प्रदीप तिवारी 'धवल' 27 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रदीप तिवारी 'धवल' 26 Nov 2021 · 1 min read आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर भारत आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर, आत्मनिर्भर हों विश्व पर आश्रित न होकर आत्मनिर्भर हों देखती आँखे हैं सपने, आत्मनिर्भर हों हाथों में हो काम अपने, आत्मनिर्भर हों १ इस महामारी ने... Hindi · गीत 2 2 649 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 18 Dec 2020 · 1 min read कोरोना चालीसा कोरोना चालीसा दोहा श्री वीणा वादिनि सुमिर, बरनउँ हृदय विचार । कोरोना सी व्याधि का, नहीं कोई उपचार ।। संकट में है मनुजता, जीर्ण – क्षीण पतवार । कुटिल विषाणु... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 30 90 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 26 Jun 2020 · 1 min read आशा के दीप जलाते हैं योगी योगी को भोग का रोग नहीं, नित योग का भोग लगाते हैं योगी। जनहित में निशिवासर धाय के, जनता का धीर बढ़ाते हैं योगी । प्रदेश के लोग हताश न... Hindi · गीत 1 3 610 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 23 Sep 2018 · 1 min read हम तो आग लगायेंगे... देश के हर कोने को हम तो आग लगायेंगे, हम नेता हैं पक्ष - विपक्ष के मत हथियाएँगे, राजनीति हित आज हमें कुछ करना ही होगा, घृणा द्वेष का ज़हर... Hindi · गीत 623 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 1 Jan 2018 · 1 min read नववर्ष शुभ हो आत्मबल उत्साह में, नित नए प्रतिमान देखे हृदय का प्रमाद भी, नित नए दिनमान देखे लक्ष्य की प्रतिपूर्ति हो, नयन भी सम्मान देखे ‘धवल’ अभिलाषा यही, नववर्ष गुणगान देखे।। आपको... Hindi · गीत 484 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 3 Nov 2017 · 3 min read मदरसा फागुन महीने का तीसरा शुक्रवार | आज ही होलिका दहन होगा और कल रंग खेला जायेगा | पूरे गाँव में उल्लास और उत्साह का माहौल है | हर घर से... Hindi · लघु कथा 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 1 Oct 2017 · 14 min read अब चिट्ठियाँ नहीं आतीं अब चिट्ठियाँ नहीं आतीं सभागार दिमाग में विचारों की भांति खचाखच भरा हुआ है | चारों ओर छात्र-छात्राएँ गणवेश में घूम रहे हैं | आज डॉ रणविजय सिंह इंटर कालेज... Hindi · कहानी 1 1 892 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 7 Sep 2017 · 1 min read औरत औरत औरत, जितना धरती होती है उससे ज्यादा अम्बर होती है, ऊंचाइयों में पहाड़ होती है, गहराई में समंदर होती है. वो जगत नियंता की जननी, सृष्टि में सबसे सुन्दर... Hindi · कविता 665 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 22 Apr 2017 · 1 min read आत्मबल जहाँ अनुशासनों से युक्त, व्यक्तित्व होता है वहां ही कर्म पूजा में निहित, नेतृत्व होता है असंभव लक्ष्य भी संभव बने, हर कार्य पूरित हो प्रेम -सद्भाव हो तो ह्रदय... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 879 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 5 Apr 2017 · 2 min read सुसाइड नोट सुनो ! मेरे प्राण संकट में हैं, मैं धीरे धीरे मर रहा हूँ जबकि मेरे पास सब कुछ है, बिजली के खम्भे, तार, ट्रांसफार्मर, बल्ब, पंखा, वाशिंग मशीन, टी वी,... Hindi · कविता 727 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 17 Mar 2017 · 1 min read आदमी है हाड़, मॉस, लहू से तैयार आदमी. पानी का बुलबुला भी औ बयार आदमी. अपने पे मगर आ गया,जो मोदी की तरह, तो देश में बनता है वो सरकार आदमी.... Hindi · गीत 565 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 5 Mar 2017 · 1 min read नशा ! तुम्हारा सर्वनाश हो नशा ! तुम्हारा सर्वनाश हो, तुम सबसे बढ़के पिशाच हो. अच्छे भले मनुज फँस जाएँ, तेरे हुस्न पर मर मिट जाएँ, उलझन से मुक्ती पाने को, तेरी शरण व्यथित आने... Hindi · कविता 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 10 Feb 2017 · 1 min read तुम तुम अकुलाते मेघों की गड़गड़ाहट अरण्य में मयूरों का कलरव आकाश से जीवनी बरसात धरती की बुझती प्यास खेतों में बिछी गहरी हरियाली अपरिचिता के केशों में अटकी बूँदें जब... Hindi · कविता 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 9 Feb 2017 · 1 min read तुम जीवन सार हो जब तुम्हारा विहग मन उड़ जायेगा प्रेम तरुवर की मधुरतम छाँव को कामनाओं का बड़ा उद्यान बनकर बाँध लूँगा मैं तुम्हारे पांव को ज्यों भटकते अक्षरों को जोड़कर शब्द बनता... Hindi · कविता 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 28 Jan 2017 · 1 min read बेटियाँ बेटियाँ हर कोख कौम देश का अभिमान बेटियाँ कर रही हैं राष्ट्र का निर्मान बेटियाँ प्रकृति प्रदत्त प्रेम की संतान बेटियाँ प्रभू ने खुद रचा हो जो बखान बेटियाँ पुरुषों... "बेटियाँ" - काव्य प्रतियोगिता · गीत · बेटियाँ- प्रतियोगिता 2017 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 5 Jan 2017 · 2 min read कोटा का विलाप कोटा का विलाप जब स्व के अतृप्त अधूरे सपनों को तुम्हारी माँ की कोख में रोपा था, तब कहीं जाकर के तुम्हारा निश्छल सुकोमल मुखड़ा देखा था. परवरिश के धागों... Hindi · कविता 4k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 31 Dec 2016 · 1 min read नए साल पर हों तमन्नाएं पूरी, नए साल पर हों तमन्नाएं पूरी सिमट जाये बढ़ते हुए दिल की दूरी नए जोश का तन में संचार हो सात्विक विचारों का संसार हो राहें नई हों, दिशायें नई... Hindi · गीत 817 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 28 Dec 2016 · 1 min read भ्रष्ट कहौ जौ उनका तौ बौराय जात हैं. भ्रष्ट कहौ जौ उनका तौ बौराय जात हैं. थरिया कै अस जूँठन वै कर्राय जात हैं. जब से भएँ सरकारी अफसर मिटा दरिद्दर सारा. गाड़ी बंगला नौकर चाकर, खाय फिरी... Hindi · गीत 1 881 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 25 Dec 2016 · 1 min read अर्थशास्त्र भारतीय रूपये और नैतिकता की ये महानता है, दोनों के गिरने की दर में समानता है . नैतिकता स्वार्थ, भ्रष्टाचार और बलात्कार के चक्रवियूह में अभिमन्यु हो रही है, रूपये... Hindi · कविता 1k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 17 Dec 2016 · 1 min read चोर चोर मौसेरे भाई। चोर चोर मौसेरे भाई। हम नेता खाएंगे मलाई।। बोतल बदली 'धवल' हो गई, दारू वही, वही उबकाई।। कितने भी चश्मे बदलें हम, तकदीरों में लिखी रुलाई।। सगरे नेता देवर बन... Hindi · कविता 2k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 12 Dec 2016 · 1 min read चिड़ियाघर में सर्दी लाल गुलाबी सर्दी आई, जर्सी स्वेटर टोपी लाई दस्ताने हाथों में पहने ठिठुर रहे हैं बन्दर भाई. बालों को ओढ़े बैठे हैं भोले - भाले भालू दादा भून भून कर... Hindi · कविता 693 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 12 Dec 2016 · 1 min read नोटबंदी - वरदान या अभिशाप आम जन हूँ नोटबंदी ने सताया मोदी जी तारीख दस है पर पगार न पाया मोदी जी, मन की बातों को बिछाता,ओढ़ता,खाता रहा हूँ, पेट में है गैस वादों की... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 1 2k Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 29 Nov 2016 · 1 min read अवधी रचना- सावन माँ मन भावन है. सावन माँ मन भावन है, शिव डमरू से फूट रही रसधारा, खेतन, बागन, मेडन मा, हरियाली लपेटे तयार है चारा, गोरु बछेरू पशू औ परानी के साथे जवान सेवान है... Hindi · गीत 793 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 26 Nov 2016 · 1 min read हर एक शख्स समय का गुलाम होता है हर एक शख्स समय का गुलाम होता है कभी तिनका भी उड़ता आसमान होता है . हमने देखा है उन्हें फुटपाथ पर सोते हुए जिनका शहर में बड़ा सा मकान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 749 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 26 Nov 2016 · 1 min read जबान से लगी चोट कभी ठीक नहीं होती आओ मेरी आवारगी में तुम भी शामिल हो जाओ, पाप, पुण्य, सुख, दुःख की यहाँ सीख नहीं होती . लड़ लो, झगड़ लो खूब, पीट लो अपनों को, क्योंकि जबान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 766 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 25 Nov 2016 · 1 min read आखिरी दम तलक नहीं बुझती आखिरी दम तलक नहीं बुझती हवस मेरी सुलह नहीं करती जब से जन्मा हूँ बटोरता ही रहा संग्रह की प्रवृति नहीं मिटती अगली पीढ़ी नकारा ही होगी मन से शंका... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 1 702 Share प्रदीप तिवारी 'धवल' 25 Nov 2016 · 1 min read भारत स्वच्छता मिशन भारत स्वच्छता मिशन प्राणपन से शपथ लें हम स्वच्छता अपनाएंगे, निज निलय से कार्यालय तक सतत चमकाएंगे. स्वच्छ भारत मिशन का संकल्प मन में ठन गया है, सोच बदलो, देश... Hindi · कविता 3 1k Share