Rajni Chhabra Tag: कविता 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajni Chhabra 7 Feb 2017 · 1 min read तुम्हारी वसीयत सहेज कर रखूँगी वतन की आन की ख़ातिर जो शौर्य की वसीयत तुम मेरे नाम कर गए मुस्कुरा कर सहूँगी वक़्त का हर सितम देशभक्ति का जज़बा कभी न होगा... Hindi · कविता 408 Share Rajni Chhabra 6 Feb 2017 · 1 min read मैं कहाँ थी मैं जब वहां थी तब भी, मैं नहीं वहां थी अपनों की दुनिया के मेले में , खो गयी मैं न जाने कहा थी बड़ों की खूबियों का अनुकरण कर... Hindi · कविता 272 Share Rajni Chhabra 4 Feb 2017 · 1 min read सिमटते पँख पर्वत, सागर, अट्टालिकाएं अनदेखी कर सब बाधाएं उन्मुक्त उड़ने की चाह को आ गया है खुद बखुद ठहराव रुकना ही न जो जानते थे कभी बँधे बँधे से चलते हैं... Hindi · कविता 1 328 Share Rajni Chhabra 3 Feb 2017 · 1 min read मन विहग आकुल निगाहें बेकल राहें विलुप्त होता अनुपथ क्षितिज छूने की आस अतृप्त प्यास तपती मरुधरा में सावनी बयार नेह मेह का बरसना ज़िन्दगी का सरसना भ्रामक स्वप्न खुली आँख का... Hindi · कविता 576 Share