rekha rani Tag: ग़ज़ल/गीतिका 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid rekha rani 21 Oct 2020 · 1 min read रफ़्तार ज़िन्दगी की कुछ थम सी गई है सांसो की धीमी आहट कुछ थम सी गई है। आंखों की इस नमी को, बस आंख जानती है। अनजान है पलकें, क्या ख़ाक जानती हैं। ख्वाबों की बस्ती सारी कुछ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 5 565 Share rekha rani 4 Apr 2020 · 1 min read ज़रूर मेरे महकते गुलशन को किसी की नजर लगी होगी ज़रूर मेरे महकते गुलशन को किसी की नजर लगी होगी। जहां महकती थी खुशबू नन्हीं कलियों की, वहां सैनिटाइजर की दवा फिजाओं में लगी होगी। जहां बढ़ते थे कारवां स्कूल... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 461 Share rekha rani 30 Dec 2019 · 1 min read संदेश २०१९ का -: वक़्त के आगोश में ,मैं ! दोस्तों सो जाऊंगा। लम्हा -लम्हा जी लो मुझको ,लौट के ना आऊंगा। ध्यान रख, मैं ! हूं तेरा आज, कर तू मुझ पर नाज।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 907 Share rekha rani 30 Dec 2019 · 1 min read जीत का यह जश्न देख ख्वाब मुस्कुराए हैं -: टूटी सी उम्मीदो ने फ़िर दिए जलाए हैं। कर्म की इन बस्तियों में गांव फिर बसाए हैं। फिर से मेरी आंखों ने नव स्वप्न सजाए है फिर से मेरे चित्त... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 311 Share rekha rani 7 Nov 2019 · 1 min read किसने चमन में हाय ये ख़ार बो दिए- की थी बड़ी मशक्कत महकाने में गुलों के, किसने चमन में हाए ये ख़ार बो दिए। महफ़िल में अश्क छलके खुशियों का नाम धरके, मौका मिला उन्हे तो चुपचाप रो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 317 Share rekha rani 22 Oct 2019 · 1 min read ऐसे बसे शहर में (शहरी करण) ऐसे बसे शहर में गुमनाम हो गए उठने की हसरतों में बदनाम हो गए। हम सोचते हैं अक्सर, इससे था लाख बेहतर। अपना वो टूटा फूटा, छप्पर का छोटा घर।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 434 Share rekha rani 31 Aug 2019 · 1 min read दर्द जब हद से गुज़र जाएगा दर्द जब हद से गुजर जाएगा, दिल यह फिर कैसे सह पाएगा। पीर पर्वत सी मेरी, मन यह दर्द अब किसे सुनाएगा। मेरा दर्द सुनके सभी, बचकर निकलने लगे। कौन... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 371 Share rekha rani 23 Aug 2019 · 1 min read ज़माना तेरा कर्जदार न हो जाए: मैंने ज़माने भर से नफ़रत बटोर ली, हो सकता है कि इस नफरत से ही मैं फनकार हो जाऊं।.. लोग तो पीते हैं मय खानों में जाक र, मैंने घर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 357 Share rekha rani 25 Jul 2019 · 1 min read मैं कुछ- कुछ बदलने लगी हूं - पहले खुश होती थी अपनों की ख़ुशी से, अब खुश अपने से होने लगी हूं। ज़िंदगी का आधा पड़ाव, धूप और उमस में गुज़ार दिया, अब खुद छांव में रहने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 340 Share rekha rani 11 Jun 2019 · 1 min read ये सांसे रुकी हैं :- यह सांसे रुकी हैं, निगाहें झुकी हैं। -२ मगर होंठ क्यों रुक गए कहते - कहते ।-२ यह फूलों से पूछो क्या उनकी खता है। क्यों भौरा उनके यूं पीछे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 391 Share rekha rani 1 Jun 2019 · 1 min read वक़्त के घाव:- पीड़ित के डाला मन को मेरे तुमने अंजाने में। अब जार जार रोता है मन बेचारा यह वीराने में। तेरी खता नहीं ए वक़्त तूने तो फूल वारे। किन्तु यह... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 487 Share rekha rani 26 May 2019 · 1 min read शिकवा ईश्वर से ए मालिक! तेरी दुनिया ,में आकर हम तो परेशान है। खुद ही के खुद पर रोने से और फिर हसने पर है हैं। तू भूल गया मै न भूली इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 245 Share rekha rani 23 May 2019 · 1 min read ख़तम न हो इंतजार - हर पल हर घड़ी इंतजार रहे ,,ता उम्र यह बरकरार रहे। काश दुःख की घड़ियां बीत जाएं ,खुशी के इंतज़ार में। जुदाई महसूस न हो मिलन के इन्तज़ार में। हार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 301 Share rekha rani 15 May 2019 · 1 min read दोस्ती अंधेरों से कर चुकी हूं मै - लोग तोड़ देते हैं दम , मात्र एक शब्द कहने भर से। छोड़ देते हैं साथ क़दम, मात्र एक ठोकर लगने भर से। आहें भर रो देते हैं नयन, मात्र... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 332 Share rekha rani 22 Feb 2017 · 1 min read हर लम्हा खास है मेरे दोस्त ज़िंदगी का हर लम्हा खास है। तू हर पल इस तरह जी बस यही पल तेरे पास है। बीता कल तो सिर्फ़ तुझको दर्द देकर जाएगा। सिसकियाँ भरेगा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 626 Share rekha rani 13 Feb 2017 · 1 min read ख्वाइशें इसका उत्तर मेरे अंदाज़ मे ख्वाहिशें अपनी सभी साथ पूरी कर ए दिल , क्या खबर तुझको कभी ऐसा मौका मिले न मिले। अगला लम्हा कैसा गुज़रे कोई गुल खिले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 385 Share