PRATIK JANGID Tag: कविता 68 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read तन्हा मन ...........तन्हा मन........ ....क्या तुम लौट आओगे .... जब कभी सफर पर जाना हो । या कभी स्याह रात में डर से हाथ थामना हो । क्या तुम लौट आओंगे ....।।... Hindi · कविता 2 580 Share PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read तन्हा सफर तन्हा होकर भी सफर करता हूं । सफर में रहकर हमसफ़र की तलाश करता हूं ।। कुछ वक्त बीत जाए मुलाकातों में । कुछ ख्वाहिशों पूरी हो जाए चंद बातो... Hindi · कविता 1 440 Share PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read एक तरफा एक तरफा जब में लिखूं तुम्हे , तब तुम मेरे अल्फाजों में महक जाना । जब तुम तन्हा महसूस करो तो चले आना ।। भटकता बावरा मन जब कहीं भटके... Hindi · कविता 1 325 Share PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read -: कुछ देर तो ठहरो :- -: कुछ देर तो ठहरो :- बड़ी जल्दी में रहते हो अक्सर तुम , कुछ देर बैठ भी जाया करो , हाँ मालूम है , बड़ी जिम्मेदारियां है तुम पर... Hindi · कविता 2 309 Share PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read नारी -: नारी :- दोस्ती समुंदर से करनी थी , और बहना नदी जैसा था उसे , भीड़ की शोर में गुम थी कब से वो , अब झरनों सा शोर... Hindi · कविता 2 623 Share PRATIK JANGID 3 Apr 2020 · 1 min read हर शक्स की एक कहानी है । हर शक्स की एक कहानी है , किसी की अधूरी किसी की पूरी जुबानी है , खाली सा है कोई शक्स मुझ में , बेरंग से हो गये है सपने,... Hindi · कविता 2 781 Share PRATIK JANGID 16 Jun 2019 · 1 min read पापा जैसी जिम्मेदारी बचपन में कितनी ज़िद्दी किया करते थे , कुछ को पूरा करते ओर कुछ को मजबूरियों के तंग जेबो में दबा लिया करते थे । हसना खेलना सब उनसे ही... Hindi · कविता 3 1 489 Share PRATIK JANGID 31 May 2019 · 1 min read बीती यांदे बीते दिनों को भलो कोन भुला पाएगा । जब जब याद करेगा , अंखियों में पानी भर आएगा । जवानी के गीत बुढ़ापे में गुन गुनाएगा । एक अरसा पहले... Hindi · कविता 3 538 Share PRATIK JANGID 22 Mar 2018 · 1 min read शब्दो की माला में अक्सर कहानियो व कविताओं की माला में शब्दों को पिरो लिया करता । कही ये टूट कर बिखर ना जाये इस ख़्याल से भी बहुत डरता हूँ । शब्दो... Hindi · कविता 1 346 Share PRATIK JANGID 8 Feb 2018 · 1 min read अब वो बात कहा रही....! अब रिश्तों में वो बात कहा रही । हर शाम सरहाने आकर कहानी सुनाकर सुलाए.. वो दादी कहा गयी। पापा की डाट पर माँ का आँचल अब कहा नसीब होता... Hindi · कविता 2 255 Share PRATIK JANGID 21 Nov 2017 · 1 min read लफ्जो को समेटकर कुछ लिखूंगा । लफ्जो को समेटकर कुछ लिखूंगा । कभी गीत कविता एक नज़्म भी लिखूंगा । ऐसे ही नहीं पिरो लिए जाते गीत कविताओं नज्मों के धागों में शब्दों के मोती ।... Hindi · कविता 2 1 521 Share PRATIK JANGID 14 May 2017 · 1 min read माँ झूट बोलती है । माँ झूट बोलती है । सुबह उठाने के लिए 7 बजे के time को 8 बताती है। शाम खाना खाते समय रोटी कम रहने पर मेरा पेट भर गया ये... Hindi · कविता 1 582 Share PRATIK JANGID 30 Mar 2017 · 1 min read उलझन मेरी बातो को इस कदर ना समझना की मे तुमको उलझा रहा हु । बस इतना समझ लेना खुद उलझा हुआ हु। तो खुद को सुलझा रहा हु ......।। Hindi · कविता 623 Share PRATIK JANGID 22 Mar 2017 · 1 min read इम्तेहान जिंदगी की जंग में हर कदम हर मोड़ पर इम्तेहान होता हैं ! तब जाकर किसी शख्स का सपना साकार होता हैं !! यु ही नहीं बदल जाती वक्त के... Hindi · कविता 283 Share PRATIK JANGID 21 Jan 2017 · 1 min read "लाडली बिटिया " हर कदम पर माँ बाप का सहारा बन जाती हे ! हर घर आगन को रोशन का जाती हे जहाँ में वो लाडली “बिटिया“ कहलाती हे ........!! बेटी होने के... Hindi · कविता 1k Share PRATIK JANGID 31 Dec 2016 · 1 min read WELCOME 2017 अरसा हो गया मुझे बदले , अब तो मुझे बदलने दो ! कभी पन्ना बदला करता था , अब तो मुझे पूरा बदलने दो ! फिर आऊंगा इसी तरह ,... Hindi · कविता 315 Share PRATIK JANGID 17 Nov 2016 · 1 min read एक अजनबी हमसफर बनने वाला हे ! कुछ पल का साथ अब हर पल का होने वाला हे ! देखते ही देखते एक अजनबी हमसफर बनने वाला हे ! छोडूगा न कभी साथ तेरा यह भी खुद... Hindi · कविता 501 Share PRATIK JANGID 23 Sep 2016 · 1 min read ये आंखे अन कहे शब्दों को बयां कर जाती हें I एक अजनबी से ये आंखे न जाने क्या कह जाती हैं I इक रिश्ता सा बन जाता हें उस अजनबी से... Hindi · कविता 263 Share Previous Page 2