डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम Tag: मुक्तक 72 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Jul 2020 · 1 min read सावन दोहा मुक्तक सावन बरसे झूम के, कोयल गाये गीत। पिया अभी आओ मिलो, सुन बिरहा के गीत। क्यों चातक की टेर, को नहीं सुनें भगवान, धानी चूनर ओढ़ ली,धरती ने... Hindi · मुक्तक 2 712 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Jul 2019 · 1 min read कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला । मुक्तक मित्रों ! शहीद मनोज पांडे की स्मृति में कारगिल दिवस पर एक मुक्तक सादर समर्पित है । कारगिल पर जब मुझे आदेश सीमा का मिला , गर्व से सीना... Hindi · मुक्तक 217 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2019 · 1 min read सत्य पथ के हम पथिक हैं. मध्य जीवन या मरण के ज्ञान हम चुनते रहें। मित्र !तूफानों में कश्ती हम सहज खेते रहें। है सनातन सत्य केवल जीव या जीवात्मा। सत्य पथ के हम पथिक हैं... Hindi · मुक्तक 302 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 11 Jun 2019 · 1 min read माँ काल ही तो मारता विधि से बचाती माँ सदा काल यदि पीछे पडे़ उसको छिपाती माँ सदा. पंख उड़ने के दिये हैं फड़फड़ाना आपको. काल गति को थाम कर जीवन... Hindi · मुक्तक 318 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 8 Jun 2019 · 1 min read शैतान की नीयत शैतान की नीयत में खोट होता है. इन्सान क्यों खून के आँसू रोता है.? बाल - बाँका कर सकेगा न कोई, ऐसा न्याय क्यों. मजबूर होता है? इन्सान.शैतान में फर्क... Hindi · मुक्तक 481 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 16 May 2019 · 1 min read तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा सिर पे मेरा हो मित्रों माँ को समर्पित है मुक्तक । गुरूःब्रह्मा गुरुःविष्णु गुरूः देवा महेश्वरः ।मित्रों माँ का स्वरूप इन तीनों देवो मे प्रकाशित होता है। समर्थन कीजिए। तुम्हारे प्यार का आँचल, हमेशा... Hindi · मुक्तक 291 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 May 2019 · 1 min read मदर्स-डे पर समर्पित ये मेरी माँ का आंचल है, लजाने हम नही देंगे । पिया जो माँ का पय हमने,गँवाने हम नही देंगे । वतन के ही लिये जीना ,वतन के ही लिये... Hindi · मुक्तक 276 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 10 May 2019 · 1 min read ये परचम जो थमाया है, उसे झुकने नही देंगे । जो परचम ये थमाया है, उसे झुकने नही देगें। लगी जो आग सीने में, उसे बुझने नहों देगें। ये छलिये देश को छलकर कहां जायेंगे बचकर के । जो वापस... Hindi · मुक्तक 272 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 26 Apr 2019 · 1 min read घनघोर घटा छाये घनघोर घटा छायें, दुती दामिनी दमकाये । जब महके केसर क्यारी , सब मंद मंद मुस्कायें। डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव 26*04*2019 Hindi · मुक्तक 420 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2019 · 1 min read जीवन ये व्यापार हो गया -मुक्तक दाना –दाना तरसे भाई , कातर नयना ताके ताई , कृषक मौन , घर द्वार बह गया । जीवन ये व्यापार हो गया । सुविधायें सब नौ दो ग्यारह ,... Hindi · मुक्तक 284 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 27 Mar 2019 · 1 min read दो मुक्तक “ वृद्ध, चने बेचने वाला “ रोज ही रोग से मर रहे काँपते , बोझ पर बोझ ले दौड़ते हाँफते , सांस भी थी उखड़ते –उखड़ते बची , बेच कर... Hindi · मुक्तक 317 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 22 Dec 2018 · 1 min read हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा हुस्न पर छा गया चंद्रिका का नशा , इश्क पर छा गया भावना का नशा । होठ बेताब हैं सुर्ख महताब हैं , प्रेम पर छा गया कामना का नशा... Hindi · मुक्तक 280 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Dec 2018 · 1 min read लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू लतीफे सुनाते मियां मित्र मिट्ठू , रुला कर हंसाते मियां मित्र पिट्ठू । जरा मुस्कराओ हमें गुदगुदा कर , गजल फिर सुनाओ मियां मित्र मिट्ठू। “डा प्रवीण कुमार श्रीवास्तव” सीतापुर... Hindi · मुक्तक 483 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 13 Dec 2018 · 1 min read गले से लगा के वो फिर मुस्कराये “ गले से लगा के वो फिर मुस्कराये “ गले से लगा के वो फिर मुस्कराये , दिलों को मिला के सभी को मनाये । रुबाई रचाते मियां मित्र मिट्ठू... Hindi · मुक्तक 277 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read है कहां नौकरी ये अजब राज है मुक्तक ना हमें काम है ना तुम्हें काज है , है कहाँ नौकरी ये अजब राज है । राज की बात है राज जिसने किया , दांव पर दांव दे... Hindi · मुक्तक 348 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read प्यार का सार है त्याग की भावना श्रृंगार गीत(मुक्तक ) प्यार का सार है त्याग की भावना , प्रेम रस धार है प्रीत की कामना । जिंदगी मिल गयी प्यार जिसने किया , प्यार से मिट गयी... Hindi · मुक्तक 537 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read रात की कालिमा छा गयी थी जहां श्रृंगारिक मुक्तक रात की कालिमा छा गयी थी जहां , प्रात की लालिमा छा गयी थी वहाँ । चाँद का नूर खोया कहीं गुम हुआ , ढूंढते ढूंढते चाँदनी फिर... Hindi · मुक्तक 1 1 279 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 12 Dec 2018 · 1 min read अश्रु आंखो में छलके सदा सर्वदा मुक्तक देखते आ रहे दृश्य ये सर्वदा , अश्रु आँखों में छलके सदा सर्वदा । बाढ़ लीला मचाये भयंकर प्रलय , स्वप्न हैं टूटते झेलकर आपदा । रेवड़ी बाटते हो... Hindi · मुक्तक 410 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Sep 2018 · 1 min read न्याय की है तुला ,-मुक्तक मित्रों ,मैं माननीय उच्चतम न्यायालय के एडल्ट्री पर फैसले का सम्मान करता हूं, आशा करता हूं कि, इससे हमारा समाज सुसंगठित व सुसंस्कारी बनेगा ।विघटन ,असुरक्षा का तंत्र ,जो नव... Hindi · मुक्तक 5 498 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 9 Aug 2018 · 1 min read देश में एकता अब सलामत रहे। जाति बन्धन हमेशा सलामत रहे, भेदभाव की मंशा नदारद रहे, मित्र मिल जुल रहें प्यार उनमें अमिट, देश में एकता अब सलामत रहे ।1। मित्र निज देश हित भक्ति वरदान... Hindi · मुक्तक 3 316 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 28 Apr 2018 · 1 min read क्यों विषधर इस धरती पर जीवन की बगिया में साथी , संग संग जीना मरना है । फूलों की घाटी में साथी , भर उमंग से जीना है । खेल खेल में इस जीवन के,... Hindi · मुक्तक 2 571 Share डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम 14 Feb 2018 · 1 min read वेलेंटाइन दिवस के अवसर पर चंद मुक्तक वेलेंटाइन डे के अवसर पर कुछ मुक्तक प्रेम के गीत हम गुनगुनाएँ सदा , प्रीत की रीत को हम निभाएँ सदा । मैं चकोरा बनूँ तुम बनो चंद्रिका , कल्पना... Hindi · मुक्तक 3 340 Share Previous Page 2