Nitesh Kumar Srivastava 4 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nitesh Kumar Srivastava 21 Jan 2024 · 1 min read आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग... आईने में देखकर खुद पर इतराते हैं लोग... आईने में देखकर खुद से शर्माते हैं लोग... आईने में देखकर खुद पर गुस्सा जताते हैं लोग... जाने क्यों अपने ही अक्स... Quote Writer 1 308 Share Nitesh Kumar Srivastava 21 Oct 2023 · 1 min read बचपन, "बूढ़ा " हो गया था, बचपन, "बूढ़ा " हो गया था, जवानी का "बुढ़ापा" आने को है। "बुढ़ापा" जन्म लेने को तैयार बैठा है। इस बात की कशमकस में दिल जाने क्यों है। Quote Writer 1 509 Share Nitesh Kumar Srivastava 26 Mar 2023 · 1 min read Arj Kiya Hai... Arj Kiya Hai... बुढ़ापा 👴👴परवान चढ़ रहा है.. जवानी 👨🦳👨🦳ढलने को है इश्क़ फरमान कर रहा है अब कोई बूढी 👵👵नयन मिलाये Quote Writer 1 1 470 Share Nitesh Kumar Srivastava 16 Jul 2022 · 1 min read ह्रदय की व्यथा कुछ दिन हो चले हैं, कुछ बातैं हो रही हैं। कहीं साजिशें हो रही है , कहीं मुलाकातें हो रही है। कोई गुम है अपनी मस्ती में , कोई सलाहें... Hindi · कविता · ग़ज़ल · ग़ज़ल/गीतिका · गीत · संस्मरण 3 1 605 Share