Naresh Pal 96 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *एक किसान* कल साल बदल गयी तो हुआ क्या ?आज फिर । दिन महीने रात घड़ियां , वैसी ही रही आज फिर।। हमें तो ढूंढनी ही पड़ेगी , खेतों में वे मंडियाँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 517 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *जी लेने दो * छोडो अब् ये नाच घिनौना, कुछ दिन तो जी लेने दो। थोड़ा तेल बचा है दीपक , कुछ पल तो पी लेने दो ।। चूस लिया सब खून देह का... Hindi · गीत 538 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *नेक है जो आज भी * नेक है जो आज भी, वो ख़ाक छानता है । तरेरता है आँख जो , वो पाग छानता है ।। हैं सत्यता की रेखियां , विसवास कीजिये वे ना जाने... Hindi · कविता 497 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *हाथ से निकल जाएगा* ये बक़्त है , फिर हाथ से निकल जाएगा । पता नहीं ये चाँद फिर, कहाँ ढल जाएगा।। ले लो ना उजाला अभी तुम , इसी हाल में पता नहीं... Hindi · कविता 612 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read तहजीब निकला विसवास के अंधेरों से मजबूर होके तहजीब निकला। हम सिर सहलाते रहे मनु का ,दोश्त मजीद निकला।। सीख कहाँ मानी शहद समझ के पीते रहे नासमझ नशा उतरा तव समझ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 499 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *शान्ति मिलती रहे* जहां भी हो वो आत्मा,वस शान्ति मिलती रहे। जन्नत में उनकी हमेशा,वो कान्ति खिलती रहे।। मैं अकिंचन हूँ ,खुश रहें वो अपनी ठौर पे वहां खबर मेरी भी उन्हें ये,... Hindi · कविता 511 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *गमों का खजाना* विरासत में मिला है ,गमों का खजाना। मुझे रास आ गया है , इनको निभाना ।। आ और आ मजबूर हो जाए तो कहना बड़ा मजबूत है यार , तेरा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 494 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read खुली रखी है हमारी किताब ऐं जिंदगी की जन्म से खुली रखी हैं। जितना हमें दिया है, हमने वो सब जोड़ बनाके रखी हैं।। हमारे दिल में नहीं है कि ढेरों रकब को... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 475 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *उड़ना संभल संभल के* उड़ना संभल संभल के पंछी,उड़ना संभल संभल के। अपलक दृष्टि डाल दूर तक,तव कदम उठाना तल के।। जाना है जिस ओर दिशा में ,तुम उस पर दृष्टि डालो । कच्चा... Hindi · कविता 478 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *काले * तन के काले मन के काले । एंडी से चोटी तक काले।। फिर भी कहते 'पुरषोत्तम,। कहो नीच हो,याकि उत्तम । हंस नहीं बन सकते अप्रिये, चाहे चोंच अपनी मांज... Hindi · गीत 500 Share Naresh Pal 8 Jan 2018 · 1 min read *हैं अपनी आशाएं* अपने हाथों और क्या है ?हैं अपनी आशाएं । होंगी या ना होंगी पूरी, वस बैठे हम पछताएं।। सहम रहे हैं सभी रास्ते ,गलियाँ डरीं हुयी हैं । थर थर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 464 Share Naresh Pal 17 Jan 2018 · 1 min read *जिंदगी से प्यारा है* गुरु का भजन करना ,हमें जिंदगी से प्यारा है। भूल कैसे जाऊं जिसने,ये जीवन सँवारा है ।। बालक में अबोध था ,जब धरती पे आया । रहना है किस विधि... Hindi · गीत 481 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *इतना शोषित क्यों* इंसान आदमी से हुआ ,इतना शोषित है क्यों ? वर्ताव ए इस जमीं के ,इतने अनुचित हैं क्यों? अवसादों का वजन इतना, की ढुलता नहीं हो गया है अकारण ही... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 481 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *उस पार हमें * अपनी किश्ती को ले जाने दो तुम ,उस पार हमें। आ गया है गुजर के जाना,अपनी रफ़्तार पे हमें।। जिकर उन फितरतों का किया है बार बार तुमसे जनाजा खासियतों... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 451 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 1 min read *लगा लो विराम* अब् तमाशे पे लगालो विराम,ए तमाशा करने वालो। समझती है खूब दुनिया, ऐसे बबाले परचम न उछलो। खत्म हो सकता है तुम्हारा खेल, ये पेंचों परचम का उठाओ ना ऐसी... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 412 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *बेटियों के बाप* बेटियों के बाप हैं तो क्या प्राणों की सांस उनमें बसती हैं।। पाके गोद हंसती है वो जैसे आंगन में किरण हंसती है।। हमें कितना वेशुमार प्यार दिया हमारी इस... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 426 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read तपा रहे हो तपा रहे हो इसे जानते हैं कि अटूट होता है। दिखा रहे हो इसे मग़र पानी में बुझने के बाद ही मजबूत होता है।। किन्तु अब छुपा के रख लो... Hindi · कविता 2 1 458 Share Naresh Pal 18 Jan 2018 · 1 min read *चुप बैठें * तुम बहरे हो तो क्या ? हम सुनके भी चुप बैठें । वेदम समझते हो तो क्या ,हम पिटके झुक बैठें।। हमारा सलाद बनाने की जोखिम मत लो मिंया जो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 435 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 04-कल मिलेंगे । बड़े वेरुखे हो यार होके ,कहते हो कल मिलेंगे। कमल के फूल हो क्या ,कि पानी होगा तब खिलेंगे।। मोहब्बत की दरिया में कूद कर ,क्यों वे बफा हुए पेड़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 467 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *नब वर्ष तेरा अभिनमदन* आये हो नव वर्ष ख़ुशी हो ,करूँ मैं तेरा अभिनंदन। खड़ा हुआ हूँ लिए द्वार पे ,सजा थाल रोली चन्दन।। सम्मुख आओ बढ़कर थोड़ा माथे तिलक लगाऊं । नतमस्तक हो... Hindi · कविता 1 439 Share Naresh Pal 30 Dec 2017 · 1 min read *यह क्या है* यह क्या है ? क्या हो रहा है ? जवाव दो । लूले लँगड़े इतिहास को और अध्याय जोड़ रहा है। सीधी साधी आत्माओं को फिर गर्त में मोड़ रहा... Hindi · कविता 442 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read वो बीते हुए पल वो बीते हुए पल हमें अब् याद आते हैं गाँव के। वो बचपन के दिन हमें याद आते हैं गाँव के।। आँगन में नीव का पेड़ था एक बड़ा हड़ा... Hindi · कविता 3 1 416 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 07-रीते हुए दिन । यादें बन के उभरने लगे हैं ,बीते हुए दिन । अब जुम्म्स नहीं रह गई है, रीते हुए दिन ।। जवान था जिस्म तब तूफ़ान सी ताक़त थी अब गुजर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 427 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read नसीहत कुछ भी नहीं भले आदमी के मुहं पे थुक जाए,नसीहत कुछ भी नहीं। नँगा ग़लीयों में नाचे कूदे,मग़र,फजीहत कुछ भी नहीं।। अजीब चलन है जमाने का शर्म वाकी नहीं रह गयी ग़रीब इंसान... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 1 411 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *दांव आजमाने लगी हैं* दाँव आजमाने लगी हैं सियासतें,गाँव में नगर में। कब तक चुप रहके बैठेंगे अब, कौओं के शहर में।। मिठास दिखती थी हलक में तव ,पहरुओं के वो अब् फ़लक ने... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 416 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तू आया कहाँ* आज का दिन भी गया तू आया कहाँ । नज्म का एक सुना भी है सुनाया कहाँ।। कल कहा था कि झोली भर दूंगा तेरी मग़र मोहब्बत ए दिलासा पाया... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 388 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 06- किया-दिल पे वार । फिर किया है आज उसी ने मेरे दिल पे वार लेके कंहाँ चला ?आज फिर वो अपनी पतवार।। बटोर लिया हमने बहुत अब हद से पार चला जगह कंहाँ बची... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 428 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 08-कोई करे तो । हमें तो मोहब्बत करने का शौक है कोई करे तो । हम तो मर जाएँ देख के यार कोई हमपे मरे तो ।। हमें नहीं है फ़िकर की कहीँ हमारा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 411 Share Naresh Pal 20 Jan 2018 · 1 min read *मोहब्बत का दस्तूर ऐसा * मुद्दतों से चला आ रहा है ,मोहब्बत का दस्तूर ऐसा। है आया क्यों दिल में आज,ये गमगीन फितूर ऐसा।। सारा जहां हमारा है यह कहना लाजिमी तो है मग़र कट... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 433 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *आवाज दे रहा वो* आवाज दे रहा वो,पड़ा जो धरती के तल। घर में गरीव के भी , दीप वारता तू चल ।। उजाला हो गया ,मग़र क्यों अँधेरी रात है सोचनीय इस प्रश्न... Hindi · गीत 423 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read *संसार देख के* डूबती है आँख , संसार देख के । भीगती है आँख तार तार देख के । देखते ही देखते सब मौन हो गया । सोच रखा रात सुबह कौन धो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 430 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *सांझें होना वाकी हैं* बीत गए अनगिनत सवेरे,अब् सांझें होना वाकी हैं। उसाँस शेष बची कंठ की, वे साँसों की साखी हैं ।१। जो पाया वह अर्पित कर दूँ ,ऐसे पल में ढूंढूं रोज... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share Naresh Pal 26 Jan 2018 · 1 min read *बताना क्या है* हमें कितनी मोहब्बत है तुमसे,बताना क्या है। गीत रह जाएंगे गुंन गुनाने के लिए,जताना है।। हमारे बुजुर्गों के हौशले नहीं पढ़े तुमने अभी जिशम ए रंग निछावर कर दिया जाना... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 425 Share Naresh Pal 2 Jan 2018 · 1 min read *तेरे जहाज का मस्तूल क्या है * "मैं हूँ तेरा दीदार"कहने वाले तेरे जहाज का मस्तूल क्या है । गरेवां दबा के और का बोले बता जमाने का उसूल क्या है ।। किसी किताब में नहीं लिखा... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 394 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *इंद्रधनुष के समय * मन प्रफुल्लित हो छोटी बूंदें, बैठीं -आकर -इंद्रधनुष -पर । तन बेध रहीं रवि की किरणें बन प्रत्यंचा के प्रखर शर ।। कुछ लटकी भटकी बूंदें भी लसे -सतरंगी -श्रंगार-... Hindi · कविता 444 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *अंधकार वनाम घृणा* सच तिमिर ! तुम्हें निज घृणा दंश मारेगी । उर उदभासित तुम्हारी वाणी ने प्रतिक्षण मुझको लघु जिव कहा। किस मुख मैं समतुल्य कहूँ फिर सोचने के लिए नित यह... Hindi · गीत 396 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *रिझाया तो बहुत* रिझाया तो बहुत मग़र ,नहीं पयामों के पाबन्द निकले। बाँहें उठा के दिखाया तो बहुत ,मग़र नहीं पसन्द निकले।। मेरी फुंगाँ को कभी सुना तुमने,यार किस तरह सहा है हम... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 404 Share Naresh Pal 21 Jan 2018 · 1 min read *सरहद के पार कर दो* हटा दो दुश्मनों को दूर उन्है सरहद के पार कर दो । ये दिखें ना काफ़िर इधर मामला आर पार कर दो ।। बक़्त आ गया है पिला दो जूनून... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 408 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 03-छ्न्द परिंदों के । बैठ पंछियों की पाँति , यह छ्न्द गा रही । आसरे की छाँव से , दुर्गन्ध आ रही ।। घूम आये क्षितिज पार , न मिला कुंद है । नीलमयी... Hindi · कविता 402 Share Naresh Pal 4 Jan 2018 · 1 min read *उदास आये * पत्थर उठाके फेंके ,लौटे तो उदास आये । सियासत के प्यारे को ,उन्माद रास आये ।। जब भी पूंछो तो यार ,मजबूरी ही बतावे है तिजारत का तजुर्वेकार है क्योँ... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 407 Share Naresh Pal 28 Dec 2017 · 1 min read 02- जाग । "सोयेगा कब तक , ओ शेषनाग । बीत गई सदियां ,गुजर गई रातें , सहते पल पल, चोटें अघातें कोई तो मृदु सा छ्न्द सुना देआज ।1। युग विकसित हुई... Hindi · कविता 393 Share Naresh Pal 29 Dec 2017 · 1 min read *साहसी विहग* विहग वन में जलता रहा, विद्वेष के अंगार पर । पर पथ निज उन्नत किया ,श्रमभेरी का श्रंगार कर।। विहान वेला के आगमन पर,त्यागता था नित नीड अपना। पता न... Hindi · कविता 393 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 1 min read *गंगा जी के तट पर* झेलीं जिनने यातन-बटियाँ , बसुधा जी के पट पर । ढूड रहा हूँ उनके अस्थिक-पंजर, गंगा जी तट पर।। जन्म दिया पर निज जीवन में कब ? कितना पाया था... Hindi · गीत 407 Share Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read * समय * दौड़ रहा है पकड़ो इसको,कदापि व्यर्थ मत जाने दो। खाली मस्तक के मंदिर में,एक नई किरण तो आने दो।। जीवन में कब हो जाए उजाला, भला पता रहता किसको ।... Hindi · कविता 1 356 Share Naresh Pal 3 Jan 2018 · 1 min read *मुरादें क्या,मन्नत क्या* हाशिल ही नहीं हुयीं चाहतें,तो मुरादें क्या?मन्नत क्या? देखते रहे सींकचों से फ़जर, दोजख क्या?जन्नत क्या? सराबोर होके नहाते रहे, रात दिन नमक की तरह जम ही ना सके पाँव... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 381 Share Naresh Pal 27 Dec 2017 · 1 min read 02-----गम और खुशियों के पल । गम और खुशियों के पल,वस ये आते जाते रहते हैं । हाजिर एक हमेंशा इनमें,वस ये आते जाते रहते हैं ।। फिर हंसना क्या,घबराना क्यों है ,दामन में ही ले... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 378 Share Naresh Pal 31 Dec 2017 · 2 min read *मैंने न कवि बनना चाहा है ।* मैंने ना कवि बनना चाहा है । मैंने ना रवि बनना चाहता है।। मैंने तो वस सिते हुए उन अपने मग में बुदबुद जैसे श्वांसों के तारों में अबतक उपहासों... Hindi · कविता 403 Share Naresh Pal 19 Jan 2018 · 1 min read *धरम भी कहें हम * पलने लगे इंसानियत जिगर में,तो इसे धर्म भी कहें हम। निकल जाए आँखों से नफरत,तो आई शरम भी कहें हम। खंडहर को नज़ाकत दिखाने से ,क्या फायदा होता तुम्हें तारीफ़... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 361 Share Naresh Pal 1 Jan 2018 · 2 min read *भरी हुई हैं ह्रदय मेरे * बहुत दुखातीं ह्रदय मेरा, चुभन भरी बातें प्रखर। मैं मौन सदृश सा सहता, पल पल रिश्ते कडुए स्वर। मग़र क्या है ? फिर भी तो बाण छूटते ही आते हैं... Hindi · गीत 1 2 393 Share Naresh Pal 10 Feb 2018 · 1 min read गरीबी है उसके घर में गऱीबी है उसके घर में ,कौन सा खजाना है। लूट लिया उसे भी दिन में ,वो अनजाना है।। कल झोपडी थी अपनी,जिशम से भी प्यारी जला गया कोई अँधेरे में,सुनो... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 369 Share Page 1 Next