Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 76 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read मेरा भारत महान् (देशगान) ('पन्द्रह अगस्त छियानवे' के लिए 1996 में रचित यह रचना चरण के पहले अक्षर पर केंद्रित है, जिससे पूरा देशगान 'पन्द्रह अगस्त छियानवे' बन रहा है।) पर्वत हिमगिरि का आलिंगन... Hindi · गीत 2 251 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read क्षुद्रिकाएँँ दुश्मनी ***** दु:स्वप्न सा भर के गरल आकंंठ दोनों आखों में ले तडि़त सौदामनी। संकल्प ***** संस्कार कल्प बदल दे कलेवर तन का कर ले प्रण उठा के कुलिश विकल्प।... Hindi · कविता 2 312 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read विद्रू्पताएँँ 1 संस्कार होंगे राम राज्य के स्वप्न साकार होंगे 2 बेच ज़़मीर बनता है तब ही कोई अमीर 3 भ्रष्टाचार तो कैंसर है, देश जो है लाचार तो 4 भ्रूण... Hindi · हाइकु 298 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 8 Sep 2016 · 1 min read भारत मेरा महान् उन्नत भाल हिमालय सुरसरि, गंगा जिसकी आन । उन्मुक्त तिरंगा शांति दूत बन, देता है संज्ञान। चक्र सुदर्शन सा लहराए, करता है गुणगान। चहूँ दिशा पहुँचेगी मेरे, भारत की पहचान।।... Hindi · कविता 478 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Sep 2016 · 3 min read कोई अन्याय नहीं किया (प्रेरक प्रसंग) भिक्षा ले कर लौटते हुए एक शिक्षार्थी ने मार्ग में मुर्गे और कबूतर की बातचीत सुनी। कबूतर मुर्गे से बोला-“मेरा भी क्या भाग्य है, भोजन न मिले, तो मैं कंकर... Hindi · लघु कथा 460 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Sep 2016 · 1 min read चुपके-चुपके मेरे शहर से दीवाने की मीठी यादें लाती है दिन-रात हवा। चुपके-चुपके मेरे शहर से जाती है दिन-रात हवा। तितली बन कर जुगनू बन कर आती है दिन-रात हवा।। चुपके-चुपके......' सूना पड़ा है... Hindi · गीत 224 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 7 Sep 2016 · 1 min read कुछ न कुछ बदला जाए चलो आज से कुछ ना कुछ बदला जाए। माँ हर दम कुछ ना कुछ है करती रहती धरती अपनी धुर पर है चलती रहती ऐसे ही अब कुछ खुद को... Hindi · गीत 391 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read शिक्षक जो शिक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते हैं। जो दीक्षित करता हम उसको, शिक्षक कह सकते है। दिशा दिखाये दे दृष्टांत, आगाह करे, अपनाए, प्रतिरक्षित करता हम उसको, शिक्षक... Hindi · गीत 1 338 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read लक्ष्य का संधान कर मान कर, सम्मान कर, संकल्प ले, अनुमान कर। कर प्रण अटल, दृढ़ निश्चय कर और लक्ष्य का संधान कर। मत भूत का संज्ञान कर, बस धन्य वर्तमान कर। बढ़ प्रगति... Hindi · कविता 924 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read यह जीवन महावटवृक्ष है यह जीवन महावटवृक्ष है सोलह शृंगारों से संतृप्त सोलह शृंगारों से अभिभूत है देवता भी जिसके लिए लालायित धरा पर यह वह कल्पवृक्ष है। यह जीवन महावटवृक्ष है।। सुख-दु:ख के... Hindi · कविता 1 330 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read पंचतत्व में रे मानव , अब भी सम्हल मौत गूँगी सही बहरी सही अंधी सही पर ! तेरे पास पहुँचने से पहले कितने संदेश तुझे भिजवाये, पर ! तू समझे तब.... बाल... Hindi · कविता 404 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 3 min read झौंपड़ पट्टी महामारी की तरह फैले झोंपडि़यों के मेले हर शहर में इधर-उधर जहाँँ-तहाँँ मैले कुचैले दिन दूनी रात चौगुनी बढ़ती रेलम पेलें पैबन्द सरीखे यहाँँ बढ़ रहे हैं इनके झमेले एक... Hindi · कविता 244 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read मित्र 1. मित्र के सोलह शृंगार **************** धीर, क्षमावान्, संस्कारी सुशील, निष्णात, प्रशान्त। प्रेमी, हँसमुख, सन्तोषी, मृदुभाषी, वीर, सम्भ्रान्त। आतिथेय, ज्ञानी, उदार हो और करे मनुहार। सखा कहावे वही करे जो... Hindi · कविता 257 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read गौरैया नित आओ मेरे घर आँगन में, गौरैया नित आओ।। ढेर परिंडे बाँधे, कई नीड़ बनवाये। विकसित किया सरोवर, कई पेड़ लगवाये। खुशबू से महके घर, मेरा नंदन-कानन, जूही, चंपा, कनेर, हरसिंगार लगाये।... Hindi · गीत 365 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 3 min read अभी धैर्य समाप्त नहीं हुआ है 'नारायण------नारायण ।' ब्रह्मलोक में नारदमुनि के स्वर को सुन कर कमलासन पर ध्यानस्थ ब्रह्माजी ने मुसकराकर उन्हें देखा और कहा- 'आओ नारद, कैसे कष्ट किया?' 'प्रभु, मनुष्य की गुहार ले... Hindi · लघु कथा 228 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read रहो प्रेम से यार अर्थशास्त्र ******* श्रम से मजदूरी मिले, भाड़ा भवन दिलाय। पूँजी दे बस ब्याज ही, साहस भाग्य जगाय। साहस भाग्य जगाय, कर्म फिर भी प्रधान है। साहस बिना न खेल, यही... Hindi · कुण्डलिया 1 468 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read माँ माँँ आँँखों से ओझल होती। आँँखे ढूँढ़ा करती रोती। वो आँँखों में स्वप्न सँजोती। हर दम नींद में जगती सोती। वो मेरी आँँखों की ज्योती। मैं उसकी आँँखों का मोती।... Hindi · कविता 1 346 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read माँँ की महिमा कविता, गीत, ग़ज़ल, रूबाई, सबने माँँ की महिमा गाई। जल सा है माँँ का मन निर्मल। जलसा है माँँ से घर हर पल। हर रँग में रँग जाती है माँँ,... Hindi · गीत 552 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 2 min read मत कर नारी का अपमान अब भी सम्हल जा, मत कर, नारी का अपमान। है समृद्ध संस्कृति नारी से, ऐ ! नादान।। कुल देवी, कुल की रक्षक, कुल गौरव है। बहिन, बहू, माता, बेटी यही... Hindi · गीत 789 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read कितने रावण मारे कितने रावण मारे अब तक कितने कल संहारे मन के भीतर के रावण को क्या अब तक मार सका रे तेरी अंतर्रात्मा षड्-रिपु में उलझी पड़ी हुई है इसीलिए यह... Hindi · कविता 332 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 6 Sep 2016 · 1 min read बेटी घर का है उजियारा चलो साथियो, मिल के घर-घर, इक अभियान चलाएँँ। बेटी घर का है उजियारा, यह संज्ञान करायें।। माँँ की गोद हरी हो जब बेटी से, सब कहते हैं। लक्ष्मी सुख-समृद्धि लेकर... Hindi · गीत 875 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read हिन्दी सबको प्यारी होगी हिन्दी सबको प्यारी होगी। इसकी छवि उजियारी होगी। ना कोई लाचारी होगी। अब न यह बेचारी होगी। ना कोई रँगदारी होगी। मर्दुमरायशुमारी होगी। खड़ी फौज सरकारी होगी। भाषा अब दरबारी... Hindi · कविता 390 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read हिन्दी पूरब की है थाती हिन्दी पूरब की है थाती , चहूँ दिशा जानी जाती है। विस्तृत शब्दकोष है इसका, है स्वर व्यंजन से ज्ञानकोष। लिखते वैसा जैसा बोलें, हैं मिटते जिससे वाक्-दाेष। है वैज्ञानिक... Hindi · गीत 255 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read तिरंगा छूते मंजिल को वही,मतवाले रणधीर। हाथ तिरंगा थाम के,करते जो प्रण वीर। करते जो प्रण वीर,युगंधर कब रुकते हैं। मात,पिता,गुरु और राष्ट्रऋण कब चुकते हैं। कंटकीर्ण हो राह, हौसलों के... Hindi · कुण्डलिया 411 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read हिन्दी हिन्दी की संगत करें, फिर देखें परिणाम। हिन्दी से स्वागत करें, कर करबद्ध प्रणाम।। 1।। करना होगा पहल अब, धरना है यह ध्यान। घर-घर में परिदृश्य हो, हिन्दी से पहचान।।2।।... Hindi · दोहा 268 Share Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' 5 Sep 2016 · 1 min read मन की अभिलाषा हिन्दी बने विश्व की भाषा। स्वाभिमान की है परिभाषा। गंगा जमनी जहाँँ सभ्यता, पल कर बड़ी हुई है भाषा। संस्कृति जहाँँ वसुधैवकुटुम्बकम्, हिन्दी संस्कृत कुल की भाषा। बाहर के देशों... Hindi · कविता 1 2 1k Share Previous Page 2