Ravi Sharma 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Ravi Sharma 21 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक मुक्तक - कौन यह कहता है कि ख्वाब तो झूठे होते हैं । इनसे ही तो पथ, जीवन के अनूठे होते हैं । साकार हो जाती हैं अनेक आशाएँ हमारी,... Hindi · मुक्तक 1 318 Share Ravi Sharma 12 Nov 2016 · 1 min read गीत पेड़ों की छाँव तले फूलों के पास बैठूँ तो मुझे लगे आप मेरे साथ । राहों में सपने पले धुँध आसपास देखूँ तो मुझे लगे आप मेरे साथ । शब्दों... Hindi · गीत 593 Share Ravi Sharma 12 Nov 2016 · 1 min read गीत मन की बोली मन की बोली जो कोई जाने, वो ही अपना कहलाता है। मन वो पंछी जो निश- दिन, हमको, ख़्वाब सुनहरे दिखलाता है। यूँ तो चाहे आज़ादी ये... Hindi · गीत 500 Share Ravi Sharma 9 Nov 2016 · 1 min read गीत तौबा- तौबा करते- करते प्यार हो गया। आँखों ही आँखों में कब इक़रार हो गया। कुछ ना बोली, मुख ना खोली। जानूँ ना मैं, आँख- मिचौली। मिलते- जुलते कब दिल,... Hindi · गीत 355 Share Ravi Sharma 8 Nov 2016 · 1 min read गीतिका बेख़ौफ़ दिल की धड़कन, बेख़ौफ़ लव हमारे । हम तुम पे मर मिटे हैं, खुश हैं सभी नज़ारे । कोई उन्हें बता दे, तिरछी नज़र हटालें, नादान हैं बेचारे, समझे... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 465 Share Ravi Sharma 8 Nov 2016 · 1 min read चतुष्पदी बालों ने तेरे गालों को छुआ । काजल ने तेरी पलकों को छुआ । ये देख के कंगना खनक उठे, गीतों ने तेरे होठों को छुआ । ………श्रीमती रवि शर्मा………… Hindi · कविता 565 Share Ravi Sharma 8 Nov 2016 · 1 min read मुक्तक दर्द के फूल पिरो कर प्रीत डोर में । टाँक यादों के मोती ओर- छोर में । यूँ गुँथी पवित्र बंधन की माला, फैलाती सुगंध प्रिय चहुँ ओर में । Hindi · मुक्तक 320 Share Ravi Sharma 8 Nov 2016 · 1 min read कविता यह कविता लगभग १९ वर्ष की आयु में, जुलाई १९७५ को ट्रैकिंग करते समय, लगभग १०- १२ मिंट के समय में लिखी गई। आज भी मेरी यह पसंदीदा कविताओं में... Hindi · कविता 346 Share Ravi Sharma 6 Nov 2016 · 1 min read गीत उलझ- उलझ कर सुलझ- सुलझ कर, फिर से उलझ जाती हूँ । तुम्हें जब उदास पाती हूँ । मचल- मचल कर, संभल- संभल कर, फिर से मचल जाती हूँ ।... Hindi · गीत 1 528 Share