राकेश चतुर्वेदी 2 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राकेश चतुर्वेदी 29 Nov 2018 · 1 min read मेरे हाथ के खून से मेरे हाथों के खून से मेरे हाथों के खून से,कभी मेहँदी तू लगाना याद जब मेरे आये तों, थोडा तू मुस्कुराना मैंने ये ग़ज़ल कलम से नहीं,अपने खून से लिखा... Hindi · कविता 4 3 352 Share राकेश चतुर्वेदी 27 Nov 2018 · 1 min read माँ माँ अदृश्य इस संसार में माँ को कोई समझ ना पाया, भूखे पेट में रह के भी पेट भर तुम्हे भोजन खिलाया। ऊँगली पकड़ कर जिसने तुम्हे चलना सिखाया, आज... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 29 524 Share