आर एस आघात Tag: कविता 95 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 आर एस आघात 8 Feb 2020 · 1 min read दर्द कौम के लिए... क्यूँ तुझे पसंद नहीं, ये विद्रोही वजूद मेरा, क्या ख़तरे में है, मुझसे अस्तित्व तेरा । हवा के मानिंद, आज मेरा ओज बढ़ रहा, है तू बैचेन बहुत, जैसे तेरा... Hindi · कविता 3 1 348 Share आर एस आघात 30 Jan 2020 · 1 min read मैं क्या हूँ.... मैं क्या हूँ, क्या मेरा अस्तित्व है, क़भी रूप विरक्त (त्यागी) जैसा क़भी नरभक्षी जैसा मानव । देखता हूँ क़भी बच्चे, मेरा वात्सल्य, उमड़ता है, वहीं जब देखता हूँ, मैं... Hindi · कविता 2 302 Share आर एस आघात 28 Jan 2020 · 1 min read मेरा मन क्यूँ मचलता है... मेरा मन, क्यूँ मचलता है, कभी बनकर ये कोयल, भोर में, कुह-कुह करता है । हवा के मानिंद, ये चलता है, क़भी उड़ जाए, आसमाँ में, फ़िर, बन पपीहा बाग़... Hindi · कविता 4 2 210 Share आर एस आघात 28 Jan 2020 · 1 min read काश... भूलना चाहता हूँ, मैं तेरा अहसास, भुलाने में अग़र तू, साथ निभादे तू मेरा काश । मुझे क्यूँ पड़ गई आदत, तेरे पास रहने की, भला भी होगा मेरा कैसे,... Hindi · कविता 2 2 263 Share आर एस आघात 27 Jan 2020 · 1 min read आज ये आजादी मुझको झूठी लगती है... माँ-बहन-बेटी यहाँ क्यूँ, डर-डरके चलती हैं । आज ये आज़ादी मुझको, झूठी लगती है । माँग सके न मेहनताना, इक मज़दूर अपनी मजदूरी का, मिलता है दुत्कार सदा क्यों, जिसका... Hindi · कविता 2 557 Share आर एस आघात 24 Dec 2019 · 1 min read बेटी का दर्द... तू कहे तो माँ मैं ना आऊँ, इस दलदल सी दुनियाँ में । माँ माहौल बता मुझको, तू अपनी अंधेरी जालिम दुनिया का । मैं जियूँ या मर जाऊँ, फ़िर... Hindi · कविता 1 414 Share आर एस आघात 24 Dec 2019 · 1 min read जल की वेदना... सोच मेरे मारे में, तू क्यों है परेशां, बचा ले तू मुझे, मुझपे टिका है सारा जहाँ । न रहूँगा मैं, तो तेरा क्या अस्तित्व रहेगा, गर न बचा मैं,... Hindi · कविता 1 2 479 Share आर एस आघात 18 Dec 2019 · 1 min read मेरे रहनुमाओं ने भी दी हैं शहादतें... मेरे रहनुमाओं ने भी दीं हैं शहादतें, साहिबे-वतन किसी के बाप का थोड़ी है... आज का मौसम है बेरंग बेढंगा, अभी झुलस रहा था तन, है अब सर्द बर्फ़ीला ज़लज़ला,... Hindi · कविता 2 189 Share आर एस आघात 29 Nov 2019 · 1 min read बेटियां मुझको माफ़ करो.. बेटियाँ मुझको माफ़ करो करे जतन वो लाख, पहुँच में उसकी न जाना । अच्छा होता तू मर जाती, छिप कोख़ माँ की सो जाती । न होता ग़म तेरे... Hindi · कविता 2 213 Share आर एस आघात 25 Nov 2019 · 2 min read किस तरह बरबाद करोगे.. बताओ तो ज़रा किस तरह बर्बाद करोगे..... हर हाल मुझे ही सताओगे, पता है तुम ही बेवफ़ाई करोगे । इधर भूखमरी से तबाह है मेरी ज़िंदगी, और एक तू है... Hindi · कविता 2 274 Share आर एस आघात 17 Aug 2019 · 1 min read दहेज की बीमारी को... शरेआम बेटे-बेटियों की आज यहाँ लगती बोलियाँ, गाँव-शहर और गली-कूचे से आती है सिसकियाँ । देख ये बेटा है गौरा साधुराम का, 20 कीले है जमीं पर न किसी काम... Hindi · कविता 4 4 475 Share आर एस आघात 16 Aug 2019 · 1 min read हे जाति तू नीच है हे जाति तू है नीच, बदनाम व अस्पर्श । तेरे साथ खाना तो छोड़ रहना भी बेकार । रहना छोडदे तू मेरे आस-पास, तेरी वज़ह से मेरा खोता है विश्वास... Hindi · कविता 4 4 415 Share आर एस आघात 18 Jun 2019 · 1 min read फिर मेरा फूल ये कैसे शहीद हुआ... मेरा फ़ूल ये कैसे शहीद हुआ, न गया वो आज रणभेरी में, न खाई गोली दुश्मन की, ये कैसा ज़ुल्म शरेआम हुआ । फ़िर मेरा फ़ूल कैसे ये शहीद हुआ.... Hindi · कविता 4 2 230 Share आर एस आघात 17 Jun 2019 · 1 min read मनाव के कर्मों की दशा इस क़दर ढाया ज़ुल्म-ए-कातिले इंसान ने, गाँव-जंगल से उड़ाये हरे पेड़ ओर घर के तने । अब क्यूँ तू पछतावा करता, क़्या कोई है ऐसा उपाय । धूप ग़हरी हो... Hindi · कविता 3 485 Share आर एस आघात 16 Jun 2019 · 1 min read मेरा दिल यूँ तड़पता तेरे लिए मेरा दिल यूँ तड़पता तेरे लिए, बिन जल तड़पे मछली की तरह । मेरी रातें यूँ गुजरीं आहों में, गुजरा हो एक पल सालों की तरह ।। पल-पल मुझको आती... Hindi · कविता 3 233 Share आर एस आघात 10 Apr 2019 · 1 min read जिक्र करना भी तेरा अब गुनाह हो गया ज़िक्र करना भी तेरा अब गुनाह हो गया । किया नहीं क़त्ल कभी भी गलती से, फ़िर भी मैं कैसे बदनाम हो गया ।। सारे जहाँ का बाबू अमला पड़ा... Hindi · कविता 3 375 Share आर एस आघात 1 Apr 2019 · 1 min read वोटर बिकता है बेदाम.. चौपाल -सफ़र हर दर पर चर्चा, नेताजी का बड़ा है नाम । चला है ये कैसा अभियान, क्यूँ वोटर बिकता है बेदाम ।। वोटर बिकता बेदाम, दाम इन्हें कभी मिले... Hindi · कविता 3 209 Share आर एस आघात 13 Mar 2019 · 1 min read मुझे जलानी है होली.. नित प्रतिदिन जन्म ले रही सामाजिक बुराई, मुझे जलानी है होली समाज में व्याप्त बुराइयों की ।। नहीं रुक रहे अत्याचार सामाजिक स्तर पर, मुझे जलानी है होली उन अत्याचारों... Hindi · कविता 3 1 454 Share आर एस आघात 9 Mar 2019 · 1 min read फिर सुबह रोना है मुझको... फ़र्क क्या पड़ता है तुमको, फ़िर सुबह रोना है हमको । नींद तुम्हें आती है अक़्सर, यूँही तन्हाई में सोना है मुझको ।। यूँ तो कभी न देखें हैं, मैंने... Hindi · कविता 3 436 Share आर एस आघात 27 Feb 2019 · 1 min read फ़क्र हमें है आप हमारे वीर जवान हो.. फ़क्र हमें है आप हमारे वीर जवान हो, न होना यूँ विचलित देश का जर्रा-जर्रा साथ है । कर देंगीं कुर्बान हज़ारों लाड़लों को तुम्हारी ख़ातिर, चेहरे पर रहे मुस्कराहट... Hindi · कविता 3 236 Share आर एस आघात 26 Feb 2019 · 2 min read ज़िंदगी... हुआ जन्म जब घर मैं आया .. खुशी मनाई घर आँगन हर्शाया ... सब अपने यूँ लगे फ़िक्र से, घर- बाहरवालों का भी मन मुस्काया । क्या यही है ये... Hindi · कविता 3 222 Share आर एस आघात 11 Feb 2019 · 1 min read ये बिन मौसम की बरसात... ये बिन मौसम की बरसात, अजब -गज़ब है इसकी शान । बूँद-बूँद यूँ टपक रही है, लिए संग हवा और ओलों की माँद ।। इधर-उधर ये कूकर देखो, पूँछ दवाये... Hindi · कविता 3 236 Share आर एस आघात 7 Feb 2019 · 1 min read आज शहर सँवरा है मेरा... आज शहर सँवरा है मेरा, नवेली दुल्हन की तरहां । ख़बर कैसे निज़ाम की लग गयी, बेजुबाँ चमन को किस तरह ।। हर तरफ़ शोर मचा ऐसे, कि जैसे कुछ... Hindi · कविता 2 224 Share आर एस आघात 7 Feb 2019 · 1 min read ललई तुम्हें करबद्ध नमन.. कब आओगे होश में बहुजन, एक कभी तुम बन न सके । याद करो उस नायक को जो व्यसन की ज़िंदगी जी न सके ।। बहुत ज़ोर था मनु व्यवस्था... Hindi · कविता 2 208 Share आर एस आघात 11 Jan 2019 · 1 min read आरक्षण की अजब कहानी सुनो आरक्षण की अजब कहानी. वो कहते थे इसको भीख यारो, काहे अब बो भिखारी ख़ुद ही बन गए ..। कहते रहते थे सारा सत्यानाश हो गया अब सत्यानाशियों मैं जा... Hindi · कविता 3 2 215 Share आर एस आघात 3 Jan 2019 · 1 min read हे क्रान्तिज्योति है तुम्हें नमन... माता सावित्रीबाई फुले को समर्पित मेरी कविता... क्रान्ति ज्योति है तुम्हें नमन, शिक्षा ज्योति है तुम्हें नमन । नारी हित शिक्षा लागू करने, किए आपने अनुपम कार्य । उस समय... Hindi · कविता 3 4 238 Share आर एस आघात 1 Jan 2019 · 1 min read बीत गए दिन सुख -दुख में बीत गए दिन सुख-दुःख में, पास रह गई यादें खट्टी-मीठी । गत बर्ष को कर चले विदा, स्वागत है नव बर्ष का ।। शायद मेरी वज़ह से दिल दुःखा है... Hindi · कविता 3 254 Share आर एस आघात 21 Dec 2018 · 1 min read ऐ बहुजन तू जाग जा.. ऐ बहुजन तू जाग जा...2 नींद तेरी कहीं तेरा आशियाँ करदे ना बरबाद, तू आ अब होश में, ग़हरी नींद से उठ जा ।। ऐ बहुजन तू जाग जा... क़त्ल-ए-आम... Hindi · कविता 4 3 264 Share आर एस आघात 19 Dec 2018 · 1 min read हमारा क्या है... मेरी नई रचना.... हमारा क्या है...हम तो फ़कीर हैं ...2 मरती है भुखों जनता यहाँ, लेक़िन खिंचीं लक़ीर हैं ..... हमारा क्या है हम तो फ़कीर हैं ... श्याम और... Hindi · कविता 3 2 398 Share आर एस आघात 29 Nov 2018 · 1 min read माँ मैं धन्य हो गया.. माँ मैं धन्य हो गया...2 प्यार से लोरी सुनते-सुनते.....माँ मैं धन्य हो गया...। मैं तेरे आँचल में सोया.. मन में जब आया ख़ुशी हुआ । मन में जब आया ख़ूब... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 14 72 711 Share आर एस आघात 4 Oct 2018 · 2 min read ये कैसा दौगलापन ये सेवा भाव हमारा , है कैसी संवेदना तुम्हारी, मरते हैं हम दम घुटकर, उस पर राजनीति तुम्हारी। न करते साफ़ हृदय व अंतर्मन को, तो कैसे साफ़ रखोगे अपने... Hindi · कविता 2 209 Share आर एस आघात 11 Aug 2018 · 1 min read तुम मेरे दीपक बन जाना.. तुम मेरे दीपक बन जाना, मैं बाती ही बन जाऊंगा । मैं अक्सर रोज अंधेरी गलियों में दीपक जलवाऊंगा ।। ये वादा है मेरा तुमसे , ज्ञान के दिये जलाऊंगा... Hindi · कविता 3 275 Share आर एस आघात 8 Aug 2018 · 2 min read भोर हुई वो घर से निकला.. भोर हुई वो घर से निकला , जग सारा जब सोया था । तन उसके दो गज का गमछा, शिक़वे न किसी से करता था । सुबह से लेकर दो... Hindi · कविता 2 537 Share आर एस आघात 3 Aug 2018 · 1 min read अवला मैं कैसे तुझे भूलूँ... अवला मैं कैसे तुझे भूलूँ ... हरपल और हरदम मैं बस तेरे ही साथ रहूँ । अवला मैं कैसे तुझे भूलूँ ..... जन्म से पहले नौ माह तक, मैं इक... Hindi · कविता 2 345 Share आर एस आघात 2 Aug 2018 · 1 min read माँ मैं धन्य हो गया.. माँ मैं धन्य हो गया...2 प्यार से लोरी सुनते-सुनते.....माँ मैं धन्य हो गया...। मैं तेरे आँचल में सोया.. मन में जब आया ख़ुशी हुआ । मन में जब आया ख़ूब... Hindi · कविता 2 238 Share आर एस आघात 25 Jul 2018 · 1 min read वीरांगना फूलन तुम्हें प्रणाम... वीरांगना फूलन तुम्हे सलाम... वो कहने को भी अवला थी, वो कहने को भी नारी थी । जिसे सुन शिहर उठता मन नारी का, उस अत्याचार की मारी थी ।।... Hindi · कविता 3 2 199 Share आर एस आघात 21 Jul 2018 · 1 min read छोड़कर चमन को एक पँछी जहाँ से दूर ... श्रंद्धांजलि ???????? "महाकवि गोपालदास नीरज जी को समर्पित मेरी कविता" छोड़कर चमन को एक पँछी जहाँ से दूर चला गया, देकर लाख यादोँ को, हमें ग़मगीन कर गया । न... Hindi · कविता 2 202 Share आर एस आघात 20 Jul 2018 · 1 min read चल -चल.... रे साथी चल-चल.. चल-चल...रे साथी चल -चल...2 तज के सारे इन भ्रमों...2, धम्म शरण चल । चारों तरफ़ है घोर अशान्ति, मिली है उर न मिलेगी तुझको मुक्ति। अन्यायों में अब तक जिया...2... Hindi · कविता 1 241 Share आर एस आघात 14 May 2018 · 1 min read क़सूर क्या था.. मुझे यूँ तन्हा छोड़कर , वो क्यों सता रहे हैं । मुक़्क़द्दर है ये मेरा, कि अब बेबक्त याद आ रहे हैं । आख़िरी मंज़िल मानते थे, कभी उस राह... Hindi · कविता 2 479 Share आर एस आघात 14 May 2018 · 1 min read बीते दिनों की कहानी... नहीं मिलेगा आपको गॉंव में सत्कार, पहले की सदियों जैसा।,.....गुम हो गए वो दिन मेरे.... न करता कोई अब फ़िक्र कहाँ, रहा न वो भाईचारा पहले जैसा।। रोता है अब... Hindi · कविता 1 255 Share आर एस आघात 14 May 2018 · 1 min read मैंने कब सोचा था... मैंने कब सोचा था ... मेरी छांव में रहेगा मानुष खुशी- खुशी .. जब परछाई पड़ी और की रहता दुखी - दुखी ।। मैंने कब सोचा था... इत देखो चाहे... Hindi · कविता 2 2 259 Share आर एस आघात 14 May 2018 · 2 min read ये कैसी आजादी ये कैसी आजादी है जब, रोता सारा देश यहाँ । देखा हमने ये पहली बार , यूँ हँसता पहरेदार यहाँ ।। वतन को वापस वो दिन लौटा दो, जब रहती... Hindi · कविता 2 227 Share आर एस आघात 13 May 2018 · 2 min read वो चली आज फिर सँवर कर वो चली आज फिर सँवर कर, ले उम्मीदें बटोरे, मगन है अपनी ही धुन में,आशियाँ मिल ही जायेगा । खुश हैं उसके घरवाले , पड़ौसी भी उत्सुक हैं, आज नहीं... Hindi · कविता 1 424 Share आर एस आघात 13 May 2018 · 1 min read प्यासी बैरन ओ बेरिया तेरी ...बैरन प्यासी ...2 बहुत दिनों से दर नहीं भटके .. बैरन रहत उदासी .... ओ बेरिया तेरी बैरन प्यासी ..2 दिन बतियों के बीत गए हैं ..... Hindi · कविता 2 291 Share आर एस आघात 13 May 2018 · 2 min read किसान की दिनचर्या भोर हुई वो घर से निकला , जग सारा जब सोया था । तन उसके दो गज का गमछा, शिक़वे न किसी से करता था । सुबह से लेकर दो... Hindi · कविता 2 2 1k Share Previous Page 2