Rajendra Kushwaha Language: Hindi 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Rajendra Kushwaha 13 May 2024 · 1 min read नौकरी जरा पैसों की लालच में हम गाव छोड़ आये। बचपन में देखे हुए वो अधूरे ख्वाव छोड़ आये। कच्ची मिट्टी की दीवारे और घास का छप्पर, चहकती हुई गोरैयो के... Poetry Writing Challenge-3 · कविता 1 262 Share Rajendra Kushwaha 27 Apr 2024 · 1 min read बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है। बाजार आओ तो याद रखो खरीदना क्या है। इत्र लगे काग़ज के फूल यहाँ लुभाते बहुत है। ये यहाँ के तौर तरीके हैं इन्हे यही भूल कर जाओ, वरना नज़र... Hindi · मुक्तक 1 182 Share Rajendra Kushwaha 27 Apr 2024 · 1 min read नौकरी जरा पैसों की लालच में हम गाव छोड़ आये। बचपन में देखे हुए वो अधूरे ख्वाव छोड़ आये। कच्ची मिट्टी की दीवारे और घास का छप्पर, चहकती हुई गोरैयो के... Hindi · कविता · ग़ज़ल 241 Share Rajendra Kushwaha 13 Mar 2017 · 1 min read होली रुठे यारो के लिये पते की एक बात लाया हु। छोङा नहीं मैने सब एक साथ लाया हु। किसी की रंग दे कोरी चुनर को किसी के रंग दे गाल,... Hindi · शेर 681 Share Rajendra Kushwaha 7 Mar 2017 · 1 min read स्वच्छ करे गंगा जल को $$ स्वच्छ करे गंगा जल को $$ रुखे बैठे जो भी यहा पर कलीयो से सजा दे हर दिल को । उङा दो सब भँवरो को चमन से खुशबू से... Hindi · कविता 636 Share Rajendra Kushwaha 3 Mar 2017 · 1 min read खुबसूरत नजारे हैं इतने खुबसूरत ये जो नजारे है। बताओ इन्हे कैसे संवारे है। जी नही सका मे तेरे बिना एक पल, तू बता मेरे बिना इतने दिन कैसे गुजारे है। राजेन्द्र कुशवाहा Hindi · शेर 1 1 432 Share Rajendra Kushwaha 3 Mar 2017 · 1 min read सिसकीया लेकर मत रोने देना। अकेला कभी मत होने देना । सिसकीया लेकर मत रोने देना । टुटकर कहीं बिखर न जाऊ, दुश्मनो के हाथों कभी मत होने देना। खुद की तस्वीर भी धुधली लगने... Hindi · कविता 397 Share Rajendra Kushwaha 2 Mar 2017 · 1 min read जोश मिल गया दुनिया को बदल कर रख दूगा वह जोश मिल गया मुझको । लहु उबाल भरेगा वह उदघोष मिल गया मुझको ॥ अब दुनिया भर कि जन्नत मेरे कदमों मे होगी... Hindi · शेर 480 Share Rajendra Kushwaha 2 Mar 2017 · 1 min read पण्य धरा शुरवीरो की पुण्य धरा को यादो से आचमन करले। मात्र भूमि का शौर्य बङे उन रास्तो पर गमन करले। इस वतन के ख़ातिर बहा दिया लहु अपना, भारत माँ के... Hindi · शेर 512 Share Rajendra Kushwaha 28 Feb 2017 · 1 min read जिम्मेदारी कदम ये चलते चलते रुक जाते हैं। जिम्मेदारीयो का बोझ उठाते उठाते थक जाते हैं। गुजर जाता है जब आँखों से शैलाब आसुओ का, रंगीन नजारे नजर मे तब आते... Hindi · शेर 708 Share Rajendra Kushwaha 28 Feb 2017 · 1 min read घर आधियो में दीपक जलाना आसान नही होता । दरिये मे तैर के जाना आसान नहीं होता । ईट पर ईट रखकर तो खङी है कई मंजिले, पर घर को घर... Hindi · शेर 701 Share