babita garg Tag: कविता 1 post Sort by: Latest Likes Views List Grid babita garg 16 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ तो माँ होती है,उस जैसी और कहाँ है। निश्छल प्रेम की थाती,माँ जैसी और कहाँ है। नौ महीने नव जीवन की,धारा उसमें बहती। प्रसव पीड़ा सहती और,मुख से उफ़... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 26 1k Share