Ramesh chandra Sharma 34 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ramesh chandra Sharma 5 Feb 2017 · 1 min read घट रीते के रीते हैं..... ग़ज़लः- ग़म तो बचपन से खाए हैं,आँख का पानी पीते हैं, किश्तों-किश्तों रोज़ मरे हम,टुकड़ा टुकड़ा जीते हैं। लम्हा लम्हा दिन कटते हैं,पल पल युग-सा लगता है, शिव ने तो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 541 Share Ramesh chandra Sharma 2 Feb 2017 · 1 min read क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी........ क्या हसीं मोड़ पे जीवन की कहानी आई बात बिगड़ी हुई हमको न बनानी आई । उसने मुड़ मुड़ के कई बार हमें देखा था बाद उसके न कभी रुत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 255 Share Ramesh chandra Sharma 12 Jan 2017 · 1 min read बेटी -: बेटी :- मेरे आंगन में आकर जब भी चिड़िया चहचहाती है, मैं रो लेता हूँ मन में, मुझको बेटी याद आती है। कभी इस शाख पर डेरा कभी उस... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · ग़ज़ल/गीतिका · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1 574 Share Ramesh chandra Sharma 22 Sep 2016 · 1 min read हर फसाना आजकल........ ग़ज़ल अश्क में डूबा हुआ है हर फ़साना आजकल, मुस्कुराए हो गया है इक ज़माना आजकल। खुद परस्ती बन गई बुनियाद जब सम्बन्ध की, हो गया मुश्किल बहुत रिश्ते निभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 392 Share Ramesh chandra Sharma 22 Sep 2016 · 1 min read हिंदी के उत्थान से....... हम कबीर की कलम उठाके निकले स्वाभिमान से , छंदों की स्याही भर ली है लेकर कवि रसखान से| हिन्दी लिक्खें , हिन्दी बोलें सदा सोच में हिन्दी हो ,... Hindi · मुक्तक 239 Share Ramesh chandra Sharma 28 Aug 2016 · 1 min read क्या तमाशा है दिल लगाना भी......... पास आकर के दूर जाना भी क्या तमाशा है दिल लगाना भी। आँख से आँख भी मिलाते हो और फिर आँख का चुराना भी। आज तो हद से गुजर जाएंगे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 549 Share Ramesh chandra Sharma 28 Aug 2016 · 1 min read हाथ से हाथ पर नहीं छूटे........ सांस अपनी अगर कभी टूटे हाथ से हाथ पर नहीं छूटे । रूह तो जिस्म छोड़ जाएगी प्यार का सिलसिला नहीं टूटे। हम तुम्हारे बिना जियें दम भर भाग ऐसा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 456 Share Ramesh chandra Sharma 28 Aug 2016 · 1 min read फल तो वो देगा जो सबका मीत है.. "कर्मण्यवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन" ......... फल तो वो देगा जो सबका मीत है.. गर हवाएं बह रहीं प्रतिकूल हैं। राह में कांटे बिछे या फूल हैं। तम सघन चहुँ ओर... Hindi · गीत 620 Share Ramesh chandra Sharma 24 Aug 2016 · 1 min read सांझ ढलने की हमनें कहानी लिखी ........... गीत उगते सूरज को करते रहे तुम नमन साँझ ढ़लने की हमने कहानी लिखी । तुम प्रणय गीत रचते रहे उम्र भर, दर्द के नाम हमने जवानी लिखी । आस्था... Hindi · गीत 389 Share Ramesh chandra Sharma 20 Aug 2016 · 1 min read पर खुशियों की बात नहीं है....... गज़ल ग़म का तो अब साथ नहीं है, पर खुशियों की बात नहीं है। प्यार वही है पहले जैसा, लेकिन वो जज़्बात नहीं है। कितनी रातें रोई शबनम, यह कोई... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 398 Share Ramesh chandra Sharma 14 Aug 2016 · 1 min read तौहफा समझ के ........... तौहफा समझ के झोली में डाली नहीं गयी, आज़ादी इक दुआ थी जो खाली नहीं गयी| बलिदान तो अनमोल थे कीमत चुकाते क्या | हमसे तो विरासत भी संभाली नहीं... Hindi · मुक्तक 1 2 235 Share Ramesh chandra Sharma 14 Aug 2016 · 1 min read वतन से इश्क करो ....... राष्ट्रहित मै ये जीवन हवन तो करो जीत जाओगे दिल से जतन तो करो | मंजिले खुद ब खुद पास आ जाएँगी इश्क करना ही है तो वतन से करो... Hindi · मुक्तक 419 Share Ramesh chandra Sharma 13 Aug 2016 · 1 min read चूड़ियाँ...... चूड़ियाँ मुझको तब लुभाती हैं, जब अनायास ही बज जाती हैं| एक संगीत की सी स्वर लहरी, बस मेरे मन में उतर जाती है| मुझको वो खनखनाहट भाती है, माँ... Hindi · गीत 1 446 Share Ramesh chandra Sharma 11 Aug 2016 · 1 min read साहिलों ने हमें सूखी हुई......... साहिलों ने हमें सूखी हुई नदी समझा; हमको हर दौर ने गुजरी हुई सदी समझा। बोझ एहसास का जब हमसे उठाते न बना; बात इतनी थी ज़माने ने त्रासदी समझा।... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 272 Share Ramesh chandra Sharma 9 Aug 2016 · 1 min read दिन शायराने आ गए....... यूं लगा दिन ज़िंदगी में शायराने आ गए अब गज़ल के काफिये हम को निभाने आ गए | अब बड़े भाई को दादा कौन कहता है यहाँ क्या बताएं यार... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 447 Share Ramesh chandra Sharma 6 Aug 2016 · 1 min read भोर के पल ढूंढा करता हूँ........ गीतिका काली कजराई रातों में भोर के पल ढूँढा करता हूँ, आँखों की सूखी झीलों में नीलकमल ढूँढा करता हूँ | बंजारों सा जीवन जीकर ठौर -ठिकाने भूले जब, सुधियों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 527 Share Ramesh chandra Sharma 1 Aug 2016 · 1 min read राखी के दोहे........ रक्षाबंधन ...... भेज रही भैया तुम्हें, राखी के दो तार, बन्द लिफ़ाफ़े में किया,दुनिया भर का प्यार । भेजी पाती नेह की, शब्द पुष्प के हार, छोटी बहना कह रही... Hindi · दोहा 3 3 1k Share Ramesh chandra Sharma 1 Aug 2016 · 1 min read मीरा ......... मेवाड़ के शुष्क धरातल पर, बन प्रेम का सागर छा गई मीरा। रेत के ऊंचे से टीलों के बीच, एक प्रेम की सरिता बहा गई मीरा। मनमोहन के रंग ऐसी... Hindi · गीत 1 639 Share Ramesh chandra Sharma 31 Jul 2016 · 1 min read खुद सूरदास की आँखों से ....... देखा महादेवी, दिनकर को और पंत, निराला देखा है, हमने मंदी के दौर सहे और कभी उछाला देखा है, क्या युग था कवि का, कविता का था शब्दों का सम्मान... Hindi · गीत 4 540 Share Ramesh chandra Sharma 30 Jul 2016 · 1 min read अन्तर्तम तक भिगो गए हैं......... जी करता है रोज़ सुनाऊँ, लिख दूं इतने सारे गीत, जीवन लहरों का कोलाहल, कितने शान्त किनारे गीत । अन्त नहीं, आरम्भ कहाँ है, ओर छोर भी कहीं नहीं, दूर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 2 428 Share Ramesh chandra Sharma 30 Jul 2016 · 1 min read रिश्ते भी हर किसी को ......... आंसू भी गम की आग बुझाने नहीं आते , दुःख दर्द में भी दोस्त पुराने नहीं आते| जब जब तुम्हारा ज़िक्र छिड़ा दिल ने ये कहा, रिश्ते भी हर किसी... Hindi · मुक्तक 251 Share Ramesh chandra Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read हो गयी है अधूरी गज़ल......... कहीं और चल ज़िन्दगी हो गई है अधूरी ग़ज़ल ज़िन्दगी, काफ़िया अब तो अपना बदल ज़िन्दगी। लड़खड़ाई, गिरी, गिर के फिर उठ गई, डगमगाई बहुत अब सम्भल ज़िन्दगी। ज़ुल्मत-ए-शब से... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 399 Share Ramesh chandra Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read पानी को तो पानी लिख........ गीतिका मिथ्या जीवन के कागज़ पर सच्ची कोई कहानी लिख, नीर क्षीर यदि कर नहीं पाए पानी को तो पानी लिख| सारी उम्र गुजारी यूँ ही रिश्तों की तुरपाई में,... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1k Share Ramesh chandra Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read लडकियां उदास हो गईं........ वहशियों का ग्रास हो गईं ,लडकियां उदास हो गईं, भेडियो की बस्तियां भी ,अब शहर के पास हो गईं| अपने मन की किससे कहें ,कबतलक यूं घर में रहें, सड़कें... Hindi · मुक्तक 1 471 Share Ramesh chandra Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read बेटी .......... -: बेटी :- मेरे आंगन में आकर जब भी चिड़िया चहचहाती है, मैं रो लेता हूँ मन में, मुझको बेटी याद आती है। कभी इस शाख पर डेरा कभी उस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 799 Share Ramesh chandra Sharma 29 Jul 2016 · 1 min read यूं न ठुकरा माँ.......... गीत यूँ न ठुकरा मुझे, मत तिरस्कार कर, एक मूरत हूँ मैं अनघढ़ी रह गई| मुझको पढ़ मेरी माँ मैं हूं ऐसी ग़ज़ल, जो लिखी तो गई बिन पढ़ी रह... Hindi · गीत 421 Share Ramesh chandra Sharma 28 Jul 2016 · 1 min read बेटियां....... उदासी छाई हो तो खुशनुमा मंजर बनातीं हैं, हमारी ज़िंदगी को और भी बेहतर बनातीं हैं| अभागे हैं जो हरदम बेटियों को कोसते रहते, अरे ये बेटियाँ ही हैं जो... Hindi · मुक्तक 2 536 Share Ramesh chandra Sharma 28 Jul 2016 · 1 min read राह चुनने का हमें........ राह चुनने का हमें जब बोध होगा, यात्रा में फिर नहीं अवरोध होगा॥ जीत पायें प्रेम से यदि शत्रु-मन को, इससे बढ़कर और क्या प्रतिशोध होगा॥ टूट जाना क्रम कहीं... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 463 Share Ramesh chandra Sharma 28 Jul 2016 · 1 min read माँ......... माँ मां कुछ दिन तू और न जाती, मैं ही नहीं बहू भी कहती, कहते सारे पोते नाती.। मां कुछ दिन तू और न जाती.. हरिद्वार तुझको ले जाता, गंगा... Hindi · कविता 1 710 Share Ramesh chandra Sharma 28 Jul 2016 · 1 min read माँ,,,,,,, मुक्तक (1) मोहब्बत से भरा एक पल भी वो खोने नहीं देती, मेरे ग़म में भी तन्हा वो मुझे होने नहीं देती। मैं सर गोदी में रखता हूँ तो सहलाती... Hindi · मुक्तक 1 2 476 Share Ramesh chandra Sharma 27 Jul 2016 · 1 min read बारिश.... गज़ल ग़मों का बोझ बढ़ाने को आ गई बारिश , हमारी जान जलाने को आ गई बारिश । किसी की याद को हमनें भुला के रखा था, उसी की याद... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 414 Share Ramesh chandra Sharma 27 Jul 2016 · 1 min read गीत गीत अनवरत आंसुओं की झड़ी लग गई, गंगा जमुना हमारे नयन हो गए। अब ये बरखा ये सावन के झूले सजन, सब खुली आंख के से सपन हो गए। आस... Hindi · गीत 1 499 Share Ramesh chandra Sharma 26 Jul 2016 · 1 min read यादें तेरी यादों की गठरी को सुलगता छोड़ आया हूँ कभी जो ख्वाब था देखा सिसकता छोड़ आया हूँ। हमारा दिल जो बच्चा था अभी घुटनों ही चलता है उसे मैं... Hindi · कविता 534 Share Ramesh chandra Sharma 26 Jul 2016 · 1 min read कारगिल विजय दिवस कारगिल विजय दिवस पर....... हवा का रुख किधर होगा सही पहचानते हैं हम वही करके दिखा देते जो मन में ठानते हैं हम। वतन का कर्ज़ है हम पर हमारे... Hindi · कविता 1k Share