pravin sharma Tag: कविता 28 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid pravin sharma 3 Jan 2024 · 1 min read सरकार हैं हम वो कह रहे हैं, हम हमेशा सही रहेंगे, आप पिट्टू हैं हमारे, वही रहेंगे, बोझ कितना भी हो, पर अधिकार बस सांसों का है, चीत्कार हो हर बार, ये हम... Hindi · कविता 131 Share pravin sharma 11 Mar 2023 · 1 min read मलाल पिचकारी का रंग मुझे लाल करे, बस तेरा न होना, मलाल करे। मैं ऐसा करता तू होता तो, मैं वैसा करता तू होता जो, दिल कैसे कैसे ख़याल करे।। बस... Hindi · कविता · हिंदी 203 Share pravin sharma 1 Jan 2023 · 1 min read वक़्त की गिनती वक़्त बस गिनती है, चलती रही है चलती रहेगी। छोटे बच्चे सी छुप छुपकर जिंदगी यहाँ वहां पर मिलती रहेगी। गले लगाओगे अपनी औलाद सा, या दुत्कारोगे ये तुम पर... Hindi · Happy New Year · कविता · नाववर्षक · वर्ष 2023 170 Share pravin sharma 22 Jun 2021 · 1 min read पलायन का दर्द लौट कर चले आये वहाँ रह कर भी क्या करते कोई अपना नही हो जहाँ वहाँ मर कर भी क्या करते लोग दूर से पूछते थे, कैसे हो भाई थक... Hindi · कविता 2 2 657 Share pravin sharma 20 Jun 2021 · 1 min read मेरे बाबू जी जिनके बिना मेरा नाम अधूरा जिनके साथ मेरा परिवार पूरा वो छत है बाकी सब दीवारें है एक उन्होंने पूरे घर के सपने सँवारे है वो माँ से कम दिखते... Hindi · कविता 2 2 403 Share pravin sharma 14 Jun 2021 · 1 min read टिके बैठे हो जब तुम होते हो मेरे पास तो मै कहता हूं, ए वक़्त ठहर जाओ क्यों बहते हो । जब तुम चले जाते हो तो लगता है, वक़्त तुम गुजर क्यूं... Hindi · कविता 2 4 232 Share pravin sharma 13 Jun 2021 · 2 min read शर्माजी के अनुभव : पराश्रित ढलती शाम और पार्क का किनारा सुकून की तलाश में बैठा मैं बेचारा स्वार्थियों के हुजूम दुनिया मे छाये है दर्द सुनना भी अब एक व्यवसाय है मेरी तरह तन्हा... Hindi · कविता 1 424 Share pravin sharma 12 Jun 2021 · 1 min read तुम मेरे क्या हो दृश्य : नायिका के हाथ मे तस्वीर है और अपना हाल बता रही है । कैसे कहूँ मैं तुमसे कि तुम मेरे क्या हो मैं तुमको क्या बताऊँ, जब खुद... Hindi · कविता 1 672 Share pravin sharma 12 Jun 2021 · 1 min read ढीठ हाजिर जवावी में सानी नही कोई वो बोलती है तो मैं सुनता हूं वो बताती जाती है कब क्या कैसे एक मैं हूं जो बैसे वैसे बुनता हूँ मेरी हंसी... Hindi · कविता 1 564 Share pravin sharma 12 Jun 2021 · 1 min read स्लो जनरेशन का एक अज्ञानी इन घड़ी वालों के पास वक़्त कहाँ है इनकी बातों में अब वो बात कहाँ है जिंदगी आसान करने के फंडे ढूंढते ढूंढते छप्पर तो अभी भी है, उठवाने वाले... Hindi · कविता 1 2 219 Share pravin sharma 12 Jun 2021 · 1 min read शुद्ध ब्यापार ये मंडी है मंडी यहाँ सब बिकते है भइया बोलकर ईमान कहाँ टिकते है कसम खाने को तो बच्चों की कसम खा जाए ये बाजार है, सच झूठ के कदमो... Hindi · कविता 1 257 Share pravin sharma 11 Jun 2021 · 1 min read मैं खुद बच्चा हो जाता हूँ कभी झिलमिल कभी हिलमिल वो मेरे पास आती है मेरी आवाज सुनकर ही खिलौने भूल जाती है फिर मैं सब भूल जाता हूं वो जब बाहों में आती है प्यार... Hindi · कविता 2 4 214 Share pravin sharma 10 Jun 2021 · 2 min read नारी के बिन वो राधा है वो गीता है वो शक्ति है वो सीता है हर रूप में रंग अनोखा है सब नारी के बिन रीता है पर हाय रे पतित जगत के... Hindi · कविता 3 4 458 Share pravin sharma 10 Jun 2021 · 1 min read कहते मेरे है एक छत है मगर अलग अलग कमरे है कही गम कही खुशी कही बेखबरी सभी अलग अलग चेहरे है कोई नही जानता रात किसकी कैसी थी कही हल्के कही गहरे... Hindi · कविता 1 338 Share pravin sharma 10 Jun 2021 · 1 min read बाबली है खुद जिंदगी गाना मर्जी से गवाती है हमे कभी सुर कभी बेसुरा जताती है हमे लय ताल खुद भूल जाती है अक्सर दोषी इस सबका, बताती है हमें अनजान रास्तो पर... Hindi · कविता 1 315 Share pravin sharma 8 Jun 2021 · 1 min read सब अपना नाटक कर गए हम विनय का हाथ जोड़े देर तक तकते रहे लगा अभी कहेँगे, अरे कितने आंसू बह गए रोकता था शोर गुल को, बाबा मेंरे सोये है पर दीवाने लोग कहते... Hindi · कविता 2 6 349 Share pravin sharma 8 Jun 2021 · 2 min read शर्माजी के अनुभव : मातृत्व ढलता अंधेरा और काली सी महिला बाजार किनारे खड़ी, हाथों में थैला अजनवी थी मगर कुछ अलग था चेहरे में जैसे खुशी खड़ी हो, उदासी के पहरे में बढ़ने लगा... Hindi · कविता 2 217 Share pravin sharma 8 Jun 2021 · 3 min read कैसे कैसे संत चाचा से कहने लगे, द्वार खड़े एक संत, दे बच्चा प्रभु आये है, खुश होंगे भगवंत, खुश होंगे भगवंत, ग्रहदशा तेरी भारी, देख लिया स्पष्ठ भाग्य में कमी तुम्हारी दशा... Hindi · कविता 1 520 Share pravin sharma 7 Jun 2021 · 1 min read दिल की मर्सडीज 'ब्यूटी' की धार तेज बहुत दिख रही मुझे 'लिप लाइनर' की कोर चला जा रहा हूँ मैं इस 'लाइफ' की 'फिज़िक्स' के 'मिस्ट्री' हो तुम 'प्लस माइनस' का 'फोर्स' खिंचा... Hindi · कविता 1 241 Share pravin sharma 7 Jun 2021 · 1 min read एक बूंद इश्क अजी थोड़ी देर तो बैठो, इससे तुम्हारा क्या जाएगा मेरा दिल जो बैठा जाता है, संभल जाएगा यू पल भर आकर बेरुखी से उठ चल देते हो मेरे दर्द को... Hindi · कविता 1 265 Share pravin sharma 7 Jun 2021 · 1 min read सर झुका रहा हूँ मैं किरायेदारी चुका रहा हूँ मैं वो गम दे या खुशी , मुस्कुरा रहा हूँ मैं ऊपरवाले तू सच्चा मकान मालिक है तू घर सजा रहा है बचा रहा हूँ मैं... Hindi · कविता 2 421 Share pravin sharma 6 Jun 2021 · 1 min read सावन के बादल प्यार के पागल जल्दी छत पर आ जा गोरी हम बारिश बारिश खेलेंगे तू अपनी छत पर रह लेना हम अपनी छत पर रह लेंगे खेल आज होगा ऐसा, जैसा पहले नही कभी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 4 246 Share pravin sharma 6 Jun 2021 · 1 min read जिंदगी की पहेली जिंदगी की पहेली कब किसको समझ आई है जैसी जिसे मिली वैसी उसने बताई है कई रूप रंग है एहसास बिश्वास भी है कई हारना सभी को एक दिन, ऐसी... Hindi · कविता 1 2 245 Share pravin sharma 5 Jun 2021 · 1 min read बेटी का बाप हूँ ना देख ना लू बेटी को, तब तक नीद नही आती बैठा रहता हूं चौखट पर, जब तक घर नही आती फोन की तसल्ली कम रहती है, बेटी का बाप हूँ... Hindi · कविता 2 6 290 Share pravin sharma 3 Jun 2021 · 1 min read मै इंजीनियर तो हूँ मैं इंजीनियर तो हूँ पगली टूटा दिल फिर भी मैं जोड़ नही पाता तू तो फिरती थी बड़ी डॉक्टर बनी लाडो मेरे नाम का कांटा तुझसे निकाला नही जाता तू... Hindi · कविता 1 233 Share pravin sharma 2 Jun 2021 · 1 min read इततु सी बारिश कर दो माना गलती हुई, कुछ पेड़ ना लगाए हंसी के मुस्कुरा दो थोड़ा सा ही, पर मुझे माफ़ कर दो गर्मी कितनी है तेरे प्यार के बिन, जां सूख गई अजी... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 2 6 319 Share pravin sharma 2 Jun 2021 · 1 min read बंदियों से बचा या खुदा नेक बंदों को बंदियों से बचा वरना उनके लिए ये खुद से लड़ जाते है प्यार संभलने नही देता इनको और ये हद से गुजर जाते है कश्मकश... Hindi · कविता 1 2 434 Share pravin sharma 31 May 2021 · 1 min read बुड्डा बाप क्या कहूं दुखी अंतर्मन है ,जैसे खुशियों से अनबन है । जिसने सीखा चलना मुझसे, उस लाल से मेरी अनबन है ।। मै कहाँ मांगता रात और दिन बस पास... Hindi · कविता 1 227 Share