नितीश कुमार सिंह Tag: कविता 23 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नितीश कुमार सिंह 11 Apr 2019 · 1 min read वापस लौटा दे मेरा बचपन..... क्या खूबसूरत था वो बचपन, न हमे उनका धर्म पता था न उन्हें हमारा मजहब, ऐसे पलटी बाजी जमाने की अब हम मिलते है भी कभी, वो हमसे मजहब पूछ... Hindi · कविता 1 414 Share नितीश कुमार सिंह 18 Mar 2019 · 1 min read हा , मै चौकीदार बोल रहा हूं हा जब तेरी जरूरत थी देश को, तू जुमलों की बरसात करता अब तुहि बड़ी आराम से कहता है मै चौकीदार बोल रहा हूं हा जब जवान होते थे शहीद,... Hindi · कविता 1 401 Share नितीश कुमार सिंह 5 Feb 2019 · 1 min read राजनीति और रिश्ते... राजनीती का कमाल है ऐसा जीजा साले में होती है लड़ाई साले साहब का पोस्ट देखकर, जीजा भून- भून करता है सामने कभी पड़े नहीं, दोनों कट्टर है विचारधारा पे... Hindi · कविता 1 411 Share नितीश कुमार सिंह 5 Dec 2018 · 1 min read लौट के आजा मेरे दादू.... कैसे भूल जाऊ मैं तुझे... तू बचपन का सहारा था जब जब अकेला पड़ा हूं मै तब तब साथ निभाता था... अब तू मुझसे दूर गया.. सारे सपने छोड़ गया... Hindi · कविता 422 Share नितीश कुमार सिंह 23 Nov 2018 · 1 min read राजनीतिक रोटी खाते है...... इनकी बोली इनका काम... कभी न करे सही से काम ये हमको उलझाते है.... राजनीतिक रोटी खाते है हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई... ये आपस में लड़वाते है सबको ऊलू बनाके... Hindi · कविता 1 1 370 Share नितीश कुमार सिंह 21 Nov 2018 · 1 min read हम मंदिर वहीं बनाएंगे..... उठा नशा है मंदिर का... इसे बेकार न जाने देंगे उठा कदम है आगे को... हम लौट के पीछे न आएंगे हमने भी मन में ठाना है कूच करेंगे अयोध्या... Hindi · कविता 1 324 Share नितीश कुमार सिंह 17 Nov 2018 · 1 min read कभी खुशी कभी हम.... कभी खुशी कभी हम... ये ज़िन्दगी की रीत है कभी हस्ना कभी रोना... हम सब की रीत है अगर दुख न होता तो प्रभु तुझे याद कौन करता... ज़िन्दगी हर... Hindi · कविता 2 277 Share नितीश कुमार सिंह 17 Nov 2018 · 1 min read मैडम! जब आप बताती है...... जब आप पढ़ाती हैं तो हम खूब पढ़ते हैं आपके जाने के बाद हम खूब लड़ते हैं आपके बताए हुए कंसेप्ट पे हम खूब हस्ते हैं जब आप पढ़ाती हैं... Hindi · कविता 2 486 Share नितीश कुमार सिंह 17 Nov 2018 · 1 min read हे प्रभु करदे इनका भी उधार..... देखा न कभी तूजको मैंने माथे रोज टेकाता हूं.... ये प्रभु सुन ले कभी मेरी भी... पावन सी कृपा करदे मुजपे अंधे लुले भी करते है तेरी पूजा.. उनकी भी... Hindi · कविता 2 252 Share नितीश कुमार सिंह 17 Nov 2018 · 1 min read अम्बर का सीना चीर बरस... ए सावन के नीर सरस... तू वीर बरस तू नीर बरस.... अम्बर का सीना चीर बरस। प्यासी माटी प्यासा सावन खग, खेती का है आव्हान... विप्लव धीरज धीर बरस तू... Hindi · कविता 2 1 472 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read सोच समझ कर करे मतदान..... सोच समझ कर करे मतदान चूक न जाना बिक न जाना अधीकारो का कर उपयोग सोच समझ कर करे मतदान दारू बीड़ी के चक्कर में अधिकारो को भूल न जाना... Hindi · कविता 1 317 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read पापा! जरा बता देते मेरे खुशियों पीछे का राज.... पापा! मै क्या लिखूं तुमसा अच्छा इस जग में.... शायद न मिले कोई अम्बर सा तुम मूजपर... छाय किए हर दम अपने घुट घुट कर... खुशी के अम्बर लाते मै... Hindi · कविता 2 467 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read प्रेम जाल में फसा के मुजको.... प्रेम किया था तुझसे जो.... तू अनपढ सा मचल गई नैन मटका किया जो तुझसे.... आखिर तुजको भाया न प्रेम जाल में फसा के मुजको.... अंधेरी रातों में छोड गई... Hindi · कविता 1 236 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read तुम ही बोलो भारत मां.... क्या लिख दू ये भारत मां.... अपनी अल्फाजों में भूखे नंगे मिलेगे... हर कोने गलियारों में मंदिर मस्जिद में देखा है... सोने की चादर चढ़ते भूखे नंगे पड़े मिलेंगे.... हर... Hindi · कविता 3 3 404 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read समय ठहर-ठहर सा गया आवाजे रुकी-रुकी सी है... चेहरा छुका-छुका सा है बाते ठहरी-ठहरी सी है अब रहना न किसी के साथ........ समय बदल गया ऐसा... आशा नहीं था ये तुमसे अब न आना... Hindi · कविता 1 272 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read अब वो भी जूठे लगते है... जिस कलम की स्याही से... लिखता था मैं तेरा नाम ऐसी नफरत हुई कलम से.... अब लगता सब जूठा है जब से दूर हुई है तू..... सारे सपने जूठे है... Hindi · कविता 1 438 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read ये माथे पे तांडव करते है.. इन जयचंदो को सिखलाना है...... इनको इनकी औकात बतलाना है हम जबसे शांत बैठे है.... ये माथे पे तांडव करते है कहदो ये बंद करे ये नौटंकी अपनी औकात में... Hindi · कविता 1 188 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read अखंड भारत का निर्माण करो... सब कहते है वीर हो तुम... छपन इंची छाती है करके चौड़ी छाती अपनी.... अखंड भारत का निर्माण करो। भगवा बांध के सर पे.... भारत का नाम करो तुम जयचन्दो... Hindi · कविता 1 206 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read प्रभु का रीत कहा तुम जानो प्रभु की रीत कहा तुम जानो... दुख आवे तो करो गुणगान सुख आवे तो गए भुलाए... प्रभु की रीत कहा तुम जानो मन में कुंठा लिए फिरे.... जन्म - जन्म... Hindi · कविता 1 383 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read राम प्रभु अयोध्या के.. थे राम प्रभु अयोध्या के... पड़े है घर में तम्बू में राम प्रभु का लेने पर .... हम भाजपाई कहलाते है 90 करोड़ हिंदू के मन में... राम मंदिर की... Hindi · कविता 360 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read आशा न टूटे ऐसी आशा न टूटे ऐसी....... बाते न रूठे ऐसी हम तुम बात न करते अब.... आलीशान महल में बैठे है हम न हो सके तेरे.... न तू हो सकी मेरी ऐसी... Hindi · कविता 256 Share नितीश कुमार सिंह 16 Nov 2018 · 1 min read राम मंदिर वहीं बनाएंगे राम सा न कोई जग में.... वो पुरुषोतम कहलाते थे आज उन्हें अपने ही घर में... तम्बू में रहना पड़ता है उनसा मर्यादा पुरोषतम्... न पृथ्वी पर फिर आया है... Hindi · कविता 1 245 Share नितीश कुमार सिंह 15 Nov 2018 · 1 min read मां तू भगवान की मूरत है मां तू भगवान की मूरत है तू मेरे लिए सबसे खूबसूरत है जब तुजसे दूर जाता हूं मैं तू बैठ कर इन्तज़ार करती... तू राह ऐसे निहारती गाय से बछड़ा... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 10 49 830 Share