सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ Language: Hindi 40 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 Dec 2020 · 1 min read कोरोना -दोहे अगर कॅरोना हो गया,क्या होगा परिवार । हृदय निवेदन है प्रखर,कर लो आप विचार ।। क्यों आख़िर ताबूत में, ठोंक रहे हो कील। कोरोना ने कब प्रखर ,दिया तुम्हें ये... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 28 816 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 8 Jun 2019 · 1 min read माँ का अनादर माँ तो इतना चाहती , बेटा बने महान । कभी प्यार से डाँट से ,कभी पकड़ती कान ।। कभी पकड़ती कान ,कभी पकवान बनाती । कभी खेलती साथ ,साथ में... Hindi · कुण्डलिया 763 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 12 May 2019 · 1 min read माँ (कविता) माँ तेरी वो थपकी लोरी , भूल नहीं क्यों पाती है । बचपन वाली प्यारी बोली,याद मुझे फिर आती है।। मेरा बेटा राजा बेटा ,कहकर मुझे बुलाती थी। मुझको सूखा... Hindi · कविता 473 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Dec 2018 · 1 min read दोहे कभी गाय के नाम में,कभी धर्म के नाम । नेता साधू दे रहे ,भाँति- भाँति पैग़ाम ।। राजनीति में है बहुत ,आज ग़ज़ब का स्वाद । जिधर देख लो आप... Hindi · दोहा 416 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 2 Dec 2018 · 1 min read भाषा की मर्यादा(दोहे) आज ‘प्रखर’यह देखकर, अब आता आवेश । राजनीति में दे रहे , भाँति-भाँति उपदेश ।। उनको पप्पू कह रहे , बिना ठोस आधार । ऐसे भी गप्पू मिलें , मुझको... Hindi · दोहा 898 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 17 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 73 3k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 13 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... Hindi · कविता 5 3 727 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · दोहा 2 503 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · कविता 514 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 25 Sep 2018 · 1 min read दोहा आज हमें लगते नहीं, मात पिता भगवान । इधर उधर हैं खोजते, ‘प्रखर’देख हैरान ।। Hindi · दोहा 1 529 Share Previous Page 2