नितिन पंडित 11 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नितिन पंडित 10 Oct 2019 · 1 min read प्रकृति बचाओ प्रकृति से कब पत्थर भगवान हो गये , पेड पौधे पूजने वाले मूर्ख और पत्थर पीर पूजने वाले महान हो गये । प्रकृति की चिंता सबको है और सभी प्रकृति... Hindi · कविता 5 8 315 Share नितिन पंडित 10 Oct 2019 · 1 min read मेरा उत्तराखण्ड मेरी रचना " मेरा उत्तराखण्ड " से कुछ पंक्तियां --- ये मेरा उत्तराखण्ड है देवभूमि उत्तराखण्ड है गंगा का उद्गम है त्रिवेणी संगम है देवो का वास है ऋषिमुनियों का... Hindi · कविता 3 2 467 Share नितिन पंडित 12 Oct 2019 · 1 min read सूर्य देव को नमन प्रभात की सुनहरी किरण मेरे दुखों का हरण कोयलों की चहचाहट तेरे (प्रभु) आने की आहट सूर्य देव का आगमन प्रभु को मेरा नमन मेरा नमन ?? Hindi · कविता 3 4 377 Share नितिन पंडित 1 Nov 2019 · 1 min read हर चेहरे पर नकाब है *आज के इस मतलबी युग में लोगों के चेहरें पर एक नकाब रहता है जो हर बार बदलता रहता है* हर चेहरे पर नकाब है, रिश्तों में मतलब बेहिसाब है।... Hindi · कविता 3 2k Share नितिन पंडित 3 Nov 2019 · 1 min read नन्हा बचपन नन्ही सी दुनिया से निकलकर अपनी बडी सी दुनिया बनाऊंगा, जो देखे माँ की कोख में वो ख्वाब बडे यहां सजाऊंगा । अंगुली पकडकर सीखा है चलना अब सफर तय... Hindi · कविता 2 2 329 Share नितिन पंडित 28 Nov 2019 · 1 min read शांत हुँ मैं अकेला नही एकांत हुँ विकट परिस्थिति में भी शांत हुँ मत छेडो तुम सोते हुए शेर को देर नही लगती गिरने मे रेत के ढेर को मेरी आग से तु... Hindi · कविता 2 1 513 Share नितिन पंडित 21 Aug 2020 · 1 min read अनकहा दर्द मिरे कमरे में दरवाजा नही लगता तुझे मेरा ये गम ज्यादा नही लगता रहोगे तुम हमेशा साथ मेरे ही मुझे पक्का तिरा वादा नही लगता सँवरती हो खिडकी पर आकर... Hindi · ग़ज़ल/गीतिका 2 2 311 Share नितिन पंडित 22 Oct 2019 · 1 min read अब मेरे काल का आगमन हो रहा है *अब मेरे काल का आगमन हो रहा है* जीवन रूपी सूर्य अस्त हो रहा दिव्य रूपी चन्द्र बादलों में पस्त हो रहा प्रभु को मेरा नमन हो रहा है अब... Hindi · कविता 1 203 Share नितिन पंडित 1 Dec 2019 · 1 min read आज का दर्द जन्म जिससे तु पाता है फिर क्यु उसे तडपाता है भगवान भी करे जिसकी पूजा उस स्त्री जैसा नही कोई दूजा ये मत सोच तु किस्मत का धनी है तेरी... Hindi · कविता 1 260 Share नितिन पंडित 19 Dec 2019 · 1 min read जरा अपने अन्दर देखो अब ये कैसा अजीब सा शोर है सन्नाटे के बीच हिंसा घनघोर है , कैसे करे कोई एक दूजे पर यकीन जब खुद के अन्दर बैठा एक चोर है ।... Hindi · कविता 1 487 Share नितिन पंडित 14 May 2023 · 1 min read ग़ज़ल बात पे मेरी तु तो हँसता बहुत है सच कहूं तो यार तू अच्छा बहुत है देख कर मुझे गिरा दे ख़म-ए-अबरू उफ्फ, मेरे यार का नख़रा बहुत है दरिया... Poetry Writing Challenge · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · शेर 108 Share