पिता ( हे पितृ नमन, हे पितृ नमन )
हे पितृ नमन हे पितृ नमन... -------------------------------------- लेकर जब अपने काँधों पर दिखलाया था संसार मुझे, है याद हसीं लम्हा, खुलकर तब हँसा था पहली बार मुझे । जब तक...
“पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता