Nitesh Shah Tag: ग़ज़ल 14 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read उम्र घटने लगी उम्र घटने लगी, साँस थामने लगी, है बची ज़िंदगी आखिरी ........ देव जाने नहीं, शास्त्र जाने नहीं, नहीं जानी गुरु की है, महिमा कभी, अब क्या होगा प्रभो, अब क्या... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, सोचा एक अफ़साना लिख दूँ, ज़िन्दगी का फ़साना लिख दूँ, अवसर एक सुहाना लिख दूँ, खुशी का परवाना लिख दूँ ।। गुज़रा हुआ ज़माना लिख दूँ, रूठना और मनाना लिख... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read पिता पिता समान न जग में कोई, पिता सभी की जान है, पिता नहीं तो कुछ भी नहीं है, पिता है तो जहान है।। पिता से ही दिन, पिता से ही... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 55 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read होली आई, होली आई, होली आई, होली आई, रंगों की सौगात है लाई।। ठंडक की हो गई विदाई, ग्रीष्म ऋतु की प्रभा है छाई। गुजिया और मिठाइयाँ खाई, मानवता की लौ है जलाई। होली... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 42 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read बच्चे देश की शान हैं बच्चे देश की शान हैं, हमें उनपर अभिमान हैं, बच्चे मन के सच्चे हैं, सबकी आँखों के तारे हैं, बच्चे सबको भाते हैं, सबके मन को लुभाते हैं, देख-देख बच्चों... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · दोहा 59 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जले जब सारी धरती आन मिले, जब मानवता का स्नेह जगे, जब हर मानव बंधु-सा लगे, तब मन ही मन में दीप जले।। जब भाई-भाई के गले लगे, जब न रहीम... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 31 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सूरज क्यों चमकता है? कविता-डॉ.नितेश शाह सूरज क्यों चमकता है? आग-सा क्यों दहकता है? चाँद क्यों दर-दर भटकता है? बादल क्यों बरसता है? क्यों बहती जलधारा है? क्यों दरिया इतना खारा है? क्यों नदियाँ... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 79 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read आँखें कुछ कहती हैं? आखें कुछ कहती हैं? सच को सच और झूठ को झूठ पढ़ लेती हैं, आखें कुछ कहती हैं? बंद आँखों से अपनेपन की बात वह समझती हैं आखें कुछ कहती... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका 68 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read कविता-निज दर्शन जल चन्दन अक्षत पुष्प को ले, अक्षय पद को पा न सके है, दीप, धुप, फल अर्घ्य भी ले, अनर्घ्य महल में जा न सके है, लाख बार नरभव को... Hindi · कविता · कहानी · ग़ज़ल 40 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read एक ज़माना ... एक ज़माना ... एक ज़माना था जब चिट्ठी-पत्री आती थी, तब पिय के मन की बात समझ में आती थी।। एक ज़माना था जब टेलीफोन पर गुफ्तगु होती थी, तब... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · कहानी · ग़ज़ल 32 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read दीप जलाएँ आओ मिलकर दीप जलाएँ, करुणा,दया, प्रेम दीपक में, स्नेहों का तेल चढ़ाएं... आओ मिलकर दीप जलाएँ ll भेदभाव की ना हो आँधी, राग-द्वेष की ना हो व्याधि, समता की सरिता... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 39 Share Nitesh Shah 13 May 2024 · 1 min read सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा, अलगाव की घटाएं हमको नहीं डिगांए, भाषा अनेक रंग भी हम एक हो मर जाएँ, पर मरते मरते... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल 71 Share Nitesh Shah 12 May 2024 · 1 min read माँ माँ की क्या मैं बात कहूँ, क्या उनसे फ़रियाद करूँ, इस जग में उसके जैसी, किसकी मैं पहचान करूँ, माँ के आगे नतमस्तक हो, जीवन यह साकार करूँ, तन, मन... Poetry Writing Challenge-3 · कविता · ग़ज़ल · दोहा · बाल कविता · मुक्तक 1 76 Share Nitesh Shah 3 May 2024 · 1 min read एक ज़माना था ..... एक ज़माना था जब चिट्ठी-पत्री आती थी, तब पिय के मन की बात समझ में आती थी।। एक ज़माना था जब टेलीफोन पर गुफ़्तगू होती थी, तब बात-बात में दिल... Hindi · कविता · ग़ज़ल · दोहा · बाल कविता 100 Share