Pawan Thakur Tag: कविता 16 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 2 min read मेरे पूर्वज मेरी शान आज सुना रहा हूँ मैं अपने पूर्वजों का सम्मान गान जिनका नाम लेना श्राद्ध कर्म में सपिंडीकरण का भी है विधान। तो सुनें मेरे पूर्वजों का आख्यान:- जहाँ जन्मे थे... Hindi · कविता 2 4 523 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 3 min read चाय प्रकरण हाथ में लेकर चाय की प्याली आई मेरी सुन्दर घरवाली.. मैंने मासूमियत से चाय की एक चुस्की ली और कहा आज एक कविता हुई बहुत दिनों के बाद मैडम का... Hindi · कविता 1 1 375 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 2 min read हम घर में नइ छी !! अय सुनै छी.. की अइ की भेल.. जुलूम भअ गेल बुझू अनेहर भअ गेलै खतम भअ गेलै आब की हेतै... केकरा की भेलै किछ कहवो करब कोनो अपन लोक की..... Maithili · कविता 1 359 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read जिन्दगी एक तमाशा जिन्दगी एक तमाशा है खुद ही बने हैं मदारी जब तक प्राणवायु है यह खेल रहेगा जारी।। जीवन का है हर पल एक पहेली जिसकी हम सब हैं सहेली हर... Hindi · कविता 1 1 245 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read बाबा विश्वनाथ की नगरी: वाराणसी जन्म-मृत्यु लोक-परलोक का होता है जहाँ विचार पतितपावनी हैं गंगा की धार भगवान विश्वनाथ का है दरबार जगत्प्रसिद्ध पौराणिक शिव की नगरी बहती है भागीरथी, धनुषाकार पवित्र सप्तपुरियों वाली ज्ञान... Hindi · कविता 2 2 338 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read उद्भावना उद्भावना की कलम से अंतस् की तार को छेड़ा प्रेमसागर के अंतर्मन में चेतना ने लिया जब फेरा चित्तकुंज में मिला उसे प्रीति का बसेरा मनभावन की मधुबेला में डाला... Hindi · कविता 3 1 510 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read होस्टल ऊंगली पकड़कर जिसे चलना सिखाया था कल आज छोड़ आए उसे आत्मनिर्भर बनने के लिए होस्टल दरिया जैसी कलकल बेटी रहे नही कभी निर्बल सुना सुना लग रहा है घर-आँगन... Hindi · कविता 2 245 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read ऋतुराज बसंत फ़िज़ा में आये जब सुहाना तरंग फूली हुई सर्सों से खेत दिखे पिला रंग खिले फुलों से बाग लगे रंग बिरंग मुदित मन में उठने लगे प्रीत की उमंग पेड़ों... Hindi · कविता 2 1 535 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 2 min read सिंहवाड़ा आइये दिखाता हूँ आज मैं अपने गाँव का ऐतिहासिक नज़ारा जहाँ बहती है बुढ़नद की कलकल धारा 1416 में सुलतान इब्राहिम का सेनापति गयास बेग जब मिथिला राज पर टूट... Hindi · कविता 1 2 186 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read होली के हुड़दंग में झाल करताल मृदंग संग में रंग-बिरंगा ढोल मजीरा बाजे राग-रंग में होली के हुड़दंग में!! भंग के तरंग में फाग की उमंग में नशेड़ीयों के संग में मस्त हैं मतंग... Hindi · कविता 1 1 409 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read मेरा बचपन देख अपने बेटे की शरारत याद आई अपने बचपन की नज़ाकत ऐसा ही मस्ती भरा कभी मेरा भी था बचपन हू-ब-हू वैसे ही खिलखिलाना बेवजह मुस्कुराना, इतराना बिल्कुल वैसे ही... Hindi · कविता 1 1 198 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read अगर मैं लौट के ना आऊँ... कवि हिर्दय है मनमें आते रहते हैं तरह तरह के संदेशा कभी कभी तो लगता ऐसा इस जीवन का रहा न अब कोई भरोसा फिर सोचा.. क्यों न तुम से... Hindi · कविता 2 1 214 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read दृष्टिभ्रम जैसे सूखे-से पत्ते किसी टहनी से लगे रहते हैं, अपना जीवनचक्र भी चलता है बिल्कुल वैसे। माना कि जो कल था वो आज नहीं है यह भी सत्य है जो... Hindi · कविता 1 2 215 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read मधेशी मुँखपोथि पर दहेज मुक्त क' पकड़ि डोर मधेशी बनल छथि मिथिलाक चकोर ।। कए रहल छथि सौंसे अनघोल हमहीं मैथिल! हमहीं मिथिला!! हमहिंटा छी भोर ।। मिथिला रत्न बांटि पीटथि... Maithili · कविता 2 2 426 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read मैथिलीक गुणगान उठू उठू यौ मैथिल समाज मिथिलाक देहरि पर आन भाषा दए रहल आवाज। तंद्रा आ आलस सँ आब बितल दिन अनेक मिथिलाक प्रति जगाउ न' यौ अपन विवेक। कनि सुनियौ... Maithili · कविता 2 295 Share Pawan Thakur 10 Feb 2022 · 1 min read ऋतुक राजा कोना भेला बसंत ऋतुक राजा कोना भेला बसंत? हे यो... फरछिआएल मेघ, हरियाएल खेत वायुमंडल सँ हटि गेलै रेत नभ मे टिम-टिम करऽ तारा ठिठुरन सँ भेटल छुटकारा सर्दी परि गेल कमजोर बढ़़ल... Maithili · कविता 3 3 739 Share