RJ Anand Prajapati Language: Hindi 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 2 min read ☆☆ दर्द को लिए मर गई- किसी से कुछ न कही ☆☆ जलती तो थी पर आग न थी । बरसती तो थी पर बरसात न थी। चमकती तो थी पर कोई आभ न थी। बजती तो थी सुरीली पर कोई सितार... Hindi · कविता 251 Share RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 2 min read ☆☆ सन्नाटे में आशिक की हत्या ☆☆ ☆☆ सन्नाटे में आशिक की हत्या ☆☆ हुआ तो था न कुछ उसे । पर उस दिन कुछ ऐसा था । सहमी हुई थी वो । वो रात अंधेरी ।... Hindi · कविता 506 Share RJ Anand Prajapati 12 Nov 2021 · 1 min read आंखे खुलना कौन कहता है कि अंधेरे में नहीं दिखता । बस नजरिए का फर्क है । दिखता है हर पल हर किसी को आंखे खुली है बंद नहीं है। चाहे अंधेरे... Hindi · कविता 393 Share RJ Anand Prajapati 11 Nov 2021 · 2 min read रात चांदनी में काम कामिनी ●● रात चाँदनी मे काम कामिनी ●● है जो रोज मेरे छत पर उतरता हुआ वह कौन है । दिखता तो बङा चंचल है पर मौन क्यों है । जुगनू... Hindi · कविता 979 Share RJ Anand Prajapati 30 Aug 2021 · 1 min read मन ही मोक्ष मन ही बंधन तन थके है । ये मन कहां रुके है। करता है विचरण । अनंत ब्रह्मांड तक। तारो की चकमक। सूर्य का उजाला । इसके रफ्तार के सामने कहां है टिके... Hindi · कविता 243 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 1 min read पर मन में कुछ कसक सी है । पर कह नहीं पाता हूं। गूंगा तो नहीं हूं मैं। पर कुछ बोल नहीं पाता हूं। चलता तो हूं हर रोज मैं। पर... Hindi · कविता 1 545 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read प्रकृति से सीखो मस्त फिजाओ में होकर मगन । मन मेरा ये झूमे। धरती को बादल। बादल को धरती । बरखा जल से चूमे । नदियों में लहराएं पानी । ओढे धरती चुनर... Hindi · कविता 1 575 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read प्राकृतिक छटा ये चांद,तारे,सूर्य । आसमाँ ये बादल घटा । कण-कण में अपना रंग बिखेरे । धरती को घेरे ये प्राकृतिक छटा । ब्रह्म मुहूर्त मलयावात् । शीतल,मंद-मंद चलती हंवाए । आसमाँ... Hindi · कविता 1 1 297 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read जल जीवन जल प्रलय ये जल धरती पर कहां से आए । पहले बादल बरसे । या समंदर नदी में जल आए । जल धरती के है नीचे । फिर ये आसमाँ में कैसे... Hindi · कविता 1 345 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read जिज्ञासा सीखने की प्रवृत्ति का जन्म जिज्ञासा से होता है । जिज्ञासा सीखने की अनुपूरक है । दुनिया में जितने भी वैज्ञानिक, महापुरुष, राजनीतिज्ञ एवं दार्शनिक हुए है । उन सभी... Hindi · लेख 1k Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read मुझमें भारत तुझमें भारत स्वर्णिम रश्मि दिवाकर की । सुरभित मधुर ठंड मलयावात् की। जिस देश भूमि पर जन्म लिए । वो पवित्र भारत मां का आंचल । सोकर जिनकी गोंद में स्वर्ग सा... Hindi · कविता 2 2 360 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read भारत की ओजस्विता,यशस्विता,विविधता अखण्ड, धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी। 42 वे संविधान संशोधन 1976 में । जोङे गए प्रस्तावना में ये तीन नए शब्द । प्रशस्त करे जो हर भारतीय नागरिक को । ब्रम्हांड, आसमाँ में... Hindi · कविता 528 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 4 min read कोरोना की कहर प्रकृति का कहर था । ये तो होना तय था । मानव को अपनी करनी का । परिणाम भुगतना ही था । इसमे न कोई जादू था । न ही... Hindi · कविता 329 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 3 min read *▪अच्छा ही हुआ जो कोरोना आया* हर सिक्के के दो पहलू होते है । जैसे दिन और रात । विश्वास और घात । कोरोना ने जहां वैश्विक स्तर पर । हर दिशाओ में आया कहर बनकर... Hindi · कविता 197 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 2 min read यश तुम्हारा भी होगा * जब नीयत हो साफ । तभी किस्मत बदलेगी । नीयत,कर्म, बुरे हुए । विधि उसी क्षण । अपना पासा पलटेगी । रंक से राजा कोई हो जाए । न जाने... Hindi · कविता 208 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 4 min read कविता की महत्ता करती जो प्रेरित । दिखाएँ जो रास्ता । विविध रंग उसके । पढे रस में डूबके । हिलाई थी जिसने । अंग्रेजो की सत्ता । कुछ ऐसी ही है ।... Hindi · कविता 2 2 258 Share RJ Anand Prajapati 29 Aug 2021 · 5 min read *पक्षियो की स्वर्णिम गाथा* पंख को फङफङाए । हवाओ को चीरे । चले जा रहा जो। आसमाँ में उङे । खेत-खलिहान । दरिया,मकान । ताल-तलैया पर नजरे गङाए । खाने को जो ढूंढ रहे... Hindi · कविता 1 421 Share