Sandeep Gour Rajput 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Gour Rajput 11 Feb 2021 · 2 min read बीते दिन बीते दिन ________✍️ हम कभी खुश थे आबाद थे बीत गए जो दिन उनकी जान थे अपनी हर मनमानियों से आजाद थे कभी मिट्टी से घरौंदा रच देते थे कभी... Hindi · कविता 3 4 309 Share Sandeep Gour Rajput 1 Feb 2021 · 1 min read विरह में लिखा मोहबब्त का ख़त आज उठा कर कलम कुछ लिखता हूँ सजनी से दूर परदेशी पिया के विरह का ख़त लिखता हूँ, सुनो सजनी तुम्हारे बिन अधूरा सा लगता सब यहाँ नहीं लगता है... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 46 637 Share Sandeep Gour Rajput 25 Jan 2021 · 1 min read अक्सर ______ अक्सर_________✍️ हम तुम्हें ढूंढ़ते हैं तन्हाई में अक्सर जैसे विरह में हंस लाव - लश्कर ना मिलने पर ख़ूब अश्रु बहाते फ़िर छुप - छुपकर पता पूछती हैं यादें ख़्वाब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 477 Share Sandeep Gour Rajput 15 Jan 2021 · 1 min read बिटियाँ रानी___ बेटी मेरी प्यारी - प्यारी पापा की आँँखो की दुलारी ममी की हैं चाँद- तारी, बेटी मेरी, मेरा अभिमान हैं बसती उसमें मेरी जान हैं बेटी भी आज स्वाभिमान हैं,... Hindi · कविता 2 4 317 Share Sandeep Gour Rajput 15 Jan 2021 · 1 min read तूने हमे पुकारा ही नहीं हम आज भी तेरे है, तूने हमे कभी पुकारा ही नहीं हाँ पता है मुझे भी तेरे बिना मेरा कोई सहारा ही नहीं, क्या हुआ उन वादों का जो हमने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 326 Share Sandeep Gour Rajput 13 Jan 2021 · 1 min read सोने के पिंजरे में कैद परिंदा सोने के पिंजरे में कैद परिंदा______✍️ सोने के पिंजरे में कैद परिंदा पल - पल रहे उसको भय का फंदा मानव तेरा ये कैसा गोरख धंधा कितना तू निर्दयी है... Hindi · कविता 298 Share Sandeep Gour Rajput 12 Jan 2021 · 1 min read मुसाफ़िर हूं यारों मुसाफ़िर हूं यारों_______✍️ जिंदगी के कारवां से भटका एक मुसाफ़िर हूं यारो, हौसलों को लगा कर पंख अभी उड़ना बहुत आगे है , ये मत समझना एक अरसे से थका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 532 Share Sandeep Gour Rajput 12 Jan 2021 · 1 min read अधूरी रचना अंतर्मन में चलती चंचलता हो तुम ख़्वाबों में उठी प्यारी कल्पना हो तुम मोर की पंखों जैसी सुन्दरता हो तुम रह गई जो अधूरी वो मेरी रचना हो तुम ।। Hindi · मुक्तक 2 355 Share Sandeep Gour Rajput 11 Jan 2021 · 1 min read कोरोना काल कौन ! कहा से आया रे ,तू कोरोना कर दिया तूने सब पर जादू - टोना अलग कर दी तूने बाबू से उसकी सोना सिमट कर रह गई जिंदगी तूने... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 24 346 Share Sandeep Gour Rajput 11 Jan 2021 · 2 min read मासूमियत मासूमियत_____लघुकथा________✍️ शहर के बिचो- बीच मीना मेम का बंगला महल से कम नहीं था , गले , कान, नाक मे महंगे आभूषण इसका संकेत करते थे कि मीना मेम की... Hindi · लघु कथा 1 10 562 Share Sandeep Gour Rajput 11 Jan 2021 · 1 min read धरतीपुत्र धरतीपुत्र_________✍️ हालात जो भी हो हम इन्कलाब लाएंगे , आंधी ,तूफान क्या रोकेंगे हम हर मुसीबत से टकराएंगे।। हम ना टूटे है ना कभी टूटेगें चिर सिना धरती का हम... Hindi · कविता 1 4 411 Share