Pradyumna 17 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pradyumna 29 Aug 2022 · 1 min read जब पंखुड़ी गिरने लगे, जब पंखुड़ी गिरने लगे, और तितलियां उड़ने लगे, जब तल्ख़ बढ़ जाये हवा में, और दिन भी कुछ बढ़ने लगे, जब उड़ चले अंतिम परिंदा वो सूखी टहनी छोड़कर। तो... Hindi 3 1 467 Share Pradyumna 29 Aug 2022 · 1 min read शुरू खत्म कुछ शुरू हुआ क्योंकि, कुछ खत्म होने वाला था। या कुछ खत्म हुआ क्योंकि, कुछ शुरू होने वाला था। शुरू और खत्म की इन उलझनों के बीच तमाम चीजे हुई... Hindi 305 Share Pradyumna 29 Aug 2022 · 1 min read अपनो को। बदलते मौसम ने बदले है कई अपनो को, काश! ये बारिश धो देती बुरे सपनो को। सुना है बादलों में होता है कुछ तिलस्म, कि कैसे जगा देती है बूंदे... Hindi 1 381 Share Pradyumna 8 Jul 2022 · 1 min read कब तुम? जरा बताना तो, कब बैठे थे ? चुपचाप,अकेले, खुद से बाते करने को, शांत रात में छत पर लेटे, गुमसुम तारे गिनने को, कब तुम अंतिम बार हंसे थे? खुलकर... Hindi 4 3 239 Share Pradyumna 3 Jun 2021 · 1 min read यादें ऐसा लगता है कि बड़ी सुकून देती है तेरी यादे शायद तुझसे भी ज्यादा तेरे जीवन मे मेरा हिस्सा शायद रत्ती भर होगा या उससे थोडा ज्यादा पर होगा बहुत... Hindi · कविता 1 1 372 Share Pradyumna 27 Mar 2020 · 1 min read शेष नदी की धार में सब बह गया है। मगर कुछ शेष अब भी रह गया है। कल तक नेह से सींचा था हमने, प्रणय का वृक्ष जो रोपा था हमने... Hindi · कविता 2 503 Share Pradyumna 14 Jun 2019 · 1 min read क्यूँ? मिलना नही तो ख्वाब मे आना क्यूँ? बेदाग चेहरे को इतना छुपाना क्यूँ ? जल रहा है पूरा शहर उस आग से, अपना भी ना बचा तो पछताना क्यूँ ?... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 492 Share Pradyumna 13 Jan 2019 · 1 min read रात दूर देखो सांझ के पीछे घनेरी रात है, ये कुहासे छा रहे है कही कुछ तो बात है। चाहता है आसमाँ भी चाँद से तकरार हो, इस अंधेरी रात में... Hindi · कविता 1 406 Share Pradyumna 15 May 2018 · 1 min read अधूरा इश्क इश्क अधूरा, ख्वाब अधूरा जीने का अंदाज अधूरा इस एकाकी जीवन में मेरा पूरा नाम अधूरा। रात अंधेरी, तारे भी हैं , अम्बर में अंगारे भी हैं , पर अंगारों... Hindi · कविता 561 Share Pradyumna 27 Apr 2018 · 1 min read क्यूं बैठे हो? ये सन्नाटा क्यों पसरा है? क्यूं मौन शिला से बैठे हो? आंखों में बादल छाए हैं क्यूं शून्य गगन में तकते हो? रेशम जैसे बालों को तुम , उलझा कर... Hindi · कविता 617 Share Pradyumna 22 Apr 2018 · 1 min read कुछ हाइकु हाइकु(5-7-5) ------------ (1)तुम थे यहां स्वर्ग था घर मेरा अब सूना है । ---------------------- (2)चुलबुली सी एक बेटी थी मेरी मां बन गई । ------------------------ (3)जगा रहा मैं तेरे इंतजार... Hindi · हाइकु 315 Share Pradyumna 18 Apr 2018 · 1 min read रुके रहेंगे , कहोगे जब तक रुके रहेंगे , कहोगे जब तक, तेरी मधुमयी यादों के संग। तेरी याद मे खोया रहता, लाख जतन कर ले मेरा मन । वक्त हमारे साथ नही है, तू भी... Hindi · कविता 1 436 Share Pradyumna 6 Apr 2018 · 1 min read क्यूं कभी कभी तुम खो क्यूं जाते हो? बीज दर्द के यहा बो क्यूं जाते हो? समझते नही मेरे दिल का हाल चुपके से मुझमे रो क्यूं जाते हो? छेड़कर यादों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 379 Share Pradyumna 6 Apr 2018 · 1 min read ख्वाबो मे पाता था उन खिड़कियों को देख कर तड़प उठता हूं, जिनसे तुम्हारे झाकने की झलक पाता था। तुम राग थी अब रोग हो इस सूने आंगन की, तेरी जुल्फों में मेरा सर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 543 Share Pradyumna 27 Mar 2018 · 1 min read अक्षर-अक्षर टूट चुका है अक्षर-अक्षर टूट चुका है शब्दों की इस डोरी से। प्रेम के बंधन ढीले पड़ गए आंसू बहते, चोरी से । टूट टूट कर बिखरे मन में चुभने लगे हैं खंजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share Pradyumna 25 Mar 2018 · 1 min read शहर उसका, पता उसका तेरे इतना ही पता है मुझे उसके शहर का सुना है दूर कहीं है , आशियाना उसका। बहुत सर्द थी हवाएं जब मिले थे उस बार अब तो याद है... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 613 Share Pradyumna 13 Mar 2018 · 1 min read दरख्तो के दिल दरख्तो के दिल -------------------------------- सोचता हूँ कि क्या ? दिल और दिमाग होगा ? इन दरख्तो के पास , जब देखता हूँ, गाव के बाहर के बड़े बरगद को या... Hindi · कविता 303 Share