पाई कहाँ - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
न तो तारे बुझे पल भर - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
न तो तारे बुझे पल भर - ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
लहर ने जब बिखरते वक़्त मुड़ के पुल को देखा था
लहर ने जब बिखरते वक़्त मुड़ के पुल को देखा था
Sandeep Thakur
प्यार
प्यार
Sandeep Thakur
हर मोड़ पे उन का हमारा सामना होने लगा - संदीप ठाकुर
हर मोड़ पे उन का हमारा सामना होने लगा - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
देखूँ तो वो सामने बैठा हुआ है - संदीप ठाकुर
देखूँ तो वो सामने बैठा हुआ है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आंख हो बंद तो वो अपना है - संदीप ठाकुर
आंख हो बंद तो वो अपना है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
बेवजह मुझसे फिर ख़फ़ा क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
बहते पानी पे एक दरिया ने - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
ग़म-ख़ुशी सब परख के चुप था वो- संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
दो दिलों में तनातनी क्यों है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
दरिया की लहरें खुल के - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
प्यार में लेकिन मैं पागल भी नहीं हूं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
दरिया की तह में ठिकाना चाहती है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
झूठ है सब ज़हीन धोका है - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
जाम सिगरेट कश और बस - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
उस की आँखें ग़ज़ालों सी थीं - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
आंख से मत कुरेद तस्वीरें - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
इबारत जो उदासी ने लिखी है-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
ख़ुद से अपना हाथ छुड़ा कर - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
पहने कपड़े सुनहरे चमकती हुई
Sandeep Thakur
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
आ जा अब तो शाम का मंज़र भी धुँधला हो गया
Sandeep Thakur
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
तेरे जाने के बाद बस यादें -संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
मुझ से दो दिन अलग रही है तू
Sandeep Thakur
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
झाग गुमसुम लहर के आंँसू हैं
Sandeep Thakur
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
बिन तिरे इक कमी रही बरसों - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
शेर-शायरी
शेर-शायरी
Sandeep Thakur
सड़ गई है उदासी तनहाई-संदीप ठाकुर
सड़ गई है उदासी तनहाई-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
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