Sandeep Raaz Anand Language: Hindi 13 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Sandeep Raaz Anand 22 Jul 2021 · 1 min read ग़ज़ल ग़ज़ल ________ जरा-सी बात पर हमको रुला बैठे हो,अच्छा है! हमें अपनी निगाहों में गिरा बैठे हो,अच्छा है! तुम्हारे चैट तक अब भी जबानी याद हैं हमको उधर तुम यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 307 Share Sandeep Raaz Anand 25 Mar 2021 · 1 min read क्योंकि कटना सार्वभौमिक सत्य है! क्योंकि कटना सार्वभौमिक सत्य है! ------------------------------------------ इश्क़ के शुरुआती दिनों में लगता है कि हम इस दुनिया के पहले सौभाग्यशाली पुरुष हैं जिसे इस स्वर्ग की प्राप्ति हुई है।फिर एक... Hindi · लेख 1 275 Share Sandeep Raaz Anand 13 Feb 2021 · 1 min read ग़ज़ल बहुत उलझी हुई है जिंदगी अब। उपर से साथ में है शाइरी अब। मैं कितने रोज तक रोया करूंगा चलो न छोड़ते हैं आशिक़ी अब। दीवाना मर न जाए सामने... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 30 392 Share Sandeep Raaz Anand 20 Apr 2020 · 1 min read दिल लगाओ तुम दिल लगाओ तुम कौन कहता कि दिल लगाओ तुम. कम से कम दिल तो बहलाओ तुम. कहां कहता हूं कि तुम सामने बैठो छत पे आओ तो मुस्कुराओ तुम. ज़माने... Hindi · कविता 1 433 Share Sandeep Raaz Anand 29 Dec 2018 · 1 min read तेरा चेहरा हर रंग में उभर आता है तेरा चेहरा आसमान में बादलों के बीच उपवन के फूलों के बीच दूर तक लहलहाते खेतो के बीच रिमझिम बरस रहे बूंदों के बीच... Hindi · कविता 3 1 399 Share Sandeep Raaz Anand 19 Dec 2018 · 1 min read दुनिया मतलबी है........ चढ़ना जो चाहोगे ऊंचे शिखर को यह दुनिया पीछे से कदम खींच देगी चढ़ भी गए अगर, गिरते संभलते यह दुनिया वही से नीचे फेंक देगी दोबारा से उठकर जो... Hindi · कविता 2 1 484 Share Sandeep Raaz Anand 4 Nov 2018 · 1 min read माँ के बिना जिंदगी जिंदगी ताश के पत्तों सी बिखर गई होती अगर मेरे जिंदगी में माँ नहीं होती कहने को ये सारा जहाँ अपना हैं पर कुछ नहीं है जब माँ नहीं होती... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 28 828 Share Sandeep Raaz Anand 2 Nov 2018 · 1 min read छुपवली उ काहे छुपवली उ काहे बतावली काहे ना जे रहल मोहब्बत जतावली काहे ना अँखिया से अँखिया मिलावत त रहली इशारा में हमके बोलावत त रहली पर उनकर इशारा बुझाइल ना हमरा... Hindi · गीत 3 1 614 Share Sandeep Raaz Anand 24 Oct 2018 · 1 min read प्यार मोहब्बत इश्क की बाते सपने क्या है मेरे कैसे मैं खुलेआम कह दूं दिल में मेरे भी है कोई कैसे उसका नाम कह दूं। बिन्दी रोली चुड़ी कँगन हमको भी अच्छे लगते है प्यार... Hindi · मुक्तक 2 463 Share Sandeep Raaz Anand 18 Oct 2018 · 1 min read पापा की परी वरदान होती हैं बेटियां क्या नहीं होती हैं बेटियां गुलशन की कली घर की सहन चाँद आसमाँ की सब कुछ होती हैं बेटियां पापा की परी माँ की लाडो घर... Hindi · कविता 2 825 Share Sandeep Raaz Anand 21 Sep 2018 · 1 min read स्त्री...ज़रूरी है। स्त्री............. ना जिन्दगी में है ना अलमारी में ना मोबाइल में स्त्री बहुत दूर है मुझसे........... कोसो दूर.… पर वो खालीपन जो होना चाहिए था मुझमें.......... नहीं है क्योंकि मैं... Hindi · कविता 2 284 Share Sandeep Raaz Anand 19 Sep 2018 · 1 min read फिर वही तन्हाई फिर वही दौर फिर वही बातें फिर वही तन्हाई फिर वही रातें ठोकर पाँव को मिलते तो शायद चले भी आते, जख्म दिल के हैं कि एक पग चलने नहीं... Hindi · कविता 1 339 Share Sandeep Raaz Anand 18 Sep 2018 · 1 min read मैं लिखूंगा... मैं लिखूंगा तेरी सांसो में समा जाने के लिए मैं लिखूंगा तेरे दिल में उतर जाने के लिए तेरे इन कजरारे नैनों में काजल की तरह छा जाऊंगा तेरे दिलो-दिमाग... Hindi · कविता 2 443 Share