कवि रमेशराज Language: Hindi 315 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid कवि रमेशराज 1 Feb 2024 · 2 min read तेवरी आन्दोलन की साहित्यिक यात्रा *अनिल अनल 'वृहद हिंदी शब्दकोश' [ सम्पादक- कालिका प्रसाद ] के षष्टम संस्करण जनवरी-1989 के पृष्ठ490 और 493 पर तेवर [ पु. ] शब्द का अर्थ- 'क्रोधसूचक भ्रूभंग', 'क्रोध-भरी दृष्टि', 'क्रोध प्रकट... Hindi 1 59 Share कवि रमेशराज 17 Jan 2024 · 2 min read *नंगा चालीसा* #रमेशराज ********** लुच्चे छिनरे सिरफिरे रहें तुम्हारे साथ, तुम घूमो हर नीच के डाल हाथ में हाथ | नमो नमो नंगे महाराजा, लाज सबै पर तुम्हें न लाजा ||1|| झूठ तुम्हारे... Hindi 2 94 Share कवि रमेशराज 14 Jan 2024 · 2 min read मुझे गर्व है अलीगढ़ पर #रमेशराज ****************** अलीगढ़ जनपद पुरातन काल से ही सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है। एक तरफ यहां पहुंचे हुए संतों ने अपनी खुशबू बिखेरी तो दूसरी तरफ रवींद्र... Hindi 106 Share कवि रमेशराज 21 Dec 2023 · 2 min read 33 लयात्मक हाइकु कुछ प्रयोगात्मक हाइकु जिनको लयानुसार गाया जा सकता है। सन 2000 में रचित इनकी हर पंक्ति में 8 मात्राएं हैं। **************** 1. माँग न प्यारे अब इनसे जल प्यासे बादल।... Hindi 1 83 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 6 min read तेवरी और ग़ज़ल, अलग-अलग नहीं +कैलाश पचौरी -------------------------------------- मैंने रमेशराज के सम्पादन में प्रकाशित ‘तेवरीपक्ष’ के कुछ अंक देखे हैं और उनके बावत पाठकीय प्रतिक्रिया से भी अवगत होता रहा हूँ । मसलन एक आम प्रतिक्रिया यह... Hindi 78 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 8 min read हिन्दी गीति काव्य में तेवरी की सार्थकता। +सुरेश त्रस्त ------------------------------------- हिन्दी गीति काव्य की नूतन विधा तेवरी का नामकरण आठवें दशक के अन्त और नवें दशक के प्रारम्भ देवराज [द्वै] द्वारा किया गया। एक विशेष तकनीकी एवं अत्यानुप्रासिक व्यवस्था... Hindi 82 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 4 min read तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज ------------------------------------- सुविख्यात तेवरीकार दर्शन बेज़ार की नवीनतम कृति ‘ये ज़ंजीरें कब टूटेंगी’ उनकी सुलिखित, सुचयनित 48 धारदार तेवरियों का बेहतरीन संग्रह है। ‘तेवरी’ शीर्षक विधा को साहित्य में स्थापित करने... Hindi 145 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 5 min read तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह ------------------------------------ अधिकांश ग़ज़लगोओं का यह कहना है कि परिवर्तन के साथ ग़ज़ल के मिजाज में परिवर्तन आया है, निस्संदेह यह सोचने पर मजबूर करता है कि ग़ज़़ल के मिजाज में... Hindi 78 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 6 min read तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’ ---------------------------------- ‘तेवरी-आन्दोलन’, कुछ प्रकाशन, एक समीक्षा आलोच्य- 1-कबीर जिंदा है- सम्पादक- रमेशराज 2-इतिहास घायल है- सम्पादक- रमेशराज 3-एक प्रहार, लगातार-लेखकः दर्शन ‘बेजार’ 4-अभी जुबां कटी नहीं- सम्पादक-रमेशराज 5-तेवरीपक्ष, अंक-3, सम्पादक-रमेशराज... Hindi 69 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 2 min read तेवरी कोई नयी विधा नहीं + नीतीश्वर शर्मा ‘नीरज’ ----------------------------------- ‘आम’ को ‘इमली’ कह देने से उसके स्वाद और गुण में जिसतरह कोई अन्तर नहीं आता, ठीक उसीतरह नयी कविता की वैचारिकता को काव्य की किसी भी विधा में... Hindi 38 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 4 min read है कोई तेवरी वाला जो... +शम्भुदयाल सिंह ‘सुधाकर’ तेवरी को मैं साहित्य का ही नहीं, साहित्यकार का भी समर्थ पक्ष मानता हूँ। किन्तु विधा और वाद के स्वरूप में इसे स्वीकारने का कायल नहीं। तेवरी की आत्मप्रज्ञा को... Hindi 75 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 1 min read ग़ज़ल सिर्फ ग़ज़ल है तेवरी नहीं! +तारिक असलम तस्नीम ‘सुपरब्लेज के बहस-स्तम्भ में भाई रमेशराज के विचार पढ़कर लगा कि उन्हें शायद बेवजह की थोथी बहस करने की आदत-सी है। वे ग़ज़ल के कुछ बदले हुए रूप को ‘तेवरी’... Hindi 109 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 2 min read ‘तेवरी’ ग़ज़ल का एक उग्रवादी रूप +सतीशराज पुष्करणा सुपरब्लेज के मार्च-85 अंक के ‘बहस’ शीर्षक स्तम्भ के अन्तर्गत रमेशराज द्वारा प्रस्तुत प्रतिक्रियात्मक आलेख- ‘ग़ज़ल-ग़ज़ल है, तेवरी-तेवरी’ पढ़कर ऐसा प्रतीत हुआ जैसे यहां भी खालिस्तान की मांग की तरह... Hindi 123 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 2 min read तेवरी में नपुंसक आक्रोश +बी.एल. प्रवीण इन दिनों ग़ज़ल को लेकर जो बहस के मुद्दे सामने आए हैं, और ग़ज़ल के खिलाफ जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह न केवल गैर जिम्मेदाराना है बल्कि... Hindi 145 Share कवि रमेशराज 7 Dec 2023 · 2 min read तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल' सुधी विद्वान कबीर से ही हिन्दीग़ज़ल का शुभारम्भ मानते हैं। निराला एवं प्रसाद ने भी ग़ज़लें लिखीं हैं और दुष्यन्त कुमार से काफी पहले से गयाप्रसाद शुक्ल ‘सनेही’, गुलाब खण्डेलवाल... Hindi 103 Share कवि रमेशराज 5 Dec 2023 · 5 min read तेवरी में गीतात्मकता +योगेन्द्र शर्मा ग़ज़ल के जन्म के समय, लगभग सभी प्रचलित विधाएं, कथ्य पर ही आधारित थीं। ग़ज़ल का कथ्य था, हिरन जैसे नेत्रों वाली (मृगनयनी से प्रेमपूर्ण वार्तालाप)। भजन का कथ्य था,... Hindi 117 Share कवि रमेशराज 5 Dec 2023 · 8 min read हिन्दी गीति काव्य में तेवरी की सार्थकता +सुरेश त्रस्त हिन्दी गीति काव्य की नूतन विधा तेवरी का नामकरण आठवें दशक के अन्त और नवें दशक के प्रारम्भ देवराज [द्वै] द्वारा किया गया। एक विशेष तकनीकी एवं अत्यानुप्रासिक व्यवस्था से... Hindi 114 Share कवि रमेशराज 5 Dec 2023 · 4 min read तेवरी किसी नाकाम आशिक की आह नहीं +ज्ञानेन्द्र साज सुविख्यात तेवरीकार दर्शन बेज़ार की नवीनतम कृति ‘ये ज़ंजीरें कब टूटेंगी’ उनकी सुलिखित, सुचयनित 48 धारदार तेवरियों का बेहतरीन संग्रह है। ‘तेवरी’ शीर्षक विधा को साहित्य में स्थापित करने के... Hindi 128 Share कवि रमेशराज 22 Sep 2023 · 1 min read तेवरी प्रेमी ही बन जाता बाज़ अपना बनकर लूटे लाज। होता आज।। उतना ही बदसूरत अंत जितना सुंदर हो आगाज़। होता आज।। सच की झट हो जाती मौत झूठ दीखता उम्रदराज।... Hindi 177 Share कवि रमेशराज 20 Sep 2023 · 1 min read तेवरी भूत-प्रेत जैसे इंसान थर-थर कांपें सबके गात। काली रात।। खुश हैं उल्लू और सियार कहीं न दिखता सुखद प्रभात। काली रात।। बढ़ने लगा सियासी ख़ौफ़ चीख़ों में सबके जज़्बात। काली... Hindi 1 88 Share कवि रमेशराज 14 Sep 2023 · 3 min read हिंदी दिवस पर एक आलेख हिन्दी में विश्व भाषा बनने की सामर्थ्य *रमेशराज ------------------------------------ शब्द का सम्बन्ध सोच-विचार , चिन्तन-मनन से होने के कारण भाषा केवल हमारे रागात्मक सम्बन्धों की संवाहिका ही नहीं होती, हमें... Hindi 233 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 5 min read तेवरी तथाकथित सौन्दर्य की पक्षधर नहीं +विजयपाल सिंह ------------------------------------ अधिकांश ग़ज़लगोओं का यह कहना है कि परिवर्तन के साथ ग़ज़ल के मिजाज में परिवर्तन आया है, निस्संदेह यह सोचने पर मजबूर करता है कि ग़ज़़ल के... Hindi 121 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 6 min read तेवरी : व्यवस्था की रीढ़ पर प्रहार +ओमप्रकाश गुप्त ‘मधुर’ ----------------------------------- ‘तेवरी-आन्दोलन’, कुछ प्रकाशन, एक समीक्षा आलोच्य- 1-कबीर जिंदा है- सम्पादक- रमेशराज 2-इतिहास घायल है- सम्पादक- रमेशराज 3-एक प्रहार, लगातार-लेखकः दर्शन ‘बेजार’ 4-अभी जुबां कटी नहीं- सम्पादक-रमेशराज... Hindi 123 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 2 min read तेवरी कोई नयी विधा नहीं + नीतीश्वर शर्मा ‘नीरज’ ------------------------------------- ‘आम’ को ‘इमली’ कह देने से उसके स्वाद और गुण में जिसतरह कोई अन्तर नहीं आता, ठीक उसीतरह नयी कविता की वैचारिकता को काव्य की... Hindi 90 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 4 min read है कोई तेवरी वाला जो... +शम्भुदयाल सिंह ‘सुधाकर’ ------------------------------------ तेवरी को मैं साहित्य का ही नहीं, साहित्यकार का भी समर्थ पक्ष मानता हूँ। किन्तु विधा और वाद के स्वरूप में इसे स्वीकारने का कायल नहीं।... Hindi 89 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 1 min read ग़ज़ल सिर्फ ग़ज़ल है तेवरी नहीं! +तारिक असलम तस्नीम ------------------------------------ ‘सुपरब्लेज के बहस-स्तम्भ में भाई रमेशराज के विचार पढ़कर लगा कि उन्हें शायद बेवजह की थोथी बहस करने की आदत-सी है। वे ग़ज़ल के कुछ बदले... Hindi 89 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 2 min read ‘तेवरी’ ग़ज़ल का एक उग्रवादी रूप +सतीशराज पुष्करणा ------------------------------------ सुपरब्लेज के मार्च-85 अंक के ‘बहस’ शीर्षक स्तम्भ के अन्तर्गत रमेशराज द्वारा प्रस्तुत प्रतिक्रियात्मक आलेख ‘ग़ज़ल-ग़ज़ल है, तेवरी-तेवरी’ पढ़कर ऐसा प्रतीत हुआ जैसे यहां भी खालिस्तान की... Hindi 79 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 2 min read तेवरी में नपुंसक आक्रोश +बी.एल. प्रवीण ------------------------------------- इन दिनों ग़ज़ल को लेकर जो बहस के मुद्दे सामने आए हैं, और ग़ज़ल के खिलाफ जो कुछ भी कहा जा रहा है, वह न केवल गैर... Hindi 97 Share कवि रमेशराज 20 Aug 2023 · 2 min read तेवरी के लिए एक अलग शिल्प ईज़ाद करना होगा + चेतन दुवे 'अनिल' ******************* सुधी विद्वान कबीर से ही हिन्दीग़ज़ल का शुभारम्भ मानते हैं। निराला एवं प्रसाद ने भी ग़ज़लें लिखीं हैं और दुष्यन्त कुमार से काफी पहले से... Hindi 73 Share कवि रमेशराज 11 Jan 2023 · 12 min read तेवरी काव्यधारा : उत्पत्ति,विकास और वैचारिकता *डॉ. चन्दन कुमारी ---------------------------------------- हिंदी साहित्य की काव्यधारा तेवरी शिथिलता में स्पंदन का स्वतःस्फूर्त संचार है | जमीनी हकीकत को बयां करने वाली इस कविता का मूल तत्व है ‘तेवर’ और इसमें गुंफित... Hindi 1 185 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 1 min read तेवरीकारों को यह भी बताना होगा... *निष्काम ------------------------------------------ वक्त की ‘त्यौरी’ के साथ आदमी के ‘तेवर’ भी बदल रहे हैं। ये तेवर यथार्थोन्मुखी होकर खोखले आदर्शों की लहरों को चीर रहे हैं, तो क्या आश्चर्य? साहित्य का... Hindi 1 97 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 1 min read तेवरी में कुशाग्र तीर +अमरनाथ ‘मोही’ ------------------------------------------ आज की कुरीतियों, अनैतिकताओं पर कुशाग्र तीरों से प्रहार करने के लिये ;कभी सीधे तौर पर तो कभी प्रतीकात्मक उलझे- घुमावदार पथों से होकर, काव्य की वह सृजन कला... Hindi 144 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 1 min read तेवरी में सही दिशा-ज्ञान। *उमेशचन्द्र मिश्र ‘तेवरी’ का बदलता तेवर समाज में फैले भ्रष्टाचार, जमाखोरी, बेईमानी, रिश्वतखोरी, अशिक्षा, बेकारी, राजनीतिक पैंतरों, धर्म, जाति, भाषा, प्रान्त इत्यादि समस्याओं से जूझते हुए मानव को दिशा-ज्ञान देने का एक... Hindi 137 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 2 min read ‘तेवरी’ में शोषित की पक्षधरता + रामानुज वर्मा ‘तेवरी’ समाज में उन घुन के समान लोगों की कारगुजारियों को हमारे समक्ष ला रही है, जो देश के कमजोर, शोषित, बेरोजगार, अशिक्षित, भोलेभाले, असहाय एवं खून-पसीना एक करने वाले... Hindi 100 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 2 min read ‘तेवरी’ टैस्ट-ट्यूब बेबी नहीं + रवीन्द्र कंचन हिन्दी साहित्य में जब भी कोई नयी विधा जन्म लेती है, बहुत से हाथ उसका गला घोंटने के लिये उठ खड़े होते हैं, अनेक हाथ चेहरे पर तेजाब डालने के... Hindi 89 Share कवि रमेशराज 10 Jan 2023 · 10 min read तेवरी पर आलेख तेवरी का सौन्दर्य-बोध + बिन्देश्वरप्रसाद गुप्त ------------------------------------------ तेवरी, दिनानुदिन साहित्य की एक सशक्त विधा का रूप ले रही है, यह निर्निवाद सत्य है। दरअसल इसका मूल कारण- आज की विकट... Hindi 1 2 133 Share कवि रमेशराज 9 Jan 2023 · 4 min read तेवरीः नारों की सार्थकता + सुरेश त्रस्त नारा अपनेआप में कोई बुरी चीज नहीं है। अगर बुरा या अच्छा है तो उसका प्रयोग या उसका उद्देश्य। मार्क्स ने बहुत पहले एक नारा दिया था कि ‘मजदूरो एक... Hindi 112 Share कवि रमेशराज 8 Jan 2023 · 3 min read तेवरी को प्रश्नों के घेरे में लेना अन्यायपूर्ण +विजयपाल सिंह अधिकांश ग़ज़लगोओं का यह कहना है कि परिवर्तन के साथ ग़ज़ल के मिजाज में परिवर्तन आया है, निस्संदेह यह सोचने पर मजबूर करता है कि ग़ज़़ल के मिजाज में क्या... Hindi 153 Share कवि रमेशराज 6 Jan 2023 · 5 min read साहित्य नपुंसक चरित्र जी रहा है +धीरेन्द्र शर्मा भाई रमेशराज जी युग की जिस दाहकता को भोगकर पत्रिका निकाल रहे हो, उसके विभिन्न आयामों में से एक यह भी है कि कदम-कदम पर तुम्हारे कंधे से कंधा मिलाकर... Hindi 118 Share कवि रमेशराज 6 Jan 2023 · 2 min read तेवरी आंदोलन को क्रांतिकारी मन्मथनाथ गुप्त की शुभकामनाएं तेवरी आन्दोलन को शुभकामनाएँ। मैं आप लोगों की ईमानदारी से खुश हूँ। किन्तु प्रश्न इस संघर्ष को इसी तरह आगे बढ़ाने का है। अक्सर युवाओं में शुरू-शुरू में काफी जोश... Hindi 133 Share कवि रमेशराज 6 Jan 2023 · 4 min read तेवरी युवा आक्रोश की तीसरी आँख तेवरीः युवा आक्रोश की तीसरी आँख +डॉ . रवीन्द्र ‘भ्रमर’ ----------------------------------------------------------------------- ‘तेवरी’ के प्रति मेरा ध्यान निरन्तर आकर्षित होता रहा है और आज की हिन्दी कविता के सन्दर्भ में, मैं... Hindi 162 Share कवि रमेशराज 21 Feb 2022 · 3 min read रमेशराज की वर्णिक एवं लघु छंदों में 16 तेवरियाँ *रति वर्णवृत्त में तेवरी-1 ********** खल हैं सखी मल हैं सखी। जन से करें छल हैं सखी। सब विष-भरे फल हैं सखी। सुख के कहाँ पल हैं सखी। नयना हुए... Hindi · तेवरी 564 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2021 · 1 min read रमेशराज की 3 तेवरियाँ 1. ***** नारे थे यहाँ स्वदेशी के हम बने विदेशी माल ,हर साल ! अपने हैं ढोल नगाड़े पर ये मढ़े चीन की खाल , हर साल ! हम गदगद... Hindi · तेवरी 361 Share कवि रमेशराज 12 Sep 2021 · 3 min read रमेशराज की 11 तेवरियाँ 1. दोनों ही कान्हा के प्रिय हैं मीरा हो या रसखान। नादान।। जो निर्बल का बल बनता है उसके वश में भगवान। नादान।। तुझको विश्वास मुखौटों पे सच्चाई कुछ तो... Hindi · तेवरी 1 1 350 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 5 min read तेवरी में गीतात्मकता तेवरी में गीतात्मकता योगेन्द्र शर्मा ग़ज़ल के जन्म के समय, लगभग सभी प्रचलित विधाएं, कथ्य पर ही आधारित थीं। ग़ज़ल का कथ्य था, हिरन जैसे नेत्रों वाली ;मृगनयनी से प्रेमपूर्ण... Hindi · लेख 289 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 14 min read तेवरी को विवादास्पद बनाने की मुहिम +रमेशराज ग़ज़ल-फोबिया के शिकार कुछ अतिज्ञानी हिन्दी के ग़ज़लकार तेवरी को लम्बे समय से ग़ज़ल की नकल सिद्ध करने में जी-जान से जुटे हैं। तेवरी ग़ज़ल है अथवा नहीं] यह सवाल... Hindi · लेख 343 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 3 min read ‘घड़ा पाप का भर रहा’ एक विलक्षण तेवर-शतक कविता में ‘तेवरी प्रयोग’ साहित्य के लिए एक सुखद अनुभव *विश्वप्रताप भारती ----------------------------------------------------------------------------------- श्री रमेशराज छंदबद्ध कविता के सशक्त हस्ताक्षर हैं। ‘तेवरी लेखन’ एवं ‘विचार को लेकर रस की निष्पत्ति... Hindi · लेख 427 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 4 min read तेवरी के तेवर को दर्शाती पत्रिका ‘तेवरीपक्ष’ [ ग़ज़ल और तेवरी का विवाद बेकार की कवायद ] -भगवानदास जोपट हिन्दी कविता के क्षेत्र में कविता की अनेक विधाओं के मध्य तेवरी विधा का केंद्रीय स्थान है। अनेक... Hindi · लेख 235 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 3 min read तेवरीकार रमेशराज, राजर्षि जनक की भूमिका में *योगेन्द्र शर्मा कविवर निराला का कथन है-“कविता बहुजीवन की छवि है।“ तेवरी भी माँ सीता की तरह, भूमि से ही जन्मी है, और रमेशराज, राजर्षि जनक की भूमिका में हैं। तेवरीकार, रमेशराज... Hindi · लेख 368 Share कवि रमेशराज 10 Sep 2019 · 6 min read ग़ज़ल एक प्रणय गीत +रमेशराज ग़ज़ल का अतीत एक प्रणय-गीत, महबूबा से प्रेमपूर्ण बातचीत’ के रूप में अपनी उपस्थित दर्ज कराते हुए साहित्य-संसार में सबके सम्मुख आया। ज्यादा भटकने की जरूरत नहीं है, ‘मद्दाह’ का... Hindi · लेख 546 Share Page 1 Next