संजीव शुक्ल 'सचिन' Tag: लघु कथा 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2021 · 1 min read साड़ी साड़ी ______ बबलू ये बबलू कहा बाड़ऽ हो, दादी जोर जोर से हांक लगावत रहली पऽ बबलूआ कहीं लउकाते ना रहल। ये फुलेसर कहां बा हो बबलूआ, बहुत ही देर... Hindi · लघु कथा 2 2 701 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 7 Jul 2021 · 1 min read साड़ी साड़ी ______ बबलू ये बबलू कहा बाड़ऽ हो, दादी जोर जोर से हांक लगावत रहली पऽ बबलूआ कहीं लउकाते ना रहल। ये फुलेसर कहां बा हो बबलूआ, बहुत ही देर... Bhojpuri · लघु कथा 3 458 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Jun 2021 · 1 min read फैसला (भोजपुरी लघुकथा) भोजपुरी दिनांक:- १७/०६/२०२१ विधा:- लघुकथा ______________________________________ फैसला सोहन आज बड़ा खुश बाड़ें, सरकारी महकमा, ओहियो में रेलवे। नोकरी के खबर सुन के उनकर दांत नइखे तोपात। रामसमुझ के देखते गोड़... Hindi · लघु कथा 3 4 750 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 18 Jun 2021 · 1 min read दहेज (भोजपुरी लघुकथा) भोजपुरी दिनांक:- १७/०६/२०२१ विधा:- लघुकथा दहेज ______ रामजतन आज अपना बड़का लइकवा के देखउवन के इंतिजारी में कबो चउकी पर बइठऽ तारे तऽ कबो रहिया में खाड़ होके एकटक जेने... Hindi · लघु कथा 2 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Dec 2020 · 1 min read खोटा-सिक्का खोटा सिक्का ------------------/ "माँ जी 'आज उनकी तबियत ठीक नहीं है. आप एक दो रोज और इंतजार करें, समय मिलते ही वो आपको डॉक्टर के पास ले जायेंगे।" छवि ने... Hindi · लघु कथा 4 3 694 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Dec 2020 · 1 min read एक रिश्ता ऐसा भी.....!! एक रिश्ता ऐसा भी......!! बहुत ही घमण्डी नकचढ़ी औरत है, इसके मुंह कौन लगे, संजू जब भी माहेश्वरी को पढ़ता उसके मन-मस्तिष्क में यही भाव उभरते। आज फिर संजू ने... Hindi · लघु कथा 1 684 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 Jun 2019 · 2 min read लघुकथा रूप बड़ा या गुण...?? *********************** तू मर क्यों न जाती कलमुँहीआखिर यूँ कबतक हमारे सीने पर मूंग दलती रहेगी माँ के ये शब्द कमली को व्यथित करने को प्रयाप्त थे,... Hindi · लघु कथा 1 549 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 10 Sep 2018 · 2 min read उम्मीदों का बोझ उम्मीदों का बोझ ===\===///=== गजब की निस्तब्धता थी फिजा में, हर आँख सजल , चेहरे गमों के सागर में गोते लगाते से दिख रहे थे। रामचरण तो जैसे जड़वत मूर्तिमान... Hindi · लघु कथा 7 434 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 May 2018 · 2 min read ससुराल ससुराल ********* बहु क्या कर रही हो यूं कबतक सोती रहोगी ...चाय क्या तेरी माँ आकर बनायेगी....सासुजी के इस उलाहना भरे स्वर को सुनते हीं अनायास माँ की याद आ... Hindi · लघु कथा 528 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 4 May 2018 · 2 min read वह खत वह खत (लघुकथा) ****************** मन बड़ा उदास था कई दिनों के निर्थक भाग दौड़ का आज समापन जो हुआ था वह भी घोर अनिश्चितता के साथ। आज मैने निश्चय कर... Hindi · लघु कथा 1 453 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Apr 2018 · 2 min read भावशून्य आंखें भावशून्य आंखें ======///=== आज फिर मैं उसी रास्ते गुजरा ,फिर वही सूनी आँखें और उन आँखों में शायद किसी का बेसब्री से इंतज़ार….? शहर के बाहरी हिस्से में बना एक... Hindi · लघु कथा 1 578 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 11 Apr 2018 · 1 min read यह कैसी आत्मिक शान्ति? यह कैसी आत्मिक शान्ति..?? ************************* अमरमणि का आंगन लोगों से ठसाठस भरा हुआ था , ग्यारह पंड़ित वैदिक मंत्रोच्चारण कर रहे थे , फिजाओं में मंत्र गुंजायमान हो रहे थे।... Hindi · लघु कथा 378 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 20 Mar 2018 · 2 min read दुर्भाग्य प्रदत कुपोषण दुर्भाग्य प्रदत्त कुपोषण ******************** नौएडा मजदूर चौक जहाँ प्रति दिन सुबह से लेकर साम तक चिलचिलाती धूप हो, कड़ाके की ठंढ हो या फिर बारिश का मौसम यहाँ रोजीरोटी की... Hindi · लघु कथा 375 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 8 Mar 2018 · 2 min read बेटी बचाओ बेटी पढाओ दृढनिश्चय ************* रामनरेश अपनी पत्नी को लेकर जांच घर पहुंचे....आज अल्ट्रासाउंड से यह पता करना था कि जया के कोख में बेटा पल रहा है या बेटी। एक अजीब तरह... Hindi · लघु कथा 267 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 1 Mar 2018 · 2 min read नशा सेहत के लिए हानिकारक है। नशा सेहत के लिए हानिकारक है। ****************************** मोहल्ले में जैसे आज विराने का साम्राज्य था, मुख्तार कल दोपहर से घर नहीं आया था और आज सुबह-सुबह खबर आई की उसका... Hindi · लघु कथा 1 1k Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Oct 2017 · 1 min read कालाधन (व्यंग) आज कई दिनों से कलुआ परेशान है, सभी कह रहे हैं जिन जिनके पास भी काला धन है उन्हें मोदी जी छोड़ेंगे नहीं।मैंने आज नहीं रहा गया पूछ ही लिया... Hindi · लघु कथा 1 452 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 19 Oct 2017 · 1 min read हरिया हरिया आज ही कमाये बदे गांव से दिल्ली आवा है।स्टेशन से उतर कर वह सीधा अपने गांव के एक मित्र रामधनी के घर पहुचता है। खाना पीना करने के उपरांत... Hindi · लघु कथा 599 Share संजीव शुक्ल 'सचिन' 9 Sep 2017 · 2 min read हमें क्या? अलसाई आखों से आसमान को निहारते हुये छत की मुंडेर पर बैठे- बैठे बस एक ही बात सोचे जा रहा था; आखिर कब अंत होगा इस नामुराद आतंकवाद का ,... Hindi · लघु कथा 383 Share