राजन कुमार साह 'साहित्य' Language: Hindi 12 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid राजन कुमार साह 'साहित्य' 14 May 2020 · 2 min read वक्त ! एक वक्त था, मेरा वक्त था, मेरे पास वक्त नहीं था । एक वक्त है, मेरे पास वक्त है, मेरा वक्त नहीं है । कहते हैं, वक्त, वक्त की बात... Hindi · कविता 2 2 580 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 5 Jan 2020 · 1 min read आशिक-दिवाना तुम्हारे प्रेम में पागल, मैं आशिक पुराना हूँ। इधर तु भीड़ में पागल, उधर मैं भी दिवाना हूँ। ना जाने क्यूँ तुम्हारे बिन ये जिंदगी अधुरी सी लगती है। शायद,... Hindi · मुक्तक 2 316 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 7 Dec 2019 · 1 min read अलविदा! मुझे प्यार ना होता तो इस कदर भला मैं क्यूँ रोता। छुपा कर सारे दुख , दर्द , जज्बातों को..आहें क्यूँ भरता। प्यार की तड़प में हर दर्द की दवा... Hindi · कविता 328 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read ##कहते है हमारे आदर्श विचार## कहते है हमारे आदर्श विचार हो जाओ बच्चों तुम तैयार देश के प्रति जिम्मेदार क्योंकि देश कर रहा है तुम्हारा इंतजार जरा तुम सोचो कैसे होगा देश का कल्याण..नव भारत... Hindi · कविता 313 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read वो बचपन की याद बहुत सताती है। पीपल की छाया ममता की साया माँ की गोद रूलाती है वो बचपन की याद बहुत सताती है.. दादी की लोरी बचपन की चोरी हमें बहुत रूलाती है वो बचपन... Hindi · कविता 491 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read जिंदगी एक जंग। जिंदगी एक जंग है,यूँ हार मानते नहीं। गर हो खडे मैदान में,कभी छोड़ भागते नहीं।। है जोरावर दुश्मन का ,हम भी किसी से कम नहीं। गर हो हौसला बुलंद, कर... Hindi · कविता 534 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read ##याद करो अपना बचपन## एक समय था जब हम बच्चे थे दिल के बड़े ही सच्चे थे मिट्टी की तरह कच्चे थे लेकिन हम बड़े ही उच्चके थे फिर भी पानी की तरह रंगहीन... Hindi · कविता 1 550 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read रचना: तू मूझे याद करती नहीं है। क्या खता हुई है हमसे तू मुझे याद करती नहीं है.. कभी करती थी बातें सात जन्मों की अब इक पल साथ दे राजी नहीं है.. गर खुश है तू... Hindi · कविता 474 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read रचना:लोकतंत्र और सियासी लोगों का खेल किसी को मंदिर, किसी को मस्जिद बना लेने दो। गरीबों की आह ,उनकी पुकार यूँ ही दब जाने दो।। कोई मर रहा भुखा उन्हें यूँ ही मर जाने दो। गर... Hindi · कविता 430 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read काव्य/व्यंग्य: नेताओं से यारों होता गदहा महान है । चंद नेताओं से यारों होता गदहा महान है । चंद पैसो के लिए बेचता नहीं अपना ईमान है । कौन कहता है हमारे देश में महंगाई बहुत है । चंद... Hindi · कविता 291 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 2 Dec 2019 · 1 min read रचना: लोकतंत्र का काला दिन लोकतंत्र क्यूँ आज खून कि आंसू रो रहा है, तानाशाह निरंकुश शासन संविधान का कोई मोल नहीं हैं। शिक्षा है अधिकार हमारा मांगे तो लाठी बरसाए रहे हैं, अधिकारों का... Hindi · कविता 764 Share राजन कुमार साह 'साहित्य' 9 Oct 2018 · 2 min read मेरी जिंदगी के लिए साँँसोंं की जरूरत हो तुम==राजन कुमार साह "साहित्य" जिसे मैं चाहता हूँ वो चाहत हो तुम जिसे मैंने पाया मेरी अमानत है तुम तन्हा-ए-दिल तुझसे ना बिछड़ पाऊँगा बिछड़ा तो एक पल भी जी नहीं पाऊंगा मेरी जिंदगी... Hindi · कविता 575 Share