Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
Comments (10)

You must be logged in to post comments.

Login Create Account

शुरुआत अच्छी है परंतु मध्य से प्रायोगिक यथार्थ न होकर स्वप्नदर्शी आदर्शवाद की तरफ चली जाती है जो स्वाभाविकता से दूर है ।

11 Jan 2021 05:28 PM

बीच में बच्चे की मासूमियत दिखाई गई है जिसने मीना मेम के दिल में छाप छोड़ी , जिस पर कहानी आधारित है , सीख जाएंगे जी आराम आराम से , कहानी का अवलोकन कर अच्छाई व खामियां बताने का तहदिल से शुक्रिया आपका

11 Jan 2021 02:40 PM

मां सरस्वती की कृपा होगी अच्छे लेखक भी बन जाओगे! “मासूमियत” एक सुंदर लघु कथा के लिए धन्यवाद! मेरी रचना”” नाम मिला जिसे कोरोना”” का अवलोकन करने का कष्ट करें, अच्छी लगे तो वोट देकर अनुग्रहित करें !धन्यवाद!

11 Jan 2021 05:28 PM

जी आभार आपका

अत्यन्त प्रभावशाली एवं सन्देशपूर्ण, सृजन,राजपूत जी ..! आपसे विनम्र अनुरोध है कि मेरी रचना “कोरोना को तो हरगिज़ है अब ख़त्म होना ” पर भी दृष्टिपात करने की कृपा करें एवं यदि रचना पसन्द आए तो कृपया वोट देकर कृतार्थ करें..!
साभार..!???

11 Jan 2021 05:36 PM

आभार आपका जी

11 Jan 2021 01:19 PM

भई, आपकी लेखनी में तो मानवीय संवेदनाओं का प्रचुर भंडार है,हम समाज में यह संदेश देने में कामयाब हो जाएं तो बहुत कुछ परिवर्तन नजर आ सकता है, ऐसे हाल में जब संवेदनाएं सिर्फ अपनों तक ही सिमट गई है! बहुत सुंदर भाव पूर्ण अभिव्यक्ति है!

11 Jan 2021 01:58 PM

बहुत बहुत शुक्रिया जी आपका , बस कोशिश करते है जी हम तो

11 Jan 2021 01:06 PM

अति सुन्दर लघु कथा संदीप जी.. शुभकामनाएं ? कृप्या मेरी कविता “कोरोना बनाम क्यूँ रोना”का अवलोकन करें और अपना बहुमूल्य वोट देकर अनुगृहित करें ?

11 Jan 2021 01:57 PM

बहुत बहुत शुक्रिया आपका ,

Loading...