पूनम झा 'प्रथमा' Language: Hindi 108 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid पूनम झा 'प्रथमा' 26 Mar 2024 · 1 min read कौन हूँ मैं ? कौन हूँ मैं ? मैं कौन हूँ ? ये है एक सवाल। आज तक स्वयं को ढ़ूंढ़ती रही, इस उलझन को सुलझाती रही, कहते हैं आईना सच बोलता है, खुद... "सत्य की खोज" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 7 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2024 · 1 min read 10) पूछा फूल से.. पूछा फूल से,बिखरने के लिए खिलती क्यों है ? तोड़ लेता माली , तुझे फिर तू हँसती क्यों है ? * फूल ने हँसते हुए कहा ,तुम भी मुझे पाकर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 91 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2024 · 1 min read 9) खबर है इनकार तेरा खबर है इनकार तेरा..... * झूठा निकला करार तेरा । फिर भी है इंतजार तेरा ।। * लाख समझाऊँ दिल को चाहे फिर भी दीदार तेरा । * माना जब... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 129 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2024 · 1 min read 8) दिया दर्द वो दिया दर्द वो, पर प्यार बेहिसाब माँगता है। दिया नहीं कभी कुछ, पर हिसाब माँगता है। . भरोसे को भी उसपर भरोसा करने का भरोसा नहीं पर वो है कि... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 152 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2024 · 1 min read 7) पूछ रहा है दिल पूछ रहा है ये दिल ........ मालिक तूने ये क्या किया ? पूछ रहा है ये दिल तुझसे। हँसते थे जो बेपरवाह हम लोग, मुस्कुराना भी भुला दिया। मालिक तूने... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 83 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Feb 2024 · 1 min read 6) जाने क्यों जाने क्यों मन व्याकुल रहता है, क्या क्या ये सोचता है, कहूँ किससे ये कहाँ समझ आता है, बीच समन्दर में कश्ती जैसे हिचकोले खाता है, डर डरकर लहरों को... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 72 Share पूनम झा 'प्रथमा' 4 Feb 2024 · 1 min read 5) कब आओगे मोहन कब आओगे मोहन --- ------- तेरे बिना सूना सूना सुन मेरे प्यारे कृष्णा। वृंदावन तुझे पुकारे गोपी तेरी राह निहारे सब बनी अब जोगन कब आओगे मोहन। * मन में... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 2 2 103 Share पूनम झा 'प्रथमा' 4 Feb 2024 · 1 min read 4) धन्य है सफर धन्य है सफर ... आसान हो जाता है सफर जीवन का , मीत मिल जाता है अगर मन का । सफर रास्ते के हों या हों जीवन के , अगर... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 119 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Feb 2024 · 1 min read 3) मैं किताब हूँ 3) सुनो ! मुझे छोड़ कर कहाँ जा रहे हो ? तुम बिन मेरा अस्तित्व नहीं , एक-एक शब्द जुड़कर पंक्तियां बनकर मुझ पर छा जाते हो और मुझे एक... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 108 Share पूनम झा 'प्रथमा' 31 Jan 2024 · 1 min read 2) भीड़ “भीड़” मन को अकेला जब हम पाते हैं अकेलापन दूर करने भीड़ में चले जाते हैं । भीड़ का हिस्सा तो जरूर बन जाते हैं पर भीड़ में तो मन... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 1 78 Share पूनम झा 'प्रथमा' 30 Jan 2024 · 1 min read 1) आखिर क्यों ? पूरी जिंदगी हम भ्रम में गुजार देते हैं, फिर भी भ्रम को भ्रम नहीं समझते हैं, कभी अपना होने का हवाला देते हैं, तो कभी जिम्मेदारी का भुलावा देते हैं,... Poetry Writing Challenge-2 · कविता 4 2 84 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Jul 2023 · 1 min read फितरत फितरत आदतें कहाँ कभी बदलती है, फूल कहाँ महकना छोड़ती है, अच्छे अच्छाई नहीं छोड़ता है, कपटी बुराई नहीं छोड़ता है, कभी-कभी जो बदलते हैं, उसे बदलना नहीं कहते हैं,... "फितरत" – काव्य प्रतियोगिता · कविता 4 173 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 Jul 2023 · 2 min read हकीकत पर एक नजर #हकीकत_पर_एक_नजर... जब आप तकलीफ में होते हैं तो बहुत लोगों से कट जाते हैं, मतलब दूर हो जाते हैं। कारण ये नहीं है कि आप कट जाना चाहते हैं, बल्कि... Hindi · लेख 2 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 22 Jan 2023 · 1 min read किंकर्तव्यविमुढ़ किंकर्तव्यविमूढ़ सवाल बहुत है मन में जवाब कहाँ से लाऊं, नींद नहीं है आंखों में ख्वाब कहाँ से लाऊं, अशांति बहुत है जीवन में शांति कहाँ से लाऊं ? दर्द... Hindi · Poem 4 4 234 Share पूनम झा 'प्रथमा' 4 Jul 2022 · 2 min read शारीरिक भाषा (बाॅडी लेंग्वेज) शारीरिक भाषा (बाॅडी लेंग्वेज) 'भाषा' अर्थात् वह प्रक्रिया जिससे हम एक दूसरे से अपनी बातों का आदान-प्रदान करते हैं । भाषाएँ कई प्रकार की होती है, ये हम सब भली... Hindi · लेख 3 4 246 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Jun 2022 · 2 min read हम लिखते क्यों हैं हम लिखते क्यों हैं ? हर व्यक्ति की अलग-अलग रूचि होती है । किसी को गाने का शौक होता है तो किसी को चित्रकारी का, किसी को बागवानी का, इसी... Hindi · लेख 2 2 749 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Jun 2022 · 2 min read रिंगटोन रिंगटोन आज श्रुति मन कहीं लग नहीं रहा था । वह पार्क में बैठने के लिए चली आई । आकर एक बेंच पर बैठ गई और सामने बच्चे खेल रहे... Hindi · लघु कथा 4 377 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Jun 2022 · 1 min read पिता पिता घर के मजबूत स्तम्भ होते हैं पिता, बच्चों की ताकत हैं पिता, भविष्य की उम्मीद हैं पिता, संघर्ष की धूप में छत्रछाया हैं पिता, पथप्रदर्शक हैं पिता, कंटक भरी... “पिता” - काव्य प्रतियोगिता एवं काव्य संग्रह · कविता 4 5 406 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 Jun 2022 · 1 min read अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस अंतरराष्ट्रीय चाय दिवस जब चाय की बात आती है तो कभी न कभी ये सुनने को अवश्य मिल जाती है कि अंग्रेज चला गया लेकिन हमें चाय की आदत देते... Hindi 3 1 204 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2021 · 9 min read मौसी माँ मौसी माँ "हेलो!.." "हेलो! समधन जी ! कैसी हैं आप ?" "बस ठीक ही हूँ । आप कहिये , आप कैसी हैं और बाकी सब घर में कैसे हैं ?"... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 5 3 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 3 Feb 2021 · 1 min read आओ अधरामृत पान करें "आओ अधरामृत पान करें " ------------------------ मैं छल प्रपंच न जानूँ प्रिये, उर प्रीत को ही मानूँ प्रिये, प्रणय अधर पर है लहराई मिलकर इसका सम्मान करें, आओ अधरामृत पान... "कुछ खत मोहब्बत के" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 51 635 Share पूनम झा 'प्रथमा' 30 Dec 2020 · 1 min read परिवर्तन परिवर्तन ...... आज ऐसे कैसे दिन हो गए, कि हम शब्द विहीन हो गए, समझाने के तरीके बदल गए, लापरवाह भी अब संभल गए, बच्चों को साथ रहना हम सिखाते... "कोरोना" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 9 39 831 Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Sep 2020 · 1 min read सुधार "सुधार"........ --- --"मम्मी ! पता है आज क्या हुआ ?" खुशी घर में घुसते ही चहकते हुए बोली । --"हाँ! बताओ बेटा । क्या हुआ ?" --"आज मैम ने क्लास... Hindi · लघु कथा 6 536 Share पूनम झा 'प्रथमा' 27 Mar 2020 · 1 min read "आराम" लाॅकडाउन के बाद समीर का आज चौथा दिन ही था ऑफिस बंद हुए । घर से कहीं जाना तो बंद था ही । सब कुछ बंद होने की वजह से... Hindi · लघु कथा 2 1 488 Share पूनम झा 'प्रथमा' 23 Sep 2019 · 2 min read टिकट रमा के मोबाइल पर दो-तीन बार रिंग आ चुका था। पर वो सुन नहीं पायी । रात के खाने से निवृत्त होकर जब आराम से बैठी तो मोबाइल में कई... Hindi · लघु कथा 2 309 Share पूनम झा 'प्रथमा' 18 Jul 2019 · 1 min read अधिक बरसात आफत या फिर ....... " कहा था न रवि कि बरसात का समय है अनजान रास्ते से मत चलो । लो अब क्या करोगे ? गाड़ी भी बंद हो गई यहाँ कहाँ से मेकैनिक... Hindi · लघु कथा 1 293 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Jun 2019 · 1 min read "पिता" घर के मजबूत स्तम्भ होते हैं पिता, बच्चों की ताकत हैं पिता, भविष्य की उम्मीद हैं पिता, संघर्ष की धूप में छत्रछाया हैं पिता, पथप्रदर्शक हैं पिता, कंटक भरी राहों... Hindi · कविता 1 594 Share पूनम झा 'प्रथमा' 10 Jan 2019 · 1 min read शूल हर किसी से इतना अपनापन न जताया करो। हर राज उसे अपना समझकर न बताया करो। कौन कब दिल में शूल चुभाकर जख्म दे जाए- ऐ दिल खुद को कमजोर... Hindi · मुक्तक 1 339 Share पूनम झा 'प्रथमा' 7 Jan 2019 · 1 min read गजल बात सच थी मगर झूठ बताना पड़ा । वो दुःखी थी इसीलिए हंसाना पड़ा ।। प्यार दिल से होती है बातों से नहीं , दिल में जगा नहीं पर निभाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 3 1 406 Share पूनम झा 'प्रथमा' 11 Nov 2018 · 1 min read माँ "माँ" बहुत देर से माँ तुमको मैं लिखना चाहूँ, मगर क्या-क्या लिखूँ, ये समझ न पाऊँ । कुछ शब्दों में माँ को बांधे, ये कलम को मैं कैसे समझाऊँ ?... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 11 39 1k Share पूनम झा 'प्रथमा' 6 Nov 2018 · 1 min read दीपक "दीपक" आज दीपक अपनी व्यथा सुना रहा है दिवाली में कभी घरों की छतों पर जगमगाता था, अपनी किस्मत पर वो इतराता था, घर-आंगन हो या हो मंदिर उसका ही... Hindi · कविता 3 1 338 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Aug 2018 · 1 min read "राखी का त्यौहार" राखी का त्यौहार जब भी आता है, भाई-बहन को बचपन याद दिलाता है, इन कच्चे धागों में अटूट स्नेह समाया है, चाहे दूर हो या हो पास स्नेह से दूरियाँ... Hindi · कविता 1 475 Share पूनम झा 'प्रथमा' 17 Aug 2018 · 1 min read परमात्मा ऊपर वाले को ढ़ूंढ़ते मंदिर-मस्जिद में, जबकि बैठा है वो अपने ही दिल में । प्रेम-भाव से ही ईश्वर का नाता है, क्यों फिर मानव आडंबर अपनाता है । भूत,... Hindi · कविता 1 487 Share पूनम झा 'प्रथमा' 15 May 2018 · 1 min read "कुछ भी कह जाते हैं".......... जिसने कभी आंधी देखी नहीं , वे तूफान से लड़ने का हौसला सिखा जाते हैं । जो छोटी से छोटी तकलीफ में भी हाय-तौबा मचा देते हैं, वे दर्द में... Hindi · कविता 2 1 484 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Feb 2018 · 1 min read "मुक्तक" शून्य में ताकना कभी-कभी अच्छा लगता है । अतीत में छांकना कभी-कभी अच्छा लगता है । सूख चुके मन के घाव को कुरेद कर सहलाना- आंसुओं से धोना कभी-कभी अच्छा... Hindi · मुक्तक 1 325 Share पूनम झा 'प्रथमा' 24 Feb 2018 · 2 min read सोशल मीडिया एवं सांस्कृतिक अस्मिता सोशल मीडिया एवं सांस्कृतिक अस्मिता हमारा देश प्रगति के मार्ग पर है । अब समय डिजिटल का हो गया है। आज हर काम इंटरनेट से जुड़ गया है । बहुत... Hindi · लेख 2 452 Share पूनम झा 'प्रथमा' 24 Feb 2018 · 2 min read सोशल मीडिया एवं सांस्कृतिक अस्मिता सोशल मीडिया एवं सांस्कृतिक अस्मिता हमारा देश प्रगति के मार्ग पर है । अब समय डिजिटल का हो गया है। आज हर काम इंटरनेट से जुड़ गया है । बहुत... Hindi · लेख 2 8k Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 Jan 2018 · 1 min read "बसंत" पीत-पीत खेत खलिहान पीत वर्ण में शोभित उद्यान पीत चुनर वसुधा लहराये पीत वर्ण उसका परिधान । कलियों पर भौंरे मंडराए पुष्पों से पुष्पित हो रहा वीरान कोयल मधुर गीत... Hindi · कविता 1 533 Share पूनम झा 'प्रथमा' 29 Dec 2017 · 2 min read **लघुकथा**- बहुत देर से वो गुनगुनाए जा रहा था । सामने वाली सीट पर दीन दयाल जी चुपचाप बैठे हुए थे । दीन दयाल जी काफी बुजुर्ग थे और वो नव... Hindi · लघु कथा 2 438 Share पूनम झा 'प्रथमा' 16 Dec 2017 · 2 min read **आकर्षण** बस खुलने वाली थी । रवि अपनी किताब ( उपन्यास ) निकाल लिया । "पढते हुए सफर आराम से कट जाएगा"--रवि मन ही मन । तभी एक भीनी सी खुशबू... Hindi · लघु कथा 2 1 516 Share पूनम झा 'प्रथमा' 1 Dec 2017 · 1 min read "भूख और स्वाभिमान" "अरे जा रे घुनिया ऊ कार रुकल हई । देख देख कुछ तो मिल जावेगा ।" कटनी बोली "ऊंss हम नाही जाएब, तू जा रे ठल्ली ।" "ऐ बाबूजी, कुछ... Hindi · लघु कथा 1 708 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Oct 2017 · 1 min read लहरें दुनियां रूपी समुंदर लहरें खूब उठाती है, संकटों के भेष में आकर ये खूब डराती है, रखो आत्मविश्वास डगमगाने मत दो नैया- थम जाएगा तूफां जो शोर खूब मचाती है... Hindi · मुक्तक 2 383 Share पूनम झा 'प्रथमा' 2 Oct 2017 · 1 min read "विदाई" एक जन्म से विदा होकर मानव माँ के कोख में आता है, माँ का कोख छोड़ फिर दुनिया में कदम रखता है । * फिर कहीं आगमन तो कहीं विदाई... Hindi · कविता 1 547 Share पूनम झा 'प्रथमा' 26 Sep 2017 · 1 min read " भूख और बादाम " "अरे मुनिया चल । यहाँ क्यों खड़ी है ?"--झुनकी बोली । मुनिया --"सेठ कुछ बांट रहा है । शायद कोई खुशी की बात होगी ।" दुकान के सामने हथेली फैलाये... Hindi · लघु कथा 1 850 Share पूनम झा 'प्रथमा' 9 Aug 2017 · 2 min read " रेगिस्तान " " सबके गहने और साड़ियाँ फीकी पर जाती है किटी में रोमा के सामने "----रितु ने कहा । सभी ने एक साथ हामी भरी । आखिर होता भी क्यों नहीं... Hindi · लघु कथा 1 365 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2017 · 1 min read कब आओगे मोहन कब आओगे मोहन सुन मेरे प्यारे कृष्णा। तेरे बिना सूना सूना वृंदावन तुझे पुकारे गोपी तेरी राह निहारे सब बनी अब जोगन कब आओगे मोहन। * मन में सोच रही... Hindi · कविता 1 300 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2017 · 2 min read " बदल गए " " नीतिन तुम ये क्या कर रहे हो ? उलटे-सीधे काम कर रहे हो । कभी बिना मौजे के जूते पहन रहे हो तो कभी आंखों पे चश्मा होने के... Hindi · लघु कथा 1 793 Share पूनम झा 'प्रथमा' 19 Jul 2017 · 2 min read " बदल गए " " नीतिन तुम ये क्या कर रहे हो ? उलटे-सीधे काम कर रहे हो । कभी बिना मौजे के जूते पहन रहे हो तो कभी आंखों पे चश्मा होने के... Hindi · लघु कथा 1 499 Share पूनम झा 'प्रथमा' 22 Jun 2017 · 1 min read ** गजल ** आज कुछ शब्द बेनाम लिखूँ । अंतर्मन में उठते संग्राम लिखूँ । * शब्दों से उलझन सुलझाकर, सत्य अविरल अविराम लिखूँ । * कर के पैनी धार कलम की धूर्तों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 366 Share पूनम झा 'प्रथमा' 28 May 2017 · 1 min read ** गजल ** बहते थे अश्क जो तेरा प्यार पाने के लिए । रोक दिया उसे लबों को मुस्कुराने के लिए । * समन्दर तो अभी भी है तूफान समेटे हुए पर हिदायत... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 647 Share Page 1 Next