रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 39 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 20 Nov 2023 · 1 min read किसान मजदूर होते जा रहे हैं। किसान मजदूर होते जा रहे हैं। रातों जागते,स्वेद बहाते, स्वप्न अच्छे दिनों के सजाते, हर विपदा से लोहा मनवाते, रुखी सुखी ही खा रहे हैं! किसान मजदूर होते जा रहे... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 2 202 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 30 Oct 2023 · 1 min read वह नारी है नारी का वह अद्भुत रूप, उमा, भारती, जगदम्बा स्वरूप, गंधमय उससे घर का कोना, उसके पदचिन्ह से भाग्योदय होना, आती जो मां-बाप का घर छोड़, उसकी जिंदगी का विचलित वह... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक 2 143 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 8 Jul 2023 · 1 min read ग़ज़ल - फितरतों का ढेर कलम की यह धार देखो। मचाती ललकार देखो। जमाने ने ली बदल फितरत , मची हाहाकार देखो। अगर मजहब का जिक्र है, मिरे दिल में प्यार देखो। नकाबों के इस... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल · शेर 4 153 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 30 Jun 2023 · 1 min read आलेख - प्रेम क्या है? प्रेम... सृष्टि के हर एक जीव में पनपने वाला पौधा है। यह न छोटा बड़ा न जात-पात और न ही गरीब अमीर के धरातल को देखता है।यह बस हृदय रूपी... Hindi · निबंध · लेख · संस्मरण 1 146 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 29 Jun 2023 · 2 min read आलेख - मित्रता की नींव मित्रता की नींव बदलते समाज के साथ आजकल मनुष्य भी अपनी पसंद,दिनचर्या व संबंध परिवर्तित कर रहा है। बिना कोई परिवर्तन के गुजारा भी संभव नहीं है। हर किसी को... Hindi · निबंध · लेख · संस्मरण 1 150 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 22 Jun 2023 · 1 min read नज़्म - झरोखे से आवाज झरोखे से आवाज आजकल झरोखे से हवा बाहर जाती नहीं है। हृदयगत भावनाएँ उथल पुथल मचाती नहीं है। सड़क पर बैठकर बस, देख लेती है तमाशा, अन्याय के खिलाफ आवाज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका · मुक्तक · शेर 1 253 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 9 Jun 2023 · 1 min read आंखें मेरी तो नम हो गई है गीत - आँखें मेरी तो नम हो गई है। दास्तान मेरी जब से.. खत्म हो गई है-२ आँखें मेरी तो...२ नम हो गई है।। दास्तान मेरी जब से... खत्म हो... Hindi · कविता · गीतिका · मुक्तक 1 327 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 25 May 2023 · 1 min read घर बन रहा है घर बन रहा है। अथक प्रयास.. आशातीत-स्वप्न असंभव से चुनौतीपूर्ण डगर... एकटक गड़ाए नज़र... कष्ट सी रिवाजें स्नेहपूर्ण निभाते हुए इन सब में शामिल... पंथी का स्वेद छन रहा है।... Hindi · कविता 1 131 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 20 May 2023 · 1 min read हथिनी की व्यथा गर्भवती हथिनी की व्यथा बेजुबां ही तो थी तुम्हें इंसान समझ के तेरे गाँव आ गई लगी थी भूख की तलाश में पटाखों से भरा... अनानास खा गई उदर अग्नि... Hindi · अनानास · निर्दयी · पटाखे 1 434 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 18 May 2023 · 1 min read ऐसा क्यों होता है ऐसा क्यों होता है। क्यों बंधन दिल पर हो? क्यों गुनाह दिल से हो? क्यों रखा पर्दे में? क्यों रहम कातिल से हो? आखिर क्यों हुआ ऐसा? क्यों कत्ल कर... Hindi · कविता · गीत 1 419 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 16 May 2023 · 1 min read एक शख्स चैन से सोता है, ख्वाब बङे अच्छे रखता है| तू पूछना सवाल, जवाब बङे अच्छे रखता है| मैं भूल जाता हूँ, जिंदगी के मायने, एक वो है कि, हिसाब बङे... Hindi · कविता 1 225 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 29 Apr 2023 · 1 min read हार स्वीकार कर हार स्वीकार कर कंटक-पथ है पद धर ना फिकर कर टेढे़-मेढे़ रास्तों का बढ़ धीरज धर ओ पथिक स्वेद बहा अटल बन चढ़ दिशा निरंतर हो निशा में भी तमस... Hindi · Poem · कविता · गीत 1 405 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 20 Apr 2023 · 1 min read अधूरे ख्वाब नज़्म - अधूरे ख्वाब मुकव्वल कौन से हमने, ख्बाव कर रखे थे। पहले से ही तय उसने, जवाब कर रखे थे। सजदे में सर झुकते रहे यारों, पथ जो थे... Hindi · कविता · गीत · मुक्तक · शेर 1 194 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 13 Apr 2023 · 2 min read सात सवाल कविता सात सवाल भोर हो गई कुछ सुनाया जाए। अनसुलझे सवालों की गठरी खोल कर दिखाया जाए। जेहन है इनके हिसाब माँग रहा है। सभी के कुछ न कुछ जवाब... Hindi · कविता 1 420 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 10 Apr 2023 · 1 min read आम आदमी बस इंसान हूँ मैं। मैं जैन, सिख,ईसाई हिन्दू और मुसलमान हूँ मैं। वैसे मैं और कुछ भी नहीं बस सिर्फ इंसान हूँ मैं। बाईबल भी मैंने लिखा, लिखा भी कुरान... Hindi · कविता 1 269 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 5 Apr 2023 · 1 min read मुझे पता है। मुझे पता है वो सर्द हवाएं उन्हें छू कर निकली, वो गर्जता घन उन्हें निहार कर आया। वो फुहार उसे देख कर मचली, वो झोंका उसे पुकार कर आया ।... Hindi · कविता 305 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 31 Mar 2023 · 1 min read केवट का भाग्य केवट का भाग्य धरा का रज-रज पुनीत हुआ चरण-कमल जब पड़े कानन में। उमड़ - उमड़ कर जलद है आते दरिया थी आनन-फानन में। गंभीर सोच में डूबे पुरुषोत्तम, कैसे... Hindi · Poem · कविता 2 681 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 31 Mar 2023 · 1 min read वो खूबसूरत है वो खूबसूरत है। वो खूबसूरत है बिछी बर्फ की तरह बहती दरिया सी गिरती ओस रूपी आखिरी बूंद सी बरखा की छायी लालिमा सी नीले गगन की तरह। वो खूबसूरत... Hindi · कविता 1 173 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 20 Mar 2023 · 1 min read छोड़ जाएंगे छोड़ जाएंगे आंसू पलकों में याद ख्वाबों में जरूरत ख्वाहिशों में लेकर पथ में साथ सफर पे निकल जाएंगे! छोड़ जाएंगे! हां! छोड़ जाएंगे! तेरा शहर! तेरी गली! तेरी याद!... Hindi 1 174 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 19 Mar 2023 · 1 min read याद आते हैं वो जब भी देखता हूं तन्हा सड़क पर बारिश की गिरती हुई बूंदें याद आते हैं वो! चलता हूं जैसे हाथों में हाथ लेकर बाहों को थामते हुए बतलाते हुए प्रेम... Hindi · कविता 1 142 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 19 Mar 2023 · 1 min read हवा में हाथ बुनियाद हिलने लगी है 'मुसाफिर' कमजोर यकीं दबे पत्थर का हुआ... ये सिलसिला मेरे ही घर का नहीं ये तेरे, उसके भी घर का हुआ... नहीं है अब कोई रहमत... Hindi · कविता 2 407 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 20 Jan 2022 · 1 min read बसेरा उठाते हैं। बसेरा उठाते हैं बहुत हुआ अब बहुत हुआ सुन कदम बढ़ाते हैं। इस शहर से ऐ मुसाफिर अब बसेरा उठाते हैं। सोचा था मिलेगा सुकून यहां पर। मगर मिट गया... Hindi · कविता 1 2 199 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 12 Nov 2021 · 1 min read मैं भारत हूं मैं भारत हूं... मैं भारत हूं... मैं मार पालथी बैठा हूं.... कहीं सड़कों पर, कहीं मंदिरों में, कहीं चौराहे पर तो, कहीं अनाथालयों में, बस दो जून की रोटी को...... Hindi · कविता 3 4 376 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 12 Sep 2021 · 1 min read एक दिन गुजर ही जाना है।। पैरों की बिवाइयां क्या देखूं? सफर लम्बे में तन्हाइयां क्या देखूं? रिस रिस कर घाव चलें संग, मुड़ कर उनकी परछाइयां क्या देखूं? जब हर सितम से टकराना है। एक... Hindi · कविता 2 2 318 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 25 Aug 2021 · 1 min read कुकुरमुत्ते दहलीज के ठीक सामने अकड़ कर उग आए हैं सर पर छाता-सा रख, वर्षा के जल को थामने कुछ कुकुरमुत्ते! नहीं किसी ने नहीं किया उपकार खाद का, नहीं दिया... Hindi · कविता 4 4 444 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 17 Aug 2021 · 1 min read विजय की मात जल रही है आग बारूद की, हॉं ठंडी रात होनी चाहिए। शांत माहौल के लिए कोई, हॉं यारो बात होनी चाहिए। हाल ए दिल भी परेशां है, दशा देखकर यहां... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 525 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 15 Aug 2021 · 1 min read सोया है देश मेरा सोया है मेरा गांव घोड़े बेचकर.. ठीक इसी प्रकार सोया है मनुष्य, नहीं मालूम इन्हें आज की ऐसी रात चीरा था.. हृदय भारत मां का। बंटे थे घर, जमीन, बही... Hindi · कविता 2 313 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 10 Aug 2021 · 1 min read महायुद्ध हो रहा है युद्ध, महाभीषण युद्ध, कट रहे हैं अंग क्षण तार तार हो रहा है। है विद्रोह किसका? किसकी गलती? नर संहार हो रहा है। बरसा है व्योम भंयकर... Hindi · कविता 2 464 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 6 Aug 2021 · 1 min read चांद-औ-सितारे हमने कभी रब से सहारे नहीं मांगे। हो बस सुकून वैसे इशारे नहीं मांगे। कर के कड़ी मेहनत बिताये सभी दिन, यारों दुआ में सुख - गुजारे नहीं मांगे। जब... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 310 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 1 Aug 2021 · 1 min read रोशनी के चिराग अभी रोशनी के चिराग जल रहें हैं। अभी हाथ में ले मशाल चल रहें हैं। कभी होश में आग जलानी पड़ेगी, अभी रात सा बन हॉं वो ढ़ल रहें हैं।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 6 540 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 30 Jul 2021 · 1 min read ख्वाबों के महल पल में बनते, बिगड़ते जा रहे हैं, ख्वाबों के महल! ये ख्वाब है स्वतंत्र, मनमौजी.. जो निकलते हैं एकांत समय, जब सो जाती अमीरी-गरीबी, सो जाती है भूख-प्यास, सो जाती... Hindi · कविता 3 473 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 25 Jul 2021 · 1 min read कलाकार अद्भुत है यह सृष्टि अद्भुत है यहां कलाकार दिया खुदा ने सबको, चिंटी,हाथी, मनुष्य,खग को, तोहफे में कारीगरी का काम! जिसमें देखा मैंने.... चिंटी का स्वेद बहाना। खोद धरा रज... Hindi · कविता 4 2 519 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 22 Jul 2021 · 1 min read कविता - वृद्ध हो रहा हूं। टूट रही है शाखें, झड़ रही है पत्तियां, धीरे धीरे... चेहरे पर उभरती झुर्रियां, आपस में लड़ रही है.. होता शिथिल तन, पुनः बालक सा अब, समृद्ध हो रहा हूं।... Hindi · कविता 4 8 488 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 11 Jul 2021 · 1 min read समंदर में आग है मछलियां, शैवाल, व्हेल, मगरमच्छ, सब है आक्रोश में। शिकार कर रहे, शक्ति के जोश में। उबल रहा है जल, तटों पर झाग है। ओ धीवर मत जाना तुम, समंदर में... Hindi · कविता 2 2 349 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 8 Jul 2021 · 1 min read पैसा :- एक भूख आजकल देखी जाती हैं सिनेमा, दीवारों तथा अखबारों में छपी और दिखाई गई तस्वीरें... जो सच है पटल पर पर्दे के पीछे उतारती है औरत अपने कपड़े, खुश करने को... Hindi · कविता 4 4 561 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 2 Jul 2021 · 1 min read हाल ए इश्क महफ़िल नयी सजाने बैठे। रोग इश्क का लगाने बैठे। हाय! कितने यहां पर डूब गए, हम भी खुद को डूबाने बैठे।। उसकी नज़रों का कमाल हुआ। हाल मेरा भी बेहाल... Hindi · शेर 2 4 261 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 1 Jul 2021 · 9 min read मानवता :- एक कदम और मानवता:-एक कदम और राहुल अपने घरेलू काम में व्यस्त था उसे अर्ध नींद में उठाकर उसके पिता जी ने ग्वार का चारा एक जगह अच्छी तरह से जमाकर बड़ी चादर... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 4 14 959 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 30 Jun 2021 · 1 min read हां ! मैं अपराधी हूं हां मैं अपराधी हूं! मैंने तोड़ा है कानून लिया है हाथ में, थे चार वो मैं अकेली । पथ सुनसान... बना था पहेली । ठीक निशीथ काल, बंद गाड़ी भयभीत... Hindi · कविता 2 387 Share रोहताश वर्मा 'मुसाफिर' 11 Nov 2018 · 1 min read माँ ही जीवन कविता-माँ कविता वसुधा-सी आँचल फैलाए.. वात्सल्य की वो मूरत है। कैसे कह दूँ भगवान नहीं देखा, एक माँ उनकी सूरत है। अपनी ममता की छाँव तले वो… संपन्न करती संसार... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 15 112 1k Share