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खुलेआम मोहब्बत को जताया नहीं करते।
Phool gufran
वो नींदें उड़ाकर दगा कर रहे हैं।
Phool gufran
दिल मेरा तोड़कर रुलाते हो ।
Phool gufran
तुझे कसम है मोहब्बत की लौटकर आजा ।
Phool gufran
मग़रिबी और मशरिक तो क्या सारे जहान में शुमार है जिसका ।
Phool gufran
सुना है नींदे चुराते हैं वो ख्वाब में आकर।
Phool gufran
सुना है नींदे चुराते हैं ख्वाब में आकर।
Phool gufran
जिस दिन ना तुझे देखूं दिन भर पुकारती हूं।
Phool gufran
तेरे चेहरे को जब भी देखा है मुझको एक राज़ नज़र आया है।
Phool gufran
अल्फ़ाज़ बदल गये है अंदाज बदल गये ।
Phool gufran
वो हक़ीक़त में मौहब्बत का हुनर रखते हैं।
Phool gufran
आज के दौर में मौसम का भरोसा क्या है।
Phool gufran
वो गर्म हवाओं में भी यूं बेकरार करते हैं ।
Phool gufran
उसकी गलियों में आज मुस्कुराना भारी पड़ा।
Phool gufran
ऐ हवा रुक अभी इंतजार बाकी है ।
Phool gufran
उसकी गलियों में कदम जब भी पड़े थे मेरे।
Phool gufran
वो तड़पते रहे मयार में मेरे ऐसे ।
Phool gufran
हम गुलामी मेरे रसूल की उम्र भर करेंगे।
Phool gufran
मैंने देखा है मेरी मां को रात भर रोते ।
Phool gufran
शबाब देखिये महफ़िल में भी अफताब लगते ।
Phool gufran
मुझसे जुदा होके तू कब चैन से सोया होगा ।
Phool gufran
एक अजीब कशिश तेरे रुखसार पर ।
Phool gufran
तेरे दिल की हर बात जुबां से सुनाता में रहा ।
Phool gufran
अब इश्क़ की हर रात सुहानी होगी ।
Phool gufran
उसकी खामोशियों का राज़ छुपाया मैंने।
Phool gufran
बाकई में मौहब्बत के गुनहगार हो गये हम ।
Phool gufran
जाने किस मोड़ पे आकर मै रुक जाती हूं।
Phool gufran
उसे खो दिया जाने किसी के बाद
Phool gufran
दिल के इस दर्द को तुझसे कैसे वया करु मैं खुदा ।
Phool gufran
सब कुछ लुटा दिया है तेरे एतबार में।
Phool gufran
उनसे कहना वो मेरे ख्वाब में आते क्यों हैं।
Phool gufran
दिल की गलियों में कभी खास हुआ करते थे।
Phool gufran
हर किसी को कहा मोहब्बत के गम नसीब होते हैं।
Phool gufran
किसी की याद में आंसू बहाना भूल जाते हैं।
Phool gufran
मोहब्बत में इतना सताया है तूने।
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दोस्ती
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ग़ज़ल
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मोहब्बत
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चाहत
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मौहब्बत
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मां
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हालात
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बचपन
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मेरी जीत की खबर से ऐसे बिलक रहे हैं ।
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मां
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ख्वाब
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मां
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जिंदगी
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तेरे क़दमों पर सर रखकर रोये बहुत थे हम ।
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आशिकी
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