संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: Quote Writer 35 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2024 · 1 min read एक मुक्तक एक मुक्तक ____________ दुःख दर्द वेदनाएं सुनाता रहा हूँ मैं। जो झेली यातनाएं सुनाता रहा हूँ मैं। वैसे तो लाखों दानवीर कर्ण हैं यहाँ~ पर भूख की कथाएं सुनाता रहा... Quote Writer 113 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 Jul 2024 · 1 min read अब छंद ग़ज़ल गीत सुनाने लगे हैं हम। अब छंद ग़ज़ल गीत सुनाने लगे हैं हम। दुख- दर्द वेदनाएं भुनाने लगे हैं हम। वैभव के लिए बेंच बेबसों की बेबसी~ खुद से ही नज़र खुद की चुराने लगे... Quote Writer 1 74 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jul 2024 · 1 min read आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी। आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी। श्रेष्ठ जलेश्वर लोकगुड़ा कृतिभूषण दुर्जय हे! हितकारी। नाथ अनाथन के दुख भंजन रुद्र मृदा शिव हे! सुखकारी। नाथ पड़ो विपदा हम पे अब... Quote Writer 87 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 26 Jul 2024 · 1 min read आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी। आदि अनंत अनादि अगोचर निष्कल अंधकरी त्रिपुरारी। श्रेष्ठ जलेश्वर लोकगुड़ा कृतिभूषण दुर्जय हे! हितकारी। नाथ अनाथन के दुख भंजन रुद्र मृदा शिव हे! सुखकारी। नाथ पड़ो विपदा हम पे अब... Quote Writer 1 76 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Mar 2024 · 1 min read ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी। स्वर्ग सिधार गयी करुणा, अब व्यस्त सभी निज में नर-नारी। आफत देख सुयोग लखे, मन से मनु हीन हुआ कुविचारी। नात सखा... Quote Writer 1 145 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2024 · 1 min read स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। हर्ष बढ़े दुख नाशक हो नव भाग्य रचे जन लायक हो। मंगलदायक शान्ति चराचर उन्नति का परिचायक हो। द्वेष मिटे... Quote Writer 201 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Jan 2024 · 1 min read स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। स्वागत है इस नूतन का यह वर्ष सदा सुखदायक हो। हर्ष बढ़े दुख नाशक हो नव भाग्य रचे जन लायक हो। मंगलदायक शान्ति चराचर उन्नति का परिचायक हो। द्वेष मिटे... Hindi · Quote Writer 241 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Nov 2023 · 1 min read ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास। ज्ञानवान दुर्जन लगे, करो न सङ्ग निवास। सर्प सर्प हर हाल में, मनिक भले हो पास।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 260 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Oct 2023 · 1 min read ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है, ज़माने को समझ बैठा, बड़ा ही खूबसूरत है, मगर मुझको पता था क्या, यहाँ बस चालबाजी है। कहा मुझसे तुम्हीं बस एक, मेरे मात्र रहबर हो, दिलासा दे किया धोखा,... Quote Writer 204 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Sep 2023 · 1 min read विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। विघ्न-विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। मोदक को अब मोल नहीं, मदिरा मदिरालय ही उजियारा। नाथ अनाथ हुआ अनुराग, मिठास विहीन सनातन धारा। प्रेम पवित्र रहा न... Quote Writer 269 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2023 · 1 min read बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे। बिटिया घर की ससुराल चली, मन में सब संशय पाल रहे। नम नैनन में अभिलाष यहीं, नव व्यञ्जन पूरित थाल रहे। कल की कलिका कुम्हलाय नहीं, नव पल्लव पुष्पित डाल... Quote Writer 1 454 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Sep 2023 · 1 min read बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला। बृद्ध हुआ मन आज अभी, पर यौवन का मधुमास न भूला। मौज करे निज धर्म सु-संग कुमार्ग तजें पल खास न भूला। काल परिस्थिति होत विरूद्ध सुपंथ चला मन आस... Quote Writer 352 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 30 Aug 2023 · 1 min read आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइ आप सभी को रक्षाबंधन के इस पावन पवित्र उत्सव का उरतल की गहराइयों से हार्दिक बधाई 🙏🙏 ____________________________________ रेशम डोर लिए बहना मम, पावन नेह लुटावन आई। गावत सावन गीत... Quote Writer 193 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 25 Aug 2023 · 1 min read शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की। शिव का सरासन तोड़ रक्षक हैं बने श्रित मान की। वरमाल शोभित है गले अरु संग में बधु जानकी। सुख सार केवल राम ही मिथिलेश के निज धाम की। जयकार... Quote Writer 1 535 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Aug 2023 · 1 min read रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार। रूप अलौकिक हे!जगपालक, व्यापक हो तुम नन्द कुमार। मातु यशोमति के ललना अब, लो सुनलो प्रभु भक्त पुकार। पाप बढ़ा जब आज धरा पर, आन बसो भव है; मनुहार। नाथ... Quote Writer 420 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Aug 2023 · 1 min read पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ। पाप बढ़ा वसुधा पर भीषण, हस्त कृपाण कटार धरो माँ। रक्त पिपासु कई महिषासुर, मार इन्हें भव त्रास हरो माँ। पाप मिटा भव ताप हरो हर, पातक के हिय भक्ति... Quote Writer 1 1 439 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 28 Jul 2023 · 1 min read मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना। मौसम सुंदर पावन है, इस सावन का अब क्या कहना। छाय रही घनघोर घटा, बिन साजन दुस्कर है रहना। नीर झरे दृग से सजना, मन ढ़ूंँढ रहा तन का गहना।... Quote Writer 1 336 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 2 Jul 2023 · 1 min read वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत। वन मोर नचे घन शोर करे, जब चातक दादुर गीत सुनावत। छिछली तटिनी उतराई बहे, पावस नभ से जलधार गिरावत। सखियाँ सब झूलत बागन में, झुलुआ सजना मुसकाय झुलावत। जब... Quote Writer 2 321 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 5 Jun 2023 · 1 min read काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह। काट रहे सब पेड़ नहीं यह, सोच रहे परिणाम भयावह। मान रहे हर बात नहीं तुम, जान रहे यह काम भयावह। घोर घटा - घनघोर नहीं पर, नीर बिना अभिराम... Quote Writer 479 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2023 · 1 min read विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। विध्न विनाशक नाथ सुनो, भय से भयभीत हुआ जग सारा। मोदक को अब मोल नहीं, मदिरा मदिरालय ही उजियारा। नाथ अनाथ हुआ अनुराग, मिठास विहीन सनातन धारा। प्रेम पवित्र रहा... Quote Writer 673 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 27 May 2023 · 1 min read विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार । विद्या देती है विनय, शुद्ध सुघर व्यवहार । मन पावन जस सुरनदी, वैभव उच्च विचार।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' (नादान) Quote Writer 1 665 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 24 May 2023 · 1 min read दिनांक:- २४/५/२०२३ दिनांक:- २४/५/२०२३ प्रेम भरा हो जिस हृदय, कभी न हो पाषाण। जिस हिय पलता प्रीत नहीं, मानों है निष्प्राण।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 452 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 22 May 2023 · 1 min read भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏 भूतल अम्बर अम्बु में, सदा आपका वास।🙏 उर में मेरे आ बसों, मैं चरणों का दास।।🙏🙏 ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' (नादान) Quote Writer 204 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 21 May 2023 · 1 min read दिनांक - २१/५/२०२३ दिनांक - २१/५/२०२३ -------------------------------------------- मंदिर से शैतान निकलते देखा है। मस्जिद से हैवान निकलते देखा है। शूकर को कहता है जो तू शुद्र पशु- शूकर से भगवान् निकलते देखा है।।... Quote Writer 266 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2023 · 1 min read चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार। चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार। वर्णित जिसमें है सभी, निर्मल उर उदगार।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 366 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2023 · 1 min read चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार। चिट्ठी तेरे नाम की, पढ़ लेना सरकार। वर्णित जिसमें है सभी, निर्मल उर उदगार।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 188 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 May 2023 · 1 min read चिट्ठी तेरे नाम की, पढ लेना करतार। चिट्ठी तेरे नाम की, पढ लेना करतार। जिसमें वर्णित है किया, पीड़ा का संसार।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 458 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 16 May 2023 · 1 min read #आज_का_दोहा #आज_का_दोहा दिनांक - १६/५/२०२३ काम, क्रोध, मद् लोभ का, मन ही करता बोध। पुनि - पुनि हर्ष विषाद का, करता है नित शोध।। ✍️पं.संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 233 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 May 2023 · 1 min read कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार। कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार। इससे उत्तम है नहीं, जीवन में सुख सार।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 258 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 May 2023 · 1 min read कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार। कठिन परिश्रम साध्य है, यही हर्ष आधार। इससे उत्तम है नहीं, जीवन में सुख सार।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 1 780 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 15 May 2023 · 1 min read अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात। अक्षय चलती लेखनी, लिखती मन की बात। मिथ्या से जो दूर हो, वहीं सदय जज्बात।। ✍️ संजीव शुक्ल 'सचिन' Quote Writer 2 280 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Apr 2023 · 1 min read अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं। अभी जाम छल्का रहे आज बच्चे, इन्हें देख आँखें फटी जा रही हैं। पलो में अभागे बनें भाग्य खोते, अजी जिन्दगी ही कटी जा रही है। अवस्था न बाल्या करे... Quote Writer 208 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Apr 2023 · 1 min read ओढ़े के भा पहिने के, तनिका ना सहूर बा। ओढ़े के भा पहिने के, तनिका ना सहूर बा। आज काल्ह के बबुनी के, कुछुओ ना लूर बा।। बाबू जी से लड़ें रोजे, माई के दे गाली। फटही उ जिन्स... Quote Writer 1 439 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 6 Apr 2023 · 1 min read आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है। आँखों पर ऐनक चढ़ा है, और बुद्धि कुंद है। बोध पर पर्दा पड़ा है द्वार सारे बंद है। किस तरफ किसी ओर जाएँ, कौन सोचे क्यों भला~ लोभ के वश... Quote Writer 1 600 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 12 Feb 2023 · 1 min read #दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या....!! #दीनता_की_कहानी_कहूँ_और_क्या....!! ______________________________________________ तृप्त होती नहीं है क्षुधा की अगन, सच्चिदानंद भी तो बुलाते नहीं। दीनता की कहानी कहूँ और क्या, अश्रु सूखे नयन के रूलाते नहीं।। नित्य खण्डित हृदय के... Quote Writer 1 504 Share