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2375 posts
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा
अमेठी के दंगल में शायद ऐन वक्त पर फटेगा पोस्टर और निकलेगा "ज़
*Author प्रणय प्रभात*
🙅एक उपाय🙅
🙅एक उपाय🙅
*Author प्रणय प्रभात*
युवराज को जबरन
युवराज को जबरन "लंगोट" धारण कराने की कोशिश का अंतिम दिन आज।
*Author प्रणय प्रभात*
👍आज का एलान👍
👍आज का एलान👍
*Author प्रणय प्रभात*
👌बोगस न्यूज़👌
👌बोगस न्यूज़👌
*Author प्रणय प्रभात*
🙅ताज़ा सुझाव🙅
🙅ताज़ा सुझाव🙅
*Author प्रणय प्रभात*
🙅आज की बात🙅
🙅आज की बात🙅
*Author प्रणय प्रभात*
वक़्त के साथ खंडहर में
वक़्त के साथ खंडहर में "इमारतें" तब्दील हो सकती हैं, "इबारतें
*Author प्रणय प्रभात*
😊आज श्रम दिवस पर😊
😊आज श्रम दिवस पर😊
*Author प्रणय प्रभात*
तेरी गोरी चमड़ी काली, मेरी काली गोरी है।
तेरी गोरी चमड़ी काली, मेरी काली गोरी है।
*Author प्रणय प्रभात*
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
दो सीटें ऐसी होनी चाहिए, जहाँ से भाई-बहन दोनों निर्विरोध निर
*Author प्रणय प्रभात*
🙅कर्नाटक डायरी🙅
🙅कर्नाटक डायरी🙅
*Author प्रणय प्रभात*
कोरोना काल में काल से बचने के लिए
कोरोना काल में काल से बचने के लिए "कोवी-शील्ड" का डोज़ लेने व
*Author प्रणय प्रभात*
समाजों से सियासत तक पहुंची
समाजों से सियासत तक पहुंची "नाता परम्परा।" आज इसके, कल उसके
*Author प्रणय प्रभात*
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
जो ख़ुद आरक्षण के बूते सत्ता के मज़े लूट रहा है, वो इसे काहे ख
*Author प्रणय प्रभात*
ईव्हीएम को रोने वाले अब वेलेट पेपर से भी नहीं जीत सकते। मतपत
ईव्हीएम को रोने वाले अब वेलेट पेपर से भी नहीं जीत सकते। मतपत
*Author प्रणय प्रभात*
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा-
पड़ोसन ने इतरा कर पूछा- "जानते हो, मेरा बैंक कौन है...?"
*Author प्रणय प्रभात*
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
जो कायर अपनी गली में दुम हिलाने को राज़ी नहीं, वो खुले मैदान
*Author प्रणय प्रभात*
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
आज़ाद भारत का सबसे घटिया, उबाऊ और मुद्दा-विहीन चुनाव इस बार।
*Author प्रणय प्रभात*
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
जिनका अतीत नग्नता से भरपूर रहा हो, उन्हें वर्तमान की चादर सल
*Author प्रणय प्रभात*
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
देश के अगले क़ानून मंत्री उज्ज्वल निकम...?
*Author प्रणय प्रभात*
पहले खंडहरों की दास्तान
पहले खंडहरों की दास्तान "शिलालेख" बताते थे। आने वाले कल में
*Author प्रणय प्रभात*
👌कही/अनकही👌
👌कही/अनकही👌
*Author प्रणय प्रभात*
क़त्आ
क़त्आ
*Author प्रणय प्रभात*
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
🙅लघुकथा/दम्भ🙅
*Author प्रणय प्रभात*
🙅आज की भड़ास🙅
🙅आज की भड़ास🙅
*Author प्रणय प्रभात*
"मीठा खा कर शुगर बढ़ी अन्ना के चेले की।
*Author प्रणय प्रभात*
उल्लासों के विश्वासों के,
उल्लासों के विश्वासों के,
*Author प्रणय प्रभात*
"उल्फ़त के लिबासों में, जो है वो अदावत है।
*Author प्रणय प्रभात*
"आंधी की तरह आना, तूफां की तरह जाना।
*Author प्रणय प्रभात*
🙅आज का टोटका🙅
🙅आज का टोटका🙅
*Author प्रणय प्रभात*
★ शुभ-वंदन ★
★ शुभ-वंदन ★
*Author प्रणय प्रभात*
आपके बाप-दादा क्या साथ ले गए, जो आप भी ले जाओगे। समय है सोच
आपके बाप-दादा क्या साथ ले गए, जो आप भी ले जाओगे। समय है सोच
*Author प्रणय प्रभात*
होली, नौराते, गणगौर,
होली, नौराते, गणगौर,
*Author प्रणय प्रभात*
तमाम लोग
तमाम लोग "भोंपू" की तरह होते हैं साहब। हर वक़्त बजने का बहाना
*Author प्रणय प्रभात*
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
हर रोज़ यहां से जो फेंकता है वहां तक।
*Author प्रणय प्रभात*
अपना-अपना
अपना-अपना "टेलिस्कोप" निकाल कर बैठ जाएं। वर्ष 2047 के गृह-नक
*Author प्रणय प्रभात*
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
ज़माना साथ था कल तक तो लगता था अधूरा हूँ।
*Author प्रणय प्रभात*
🙅अचरज काहे का...?
🙅अचरज काहे का...?
*Author प्रणय प्रभात*
समस्त वंदनीय, अभिनन्दनीय मातृशक्ति को अखंड सौभाग्य के प्रतीक
समस्त वंदनीय, अभिनन्दनीय मातृशक्ति को अखंड सौभाग्य के प्रतीक
*Author प्रणय प्रभात*
अक़ीदत से भरे इबादत के 30 दिनों के बाद मिले मसर्रत भरे मुक़द्द
अक़ीदत से भरे इबादत के 30 दिनों के बाद मिले मसर्रत भरे मुक़द्द
*Author प्रणय प्रभात*
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
प्रदर्शनकारी पराए हों तो लाठियों की। सर्दी में गर्मी का अहसा
*Author प्रणय प्रभात*
🙅आज का लतीफ़ा🙅
🙅आज का लतीफ़ा🙅
*Author प्रणय प्रभात*
"नृत्य आत्मा की भाषा है। आत्मा और परमात्मा के बीच अन्तरसंवाद
*Author प्रणय प्रभात*
*मंगलकामनाऐं*
*मंगलकामनाऐं*
*Author प्रणय प्रभात*
👍कमाल👍
👍कमाल👍
*Author प्रणय प्रभात*
■अहम सवाल■
■अहम सवाल■
*Author प्रणय प्रभात*
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
*Author प्रणय प्रभात*
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
खड़कते पात की आवाज़ को झंकार कहती है।
*Author प्रणय प्रभात*
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
😢लिव इन रिलेशनशिप😢
*Author प्रणय प्रभात*
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