Arun Kumar Tag: कविता 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read शायद मैं ना जागूँ एक दिन शायद मैं ना जागूँ एक दिन..... ----------------------------------------------------------- शायद मैं ना जागूं एक दिन, साँसें जब ये रुक जाए । लहू की तीव्र गति रुक जाए धड़कन दिल की थम जाए... Hindi · कविता 384 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read अब कैसे दिन आएंगे??? ? अब कैसे दिन आएंगे 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 एक महानुभाव ने आकर के पूछा ये आँख मिलकर के । अच्छे दिन तो हुए पुराने अब कैसे दिन आएंगे ?? मैं मुस्काया,आदत है... Hindi · कविता 497 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read जीत तय हुआ जीत तय हुआ ..... ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ प्रातः विहग चहक सुन सुन कर जग जीवन संगीत मय हुआ । सामष्टिक नूतनता लेकर नव जीवन का गीत तय हुआ ।। मंद सुगन्धित पवन... Hindi · कविता 321 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read ऐ सामरिक कब आएगा ऐ सामरिक कब आएगा............ _________________________________ किस सृजन में है लगा ऐ सामरिक कब आएगा । सज्जनें हैं व्यग्र जग में सत्य कब फैलाएगा ।। किस सृजन में............................. वक्त है कम... Hindi · कविता 523 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read बुद्धों की इस देवधरा पर... बुद्धों की इस देवधरा पर........ __________________________________ कोई भी त्यौहार देश में तबतक रास ना आएगा । बुद्धों की इस देवधरा पर जबतक न्याय ना आएगा ।। जबतक चेतन सुप्त रहेगा... Hindi · कविता 254 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read नव विहान नव विहान 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 नव विहान नव ऊर्जा लेकर, जगत पटल रोशन करता है । व्यग्र-तृप्त, हर्षित-विशाद पर मानस नित दोलन करता है ।। पंछी गण नव कलरव लेकर गीत विहंगम... Hindi · कविता 1 693 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read अद्भुत संगम अद्भुत संगम 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 है दुखों का अगम पयोधि हृदय गर्त अश्कों से भरा है । किस दुविधा में फँसा अकिंचन दुनिया ये कितना गहरा है ।। जब से देव रूप... Hindi · कविता 619 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read चल पड़ा है सामरिक चल पड़ा है सामारिक.....???????? ------------------------------------------- चल पड़ा परचम लिए मैं, हर गली और गाँव को । है जहाँ सम्पूर्ण भारत, वर्ष के उत्थान को ।। है निहित सत्ज्ञान पथ ,... Hindi · कविता 260 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read मेरे सपनो के भारत में... ??मेरे सपनो का भारत?? –-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–-–- मेरे सपनो के भारत में , भारत ये विश्वगुरु होगा । सभी अधूरे स्वप्न धरा का, निश्चय ही आज शुरू होगा ।। करवट लेकर ऊब... Hindi · कविता 252 Share Arun Kumar 27 Jun 2016 · 1 min read मैं अभियंता... ? मैं अभियंता 〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰〰 मैं अभियंता मातृभूमि को तन मन अर्पित करता हूँ । भाव भरा अनुभूति और ये जीवन अर्पित करता हूँ ।। मैं अभियंता मातृभूमि को............ स्व की... Hindi · कविता 632 Share Arun Kumar 9 Jun 2016 · 1 min read शादी का व्यापार शादी का व्यपार ~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~~ शादी की व्यापार आज कल चरमोत्कर्ष पे काबिज है । चलता फिरता है दूकान यह कहीं भी आज मुनासिब है ।। लड़कों की नीलामी होती सरे... Hindi · कविता 620 Share Arun Kumar 9 Jun 2016 · 1 min read जाग्रति ? जागृति ×××××××××××××××××××××××××××× डर दफ़न कर दे कहीं पर ख़ौफ़ को कर दे विदा । अब नहीं रहना तुझे भी जिंदगी से गुमसुदा ।। अब तो है प्रत्यक्ष मंजिल रास्ते... Hindi · कविता 557 Share