प्रशान्त तिवारी "अभिराम" Language: Hindi 18 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 2 Jun 2018 · 1 min read देश प्रेम की ज्वाला देश मे बैठे गद्दारो को, मिलकर मार गिराएंगे, देश प्रेम की ज्वाला को हम घर घर तक पहुचायेंगे। जब जब देश को पड़ी जरूरत हमने लहू बहाया है, आतंकवाद की... Hindi · कविता 1 1 275 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 18 Jul 2018 · 1 min read एक पथिक मार्ग नही बाधित होता, जब पथिक निरंतर चलता है। जीवन मे कुछ करने को, वह कर्म अकल्पित करता है।। पथ पर चलते-चलते ही वह चोटी को छू लेता है। कर्म... Hindi · कविता 1 199 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 29 Mar 2018 · 1 min read "ऐसा लगा" तुम्हे देखकर मुझको ऐसा लगा, मानो मंजिल मिली, मानो मंजिल मिली। तुम्हे देखकर मुझको ऐसा लगा 2 मानो ठहरा शमा फिर चलने लगा तुम्हे देख कर मुझको ऐसा लगा 2।... Hindi · गीत 200 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 27 Jun 2018 · 1 min read मेरे भी तो कान है तरसे, मधुर मुरलिया सुनने को। मेरा भी तो दिल है धड़के दर्शन तेरे करने को।। मेरे भी तो कान है तरसे, मधुर मुरलिया सुनने को। मेरा भी तो दिल है धड़के दर्शन तेरे करने को।। हे नंदलाल सुनो धड़कन और दौड़ के तुम आ जाओ... Hindi · कविता 407 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 20 Jun 2018 · 1 min read सफलता कब तक तेरी राह तकू, कब तक तेरा नाम जपू। कितने दिनों के बाद मिलेगी ,, मुझको तू सफलता ..सफलता..सफलता.. अब तो बचपन बीत गया,, उमर भी है ढलने वाली,... Hindi · कविता 371 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 17 Jun 2018 · 1 min read हम वंदे मातरम गायेंगे.. उठो वीर और तुम गरजो, वसुधा की लाज बचना है, देश की रक्षा के खातिर, दुश्मन का शीश उड़ाना है। फिर चाहे वो कोई भी हो, हम उसको मार गिराएंगे,... Hindi · कविता 240 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 14 Jun 2018 · 1 min read आरक्षण २ आरक्षण देने से पहले लोगो ने सोचा होगा जिसको ये उपहार मिले वो नीचे वर्ग का ही होगा। आरक्षण देकर तुमने भेदभाव पर जोर दिया, जातपात और छुआ छूत का... Hindi · कविता 425 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 14 Jun 2018 · 1 min read "अब तो साँवरे आ जाओ" अब तो सांवरे आ जाओ , दिल मे मेरे समा जाओ।। हम तो अस्क बहाते है, बस तेरे गुण गाते है, हालत न सम्भले है मुझसे, तरस तुम मुझपर खा... Hindi · कविता 199 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 11 Jun 2018 · 1 min read मेरा तेरा कोई मेल नही, तुम ज्ञान के सागर हो मैं बहता नाला। मेरा तेरा कोई मोल नही, तुम खान के हीरे हो मैं पत्थर कला।। मेरा तेरा कोई मेल नही, तुम ज्ञान के सागर हो मैं बहता नाला। मेरा तेरा कोई मोल नही, तुम खान के हीरे हो मैं पत्थर कला।। ©प्रशान्त तिवारी"अभिराम" Hindi · मुक्तक 240 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 8 Jun 2018 · 1 min read "सत्य का बोध" नही पता था मुझको अबतक, कुछ ऐसा हो जाता है। कभी नही सोचा जीवन मे, जब वो आगे आता है। जीवन के कुछ मोड़ो पर, दिल भी अस्क बहाता है।... Hindi · कविता 200 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 24 Apr 2018 · 1 min read आत्मा की निर्मलता जैसे कोई बूंद गगन से, वसुन्धरा पर गिरती है। स्वच्छ और निर्मल होकर वह, चांदी जैसी चमकती है।। यदि वह बूंद गिरे कीचड़ में, उसमे ही मिल जाती है। वही... Hindi · लेख 360 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 1 Apr 2018 · 1 min read मातृभूमि ना जाने वो कौन सा दिन मेरी क़िस्मत में आ जाये मातृभूमि के लिए प्राण देने का अवसर पा जाये। नाम शहीदों की श्रेणी में, अब मेरा भी आ जाये,... Hindi · कविता 526 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 1 Apr 2018 · 1 min read अप्रैल फूल फूल बनाना बंद करो, ये गोरो का रिवाज है, कब समझोगे मेरे भाई ये छोटा सा तो राज है। © प्रशान्त तिवारी Hindi · मुक्तक 218 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 30 Mar 2018 · 1 min read आरक्षण "क्योकि आरक्षण उसका है" सरकारे तो कहती है, भेदभाव को दूर करो। पर जाति विशेष को छूट देकर, खुद ही मतभेद बढ़ाती है। क्या दोष मेरे उस भाई का, जो... Hindi · कविता 421 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 30 Mar 2018 · 1 min read प्यार?,चंद लाइनें ?(प्यार) के नाम जमाना प्यार का दुश्मन है ये भी जान जाएगा हमारे प्यार का लोहा तो ये भी मान जाएगा। जमाने को दिखाएगे हम अपने प्यार की ताकत प्यार की ढाल बनकर... Hindi · कविता 183 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 30 Mar 2018 · 1 min read महाकाल महाकाल की शरण मे जाकर, जीवन धन्य बना लो तुम भस्म राख को धारण कर , जीवन सफल बना लो तुम । महाकाल है आदि अनन्ता, दिल मे उन्हें बसाओ... Hindi · कविता 491 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 30 Mar 2018 · 1 min read प्यार? जब मन मे प्यार उमड़ता है, दिल बाग-बाग हो जाता है। बेचैन परिंदा डाल से उड़ कर उसी डाल पर आता है।। प्यार का सरगम दिल को छू कर,सीने में... Hindi · कविता 227 Share प्रशान्त तिवारी "अभिराम" 29 Mar 2018 · 1 min read देखता हूँ तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर जाता है। तुम्हे देखता हूँ तो धड़कने रुक जाती है। दिल की आहटे भी तकलीफ दे जाती है। तुम्हे देखता हूँ तो जहा ठहर... Hindi · कविता 213 Share