Prabhudayal Raniwal Tag: कविता 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Prabhudayal Raniwal 1 Aug 2024 · 1 min read "बरखा रानी..!" ******************************* प्यारी बरखा रानी- जरा जम के बरसों! हमारी धरती-मां को तुम! तृप्त कर दो। इस प्रकृति में कोई भी प्यासा नहीं रहें! भू के हर जीव की इच्छाएं पूर्ण... Hindi · कविता 1 2 220 Share Prabhudayal Raniwal 3 Jan 2024 · 1 min read खुदकुशी..! ************************************* जाने क्यों लोग! खुदकुशी कर लेते है। अपनी मौत के फैसले खुद कर लेते है।।१।। ये मनु-काया! ईश्वर की सुन्दर कृति है। मनु-काया के लिए कई रूह तरसती है।।२।।... Hindi · कविता 2 3 766 Share Prabhudayal Raniwal 29 Sep 2023 · 1 min read "कलियुगी-इंसान!" **************************** देखलो! आज कलियुग के दौर में- इंसान- इंसान को ना समझ रहा। प्यार की भाषा तो- वो भूल गया! पर नफ़रत की भाषा समझ रहा।। ------- जो मिले थे... Hindi · कविता 2 2 923 Share Prabhudayal Raniwal 24 Aug 2023 · 1 min read बुला रही है चिता..! ************************************ मत कर चिंता बन्दे बुला रही है चिता तुझे! मुक्ति मिलेगी तुझे- बुला रही है चिता तुझे!!१!! ***** जब तक है जगत में तू! धर्म-कर्म करले तू! चिता से... Hindi · कविता 688 Share Prabhudayal Raniwal 26 Jul 2023 · 1 min read :===:बेवफ़ा प्रेमी:===: ******************************* तू ! कितनी प्यारी थी पापा की परी। तू ! अच्छी लगती थी मम्मी की परी।।१।। ---------- तू ! प्यारी-प्यारी बातें करती थी परी। तू ! मम्मी-पापा की लाड़ली... Hindi · कविता 787 Share Prabhudayal Raniwal 21 Jul 2023 · 1 min read जीवन समर्पित करदो.! ************************************************* उमर साठ के बाद व्याकुलता स्वाभाविक है! फिर भी अपने घर-परिवार में सतर्क रहना है। बेटा-बहू और पत्नी के संग जीवन बिताना है! दो बातें ना सुनना पड़े- वाणी... Hindi · कविता 803 Share Prabhudayal Raniwal 20 Jun 2022 · 1 min read ये नई पीढ़ियां! ************************** आज की- ये नई-नई पीढ़ियां! करती है अपनी ही मन मानी। पढ़ाई से चिड़ लगती- इनको! बनाती रहती है झूठी कहानी।।१।। -------- सच! इन से कोसों दूर रहता! झूठ!... Hindi · कविता 3 4 1k Share Prabhudayal Raniwal 16 Jun 2022 · 1 min read ===*शानो-शौकत*=== ***************************** शानो-शौकत की चाहत नहीं है मेरी! मैं- ख्वाबों की दुनिया में ही मस्त हूॅं। ये शानो-शौकत! तुमे ही मुबारक हो! मैं अपने "घर-संसार" में ही व्यस्त हूॅं।। ----------- मेरे... Hindi · कविता 3 4 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 May 2022 · 1 min read पिता बिना संसार सूना ************************************* जिसने भी- अपने पिता का आशीष पाया। समझो! उसने- विधाता का आशीष पाया।।१।। पिता ही- "पिता परमेश्वर" का प्रतिरूप है। संतान के लिए- पिता ही ईश्वर का रूप है।।२।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 12 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 May 2022 · 1 min read पिता की पीड़ा ***************************** जीवन में आदमी- तभी खुश होता है। जब उसे- पिता का पद प्राप्त होता है।। और उस घड़ी तो, बहुत खुश होता है। जब उसको, "पुत्र-धन" प्राप्त होता है।।... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 4 1k Share Prabhudayal Raniwal 23 May 2022 · 1 min read पिता का आशीष *********************************************** गुजरे दिन याद आते है आज भी मुझे। पिता की याद आती है आज भी मुझे।।१।। बचपना बिता है माता-पिता के संग में। खुब मौज-मस्ती की- दोस्तों के संग... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 6 6 1k Share Prabhudayal Raniwal 10 May 2022 · 1 min read पिता का सपना *********************************************** पिता चाहते है कि समाज सक्षम हो। समाज में हर एक बच्ची शिक्षित हो।।१।। मैं! अपने प्यारे पिता की वागीशा हूॅं। मैं! माता-पिता की बड़ी बालिका हूॅं।।२।। मेरी हार्दिक... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 10 14 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 May 2022 · 1 min read पिता की नियति ************************************************* मंजिल तो, मैं पाकर ही रहूंगी। पिता का नाम! रौशन करूंगी।।१।। पिता की लाड़ली नियति हूॅं मैं। मंजिल दूर है अभी छोटी हूॅं मैं।।२।। माता-पिता की वीर पुत्री हूॅं... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 8 12 1k Share Prabhudayal Raniwal 17 Mar 2022 · 1 min read सुर बिना संगीत सूना.! ************************** ===*सुर बिना संगीत सूना*=== ************************** वो यादें रुलाती है हमें- लता की ! सूना पड़ा संगीत! कमी लता की। खो गए सूरीले- वो लता-सुर कहां! कैसे भूलें हम! आवाज-... Hindi · कविता 4 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 7 Mar 2022 · 1 min read =:तेरा साथ है तो:= ************************* तेरा साथ है तो- मुझे क्या कमी! साथ मत छोड़ना मेरा- तुम कभी। जी नहीं पाऊंगा मैं! तुम्हारें बिना! बेवफा मत बन जाना- तुम कभी।। --------- मेरे प्यार में... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Dec 2021 · 1 min read //स्वागत है:२०२२// ******************************** बीते वर्ष के दुख-दर्द को भूलना ही होगा। नव-वर्ष का स्वागत- हमें करना ही होगा।। ******* ईश्वर की वंदना करो- नववर्ष आनंद में बीते। कोरोना का अन्त हो- जिन्दगी... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 19 Nov 2021 · 1 min read अनमोल घड़ी *********************************************** मेल-मिलाप की घड़ी है आज। एक उत्साह की लड़ी है आज।। उस नेक-नेता पर हमको है नाज। आओं!"जयंती"उसकी मनाते है आज।। उस इन्दिरा की जयंती है आज। जिसका अर्ध... Hindi · कविता 5 4 3k Share Prabhudayal Raniwal 2 Nov 2021 · 1 min read *लेकर संदेश आई दीपावली* *********************************** "प्रकाश-पर्व" बनकर आई दीपावली। पर्वों*के*पर्व*बनकर आई दीपावली।। सदनों**के**अंधेरे**मिटाने! द्वार-द्वार*पर**दीप**जलाने! प्रदूषणमुक्त वातावरण बनाने! देश में घर-घर में हर्ष*बरसाने! हर्ष*का*भण्डार*ले आई दीपावली। वर्ष*के*बाद*लोट* आई दीपावली।। इतिहास*के*पन्ने**पलटाने! मेरे*भारत*का गौरव बढ़ाने! सियाराम*की*याद*दीलाने! लक्ष्मी-गौ*की*पूजा*कराने!... Hindi · कविता 2 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 29 Oct 2021 · 1 min read "राम-नाम का तेज" ================================ मन में एक डर--सा समाया हुआ था! जीवन मेरा- अंधेरों से घिरा हुआ था। न जाने कब रोशनी हुई मन-मंदिर में! राम-नाम का ही- तेज छाया हुआ था।। *****... Hindi · कविता 2 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 15 Oct 2021 · 1 min read =*बुराई का अन्त*= ********************************************** फिर "दशहरा-उत्सव" मनाएंगे लोग ! दशानन का पुतला जलाएंगे लोग !! फूंक देंगे लाखों, करोड़ों के पटाखे ! बुराई नाश कर- जश्न मनाएंगे लोग !! खुद की बुराईयां तो,... Hindi · कविता 4 6 2k Share Prabhudayal Raniwal 13 Oct 2021 · 1 min read =*तुम अन्न-दाता हो*= ====================================== मेरे किसान भाई ! मेरी विनती है भाई। खरीफ फसल की समय पर करें कटाई।। अब रबी फसल की तैयारी करलो भाई। खाद, बीज, दवा का प्रबंध करलो भाई।।... Hindi · कविता 5 8 3k Share Prabhudayal Raniwal 11 Oct 2021 · 1 min read "परिणीता" ******************* रूठ गई है किस्मत मेरी! कैसे मिलेगी मंजिल मेरी! उसको नहीं है चिंता मेरी। बीच राह छोड़ दिया-- मुझ गरीब को! वो बेवफा परिणीता मेरी।। भूल गई वो! सात... Hindi · कविता 3 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Oct 2021 · 1 min read सत्य की राह चल.! ************************** कभी नहीं होती है झूठ की जीत! जीत सदा होती है सत्य की जीत!! इंसान चाहे जितना बोल ले झूठ! एक दिन पकड़ा ही जाता है झूठ!! झूठी जिन्दगी... Hindi · कविता 1 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 Oct 2021 · 1 min read "निरक्षर-भारती" ********************************************** अक्षर-अक्षर जान लो। पढ़ना-लिखना सीख लो।। नया जमाना पहचान लो। दस्तखत करना सीख लो।। छोड़ो कल की बात पुरानी। दुनिया है अब बड़ी सयानी।। दुनिया की खबर जान लो।... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 22 Sep 2021 · 1 min read गरीब की चाहत.! ************************** आजादी का डंका तेज गुंजना था! सबको सुनाई देना था। देश को आजादी मिली, काफ़ी बरस बीत गये! अब तक तो भारत को- नम्बर वन पर होना था! दुनिया... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 21 Sep 2021 · 1 min read *मेरे देश का सैनिक* **************************** मेरे "देश" का सैनिक कमजोर नहीं! किसी "दुश्मन-सैनिक" से कम नहीं। यदि अपनी औकात पर आ जाये तो, समझ लो फिर, दुश्मन की खैर नहीं। मेरे भारत देश के,... Hindi · कविता 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 14 Sep 2021 · 1 min read "हमारी मातृभाषा हिन्दी" ********************************* जग में सबसे अच्छी हमारी हिन्दी भाषा है। हमारे हिन्दुस्तान की प्यारी हिन्दी भाषा है।। हर बच्चें को पहले हिन्दी भाषा सिखाना है। बाद में अन्य भाषा का ज्ञान... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 12 Sep 2021 · 1 min read प्यार की तलाश में.! ************************ हर जिन्दगी का एक सफर है, जो जिन्दगी को तय करना है! मैं भी एक मुसाफिर हूं। प्यार बांटता हूं और प्यार लेता हूं- मैं प्यार का एक फकीर... Hindi · कविता 2 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 11 Sep 2021 · 1 min read नई सुबह रोज *************************************** नई सुबह रोज आती है- धरा पर सूर्य की किरण! दे जाती संदेश! हर जीव को- जल्दी भोर में उठ! आलस्य छोड़। नित्य कर्म कर, फल की चिंता छोड़।।... Hindi · कविता 2 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 4 Sep 2021 · 1 min read मौत आने से पहले.! मौत आने से पहले!***(कविता) ==================== जीवन में किसी का दिल न तोड़ो! मौत आने से पहले नफरत छोड़ो। दुश्मन भी अगर आ जाए सामने! तो प्यार की डगर कभी ना... Hindi · कविता 1 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 4 Sep 2021 · 1 min read तेरी याद में.! *************************** मेरी जिन्दगी की उदास-राहों में- बहार बनकर चले आओं तुम। और न तड़फाओं मेरे दिल को ! मेरे प्यार के सागर कहाॅं हो तुम।। तेरा प्यार पाने की लालसा... Hindi · कविता 2 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Aug 2021 · 1 min read सबको हार्दिक शुभकामनाएं ! साहित्यपीडिया हिंदी से जुड़े- सभी प्रिय साथियों को- प्रभु दयाल रानीवाल का सादर नमस्कार। कैसे है सबके हाल-चाल ! आओ साथियों- आज ! भगवान श्रीकृष्ण का हम ! करते है... Hindi · कविता 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 26 Aug 2021 · 1 min read कैसे-कैसे है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी लिख देते है लोग ! कहीं भी कुछ तो भी बोल देते है लोग ! न वक़्त देखते है, न अपनों को, न समाज को--... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 17 Aug 2021 · 1 min read कुर्सी बोल उठी.! **************************** आज की स्वाधीनता को देख-- रो पड़ी है रूह! उन शहीदों की। और भारत की राजनीति देख-- बोल उठी कुर्सी भी दिल्ली की। खा-में-खा बदनाम कर गये मुझे- देखों!... Hindi · कविता 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 8 Aug 2021 · 1 min read वृक्ष बोल उठे..! **************************************** हम वृक्ष धरा की धरोहर हैं! हे मनुष्य! अब बहुत हुआ! अब मत काटो हम वृक्षों को, तुम मनुष्यों ने अति कर दी-- इस धरा की सम्पत्ति उजाड़ दी।... Hindi · कविता 3 6 1k Share Prabhudayal Raniwal 6 Aug 2021 · 1 min read तीन घंटे..! ********************************* कुसंग से नाता जोड़ा, ज़िन्दगी को पीछे छोड़ा। वो तीन घंटे के शो में दौड़ा।। अच्छाई को वहीं छोड़ आया, बुराई को साथ ले आया। वो सिनेमा से क्या... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 4 Aug 2021 · 1 min read "अंतिम-सत्य..!" ************************************************* ये मनुष्य प्राणी- कभी संतोष न हुआ। न कभी होगा, बस! ये स्वार्थी हुआ ।। सभी अपनी-अपनी धून में लगे हुए हैं। अपनी प्रतिष्ठा को बनाने में लगे हुए... Hindi · कविता 4 7 1k Share Prabhudayal Raniwal 2 Aug 2021 · 2 min read एक वीरांगना का अन्त ! ===="एक वीरांगना का अन्त!"==== ********************************* भारत को आ घेरा था वो महाकाल। इन्दिरा पर चली थी एक गहरी चाल।। इकतीस अक्टूबर चौरासी को प्रात:काल। इस वीरांगना का हो गया अन्तकाल।।... Hindi · कविता 2 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 2 Aug 2021 · 1 min read आखरी उत्तराधिकारी **************************************** बड़ी नेक थी इन्दिराजी, एक नेता के रूप में। बड़ी सतर्क थी इन्दिराजी, एक शासक के रूप में।। था हाथों में उनके-- भारत का संविधान। था देश के खातिर,... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 1 Aug 2021 · 1 min read तलाश..! ************************ न जाने कहां से आकर वे, ज़िन्दगी तबाह कर गये। जी रहा था अपने जहां में, ज़िन्दगी वीरान कर गये।। ज़िन्दगी की यह वीरानी, अब! कैसे होगी दूर। नहीं... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "रूठी हुई जिन्दगी" *********************** दिल के अरमानों का कत्ल, कई बार होते देखा हैं मैंने। इस रूठी हुई जिन्दगी को-- बार-बार मनाके देखा हैं मैंने।। सागर के पास रहकर भी, कितना प्यासा रहा... Hindi · कविता 1 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "जीवन-ज्योति" ******************************* चाहें आंधी आये या तूफान! रहेंगे हम! अपने पथ पर शांत!! दे जाओं हमें, जीवन-पथ ज्ञान! पा लेते हैं जो, स्वर्ग-लोक मृत्युपरांत!! ***** जीवन-पथ से विचलित, हम अज्ञानी हैं!... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read फर्ज अपना-अपना **************************************** धर्म अलग-अलग है हम सबके यहां। पर मालिक एक है हम सबका वहां।। हिन्दू- मुस्लिम, सिक्क-इसाई। हम सब है यहां भाई-भाई।। ये हिन्दुस्तान पावन है हमारा। है दुनिया का... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read "शराबी बाप को देखो !" **************************** देखो! औलाद को, तन पर कपड़ा नहीं। घर में राशन-पानी की कोई व्यवस्था नहीं।। और देखो! शराबी बाप को, तनिक भी शर्म नहीं। ऐसे बाप को जहाॅं में-- जीने... Hindi · कविता 1 3 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मेरा किरायेदार ! -------------------------------- मेरा किरायेदार! निकाला बड़ा होशियार। छीन रहा हैं वह-- मेरा अधिकार।। आया था वह-- बनकर मेरा मेहमान। बड़ा आदर किया मैंने, किया नहीं उसका अपमान।। हालात सुने मैंने-- और... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मेरे बढ़ते कदम..! -------------------------------------------------- मेरी मंजिल-राह मत मोड़ो। मेरे बढ़ते कदम मत रोको।। मेरा कर्म लोक-हितार्थ हैं। मेरा प्रेम निस्वार्थ हैं।। मैं भारत हूं, शांति का सागर हूं। मैं भारत हूं, सत्य-अहिंसा की... Hindi · कविता 1k Share Prabhudayal Raniwal 31 Jul 2021 · 1 min read मत भूलो देशवासियों.! --------------------------------------------------------------------------- उन माताओं को, उन बहनों को, उन वीर कर्णधारों को जिन्हें प्राण गॅंवाने पड़े-- भारत की आजादी के लिए। अपनी मातृभूमि के लिए।। मत भूलो देशवासियों! उन शहीदों ने,... Hindi · कविता 1 2 2k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read (स्वतंत्रता की रक्षा) ================================ आए दिन ऐसे संकट-- चुनौतियां देते हैं हमको। आज स्वतंत्र हैं, फिर भी- दूरदर्शी तो बनना हैं हमको।। शांति प्रधान हैं आज! हमारे देश की संस्कृति। फिर भी लाना... Hindi · कविता 1 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read स्वप्न-साकार =================== गांधी की सत्य व अहिंसा की ज्योत प्रज्ज्वलित करना हैं आज हमें। देश में छाया हैं घोर अन्धेरा, उसे दूर करना हैं आज हमें।। बापू की राम-राज की कल्पना... Hindi · कविता 4 2 1k Share Prabhudayal Raniwal 30 Jul 2021 · 1 min read अभिलाषा ****************************** खुश्बूओं से भरा, ये चमन हैं मेरा। जहाॅं में सबसे प्यारा, ये वतन हैं मेरा।। राम की नगरी, हैं मेरा ये वतन। सदियों से यहां, हैं प्यार का चलन।।... Hindi · कविता 1 1k Share Page 1 Next