Rajiv Vishal (Rohtasi) Tag: कविता 9 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajiv Vishal (Rohtasi) 4 May 2022 · 1 min read पिता पिता प्रकाश है पिता आकाश है पिता आस है आशा और विश्वास है कोई गम नहीं गर पिता पास है जिस घर मैं है पिता उस घर में देवों का... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 2 3 334 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 4 May 2022 · 1 min read पिता हर गम उठता है फिर भी ओ मुस्कुराता है इस धरती पर देव तुल्य ओ पिता कहलाता है कठीन परिश्रम कर के भी ओ नहीं थकता हरदम बच्चों की राह... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 3 3 407 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 8 Mar 2022 · 1 min read नदी और नारी दोनों दूसरे के लिए कुर्बान करती जिंदगानी है नदी और नारी की एक सी कहानी है एक जीवन देती एक जीवन संवार देती स्नेह और समर्पण जिसकी निशानी है नदी... Hindi · कविता 605 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 28 Dec 2021 · 1 min read समय बीते पल किसी की याद में पलता रहेगा किसी को ओ पल हमेशा ही खलता रहेगा ये समय है ऐसे ही चलता रहेगा कोई दिल में बसेगा कोई दिल से... Hindi · कविता 3 468 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 24 Dec 2021 · 1 min read अब इश्क़ मोहब्बत रहने दो. दुनिया का तो काम है कहना दुनिया को अब कहने दो अब इश्क़ मोहब्बत रहने दो बहुत जी लिया महफिल में अब तन्हा भी हमे रहने दो अब इश्क़ मोहब्बत... Hindi · कविता 2 377 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 19 Dec 2021 · 1 min read क्यों तुम इतने प्यारे हो गए. क्यों तुम इतने प्यारे हो गए अपनों को छोड़कर हमारे हो गए जिन्होंने तुम्हे सब दिया उसके लिए नदी के दो किनारे हो गए कभी जिस आँख के तारे थे... Hindi · कविता 386 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 15 Dec 2021 · 1 min read युग बदला तुम बदलो नारी उठो नींद से जग लो नारी युग बदला तुम बदलो नारी अस्मिता तुम्हारी लूट न पाए दम तुम्हारा कभी घूट न पाए चंड़ी रूप तुम धर लो नारी युग बदला... Hindi · कविता 447 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 14 Dec 2021 · 1 min read गाँधी के इस देश में. दिन ब दिन सच्चाई हार रही है फरेबी के केस में क्या क्या हो रहा अब गाँधी के इस देश में मिलते हैं चोर यहाँ अक्सर साधु के वेश में... Hindi · कविता 299 Share Rajiv Vishal (Rohtasi) 13 Dec 2021 · 1 min read बचपन छल ना कपट ना मैला मन ना किसी से किसी को थी जलन कितना प्यारा था बचपन इर्ष्या, द्वेष, वैर, भाव ना था जीवन में कोई तनाव ना था ना... Hindi · कविता 652 Share