ऋषि कौशिक 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid ऋषि कौशिक 23 Jun 2020 · 1 min read ढ़ाल जब मंडराएंगे युद्ध के बादल और खोले जायेंगे शस्त्रागार व्यस्त होंगे सभी युद्ध की तैयारियों में तब मैं लिखूंगा एक लम्बी कविता मेरे शब्दों में भी होगा विद्रोह तानाशाहों के... Hindi · कविता 1 1 299 Share ऋषि कौशिक 29 Jul 2020 · 1 min read फ़ीकी रोटी बचपन में मैं मिट्टी खाता था, बड़ा अच्छा लगता था इसका स्वाद फिर बड़ा हुआ तो मालूम हुआ खाने के लिए मिट्टी नहीं रोटी होती है और रोटी ज़मीन पर... Hindi · कविता 3 2 277 Share ऋषि कौशिक 29 Jul 2020 · 1 min read विकास जिसने बनाएँ रंग, शायद उसने पहले साबित किया होगा सफेद को सबसे नीरस जिसने बनाई धुँए वाली गाड़ियां और सड़कें, शायद उसी ने सबसे पहले तोड़े होगे साईकिल के घुटने... Hindi · कविता 3 2 254 Share ऋषि कौशिक 15 Apr 2020 · 1 min read लौटना ढलते सूरज के पीछे पीछे उन्ही पगडंडियों पर वापस लौटती किरणें छोड़कर चली जाती है रात को अकेला कभी कभी किसी का न होना रिक्तता का नहीं बल्कि किसी के... Hindi · कविता 1 1 226 Share