सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 73 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 4 Apr 2023 · 1 min read मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। भले दूर तुम जाओ लेकिन ,मैं तो इश्क निभाऊंगा।।1 बहुत मुसाफिर राह मिलेंगे, चाहत मिले मुबारक हो। बिना तुम्हारे सनम बता... Quote Writer 674 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 4 Apr 2023 · 1 min read मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। मुझे भुला दो बेशक लेकिन,मैं तो भूल न पाऊंगा। भले दूर तुम जाओ लेकिन ,मैं तो इश्क निभाऊंगा।।1 बहुत मुसाफिर राह मिलेंगे, चाहत मिले मुबारक हो। बिना तुम्हारे सनम बता... Hindi 100 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 4 Apr 2023 · 1 min read दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं, दोष उनका कहां जो पढ़े कुछ नहीं, किसने उनको पढ़ाया बताओ ज़रा। नाम फीका प्रखर झूंठी शोहरत रही , किसने हमसे छिपाया बताओ ज़रा। दुःख के बादल छटेंगे बताए थे... Hindi · Quote Writer · ग़ज़ल 1 563 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 23 Mar 2023 · 1 min read नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो। नदियां जो सागर में जाती उस पाणी की बात करो। विषदंतो से बड़ी भयानक उस वाणी की बात करो। सुबह उठे तो हिंदू मुश्लिम जाति धर्म दुर्भाव प्रखर। लोकतंत्र का... Quote Writer 606 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 16 Mar 2023 · 1 min read दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए। दर्द तन्हाई मुहब्बत जो भी हो भरपूर होना चाहिए। रुसवाई हो या रहनुमाई कदर मशहूर होना चाहिए। शाने शौकत शोहरते मंज़िल रुआब दिखाओ प्रखर। जीत का जश्न हो तो हाथों... Quote Writer 365 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 15 Mar 2023 · 1 min read क्या है खूबी हमारी बता दो जरा, क्या है खूबी हमारी बता दो जरा, वह तो कमियां हमारी बताते मिले। साथ देकर उठाने की खाई कसम, वह तो चुपके से हमको गिराते मिले। कहे महफ़िल सजाते तुम्हारे... Quote Writer 524 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Mar 2023 · 1 min read संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो। संविधान का शासन भारत मानवता की टोली हो। जाति धर्म भाषा से उठकर राष्ट्रवाद की बोली हो। संविधान का राज रहे तो मानव प्रखर समान बने। ईद मुबारक लोहड़ी हो... Quote Writer 197 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 5 Mar 2023 · 1 min read माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है। माना सच है वो कमजर्फ कमीन बहुत है। तो क्या हमें भी ख़ुद पर यकीन बहुत है। कोशिशें बदस्तूर जारी हैं चलने की प्रखर । हमारे कदमों तले अभी ज़मीन... Quote Writer 214 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 24 Feb 2023 · 1 min read रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे। रात्रि पहर की छुटपुट चोरी होते सुखद सबेरे थे। चौकीदार रखे जो हमने झूंठे प्रखर लुटेरे थे। भावुक होकर निर्णय लेते वही भूल दोहराते हैं। पढ़ी कहावत बचपन भूले चोर-... Quote Writer 1 499 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 22 Feb 2023 · 1 min read जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं । जो मासूम हैं मासूमियत से छल रहें हैं । प्रखर वही हैं जिनके पुरखे कल रहें हैं । बदस्तूर जारी है सियासत रहनुमाई की। सवाल यह नहीं है वह क्या... Quote Writer 1 433 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 20 Feb 2023 · 1 min read छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं । छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं । वह सुबह से राष्ट्र हित के, गीत सरगम गा रहे हैं । जातियाँ उन्माद भारत ,धर्म पथ आतंक अब... Quote Writer 2 463 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 13 May 2022 · 2 min read पापा जी पापा जी ------------------- पापा जी आदर्श हमारे सचमुच जग से न्यारे थे। ख़ूब दिलाते मौसम के फ़ल लगते हमको प्यारे थे। रात समय नौ बजते सोना सुबह उठाते जल्दी से।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 9 4 1k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 6 Jan 2021 · 1 min read दोहरा चरित्र छिपकली बन रात को जो, मस्त कीड़े खा रहे हैं । वह सुबह से राष्ट्र हित के, गीत सरगम गा रहे हैं । जातियाँ उन्माद भारत ,धर्म पथ आतंक अब... Hindi · मुक्तक 3 2 541 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 28 Dec 2020 · 1 min read कोरोना -दोहे अगर कॅरोना हो गया,क्या होगा परिवार । हृदय निवेदन है प्रखर,कर लो आप विचार ।। क्यों आख़िर ताबूत में, ठोंक रहे हो कील। कोरोना ने कब प्रखर ,दिया तुम्हें ये... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 28 694 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 8 Jun 2019 · 1 min read माँ का अनादर माँ तो इतना चाहती , बेटा बने महान । कभी प्यार से डाँट से ,कभी पकड़ती कान ।। कभी पकड़ती कान ,कभी पकवान बनाती । कभी खेलती साथ ,साथ में... Hindi · कुण्डलिया 622 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 12 May 2019 · 1 min read माँ (कविता) माँ तेरी वो थपकी लोरी , भूल नहीं क्यों पाती है । बचपन वाली प्यारी बोली,याद मुझे फिर आती है।। मेरा बेटा राजा बेटा ,कहकर मुझे बुलाती थी। मुझको सूखा... Hindi · कविता 341 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Dec 2018 · 1 min read दोहे कभी गाय के नाम में,कभी धर्म के नाम । नेता साधू दे रहे ,भाँति- भाँति पैग़ाम ।। राजनीति में है बहुत ,आज ग़ज़ब का स्वाद । जिधर देख लो आप... Hindi · दोहा 317 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 2 Dec 2018 · 1 min read भाषा की मर्यादा(दोहे) आज ‘प्रखर’यह देखकर, अब आता आवेश । राजनीति में दे रहे , भाँति-भाँति उपदेश ।। उनको पप्पू कह रहे , बिना ठोस आधार । ऐसे भी गप्पू मिलें , मुझको... Hindi · दोहा 732 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 17 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 18 73 3k Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 13 Nov 2018 · 1 min read कविता (माँ) माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह दुलराना । थपकी,लोरी,तुतली बोली,आँचल दूध पिलाना । याद बहुत आता है सब ,तुझको बहुत सताना । माँ तेरा वह लालन पालन, तेरा वह... Hindi · कविता 5 3 507 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · दोहा 2 296 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 7 Oct 2018 · 1 min read प्रखर देख हैरान भारतवासी एक हो, मान रहे क्यूँ हार । लोकतंत्र के राज में, तुम ही हो सरकार।। दान और मतदान में, केवल दे लो ध्यान । सारे कष्टों की वजह,जान सको... Hindi · कविता 297 Share सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’ 25 Sep 2018 · 1 min read दोहा आज हमें लगते नहीं, मात पिता भगवान । इधर उधर हैं खोजते, ‘प्रखर’देख हैरान ।। Hindi · दोहा 1 385 Share Previous Page 2