NAVNEET SINGH 54 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Previous Page 2 NAVNEET SINGH 10 Jun 2023 · 1 min read अरपा के तट पर देखा जब पहली बार चले गये थे, शरमाकर क्योंकि सुमार था तुम्हारी आदतों में बुरा नहीं लगा था, मुझे इसीलिये आता हूँ बार-बार पास तेरे, तुझे निहारने की खातिर। अब... Poetry Writing Challenge 80 Share NAVNEET SINGH 17 Nov 2018 · 1 min read हुनर गुणवत्ता के इस युग में स्वयं को कुसमायोजित होता देख उसने चरण-वन्दना के अति-प्राचीन कौशल का प्रयोग कर सारे फिज़ूल कार्य करने के अपने समस्त इच्छाओं की पूर्ति कर ली। Hindi · कविता 1 476 Share NAVNEET SINGH 15 Nov 2018 · 1 min read जद्दोजहद तलाश खत्म हो गयी स्थान की रिक्तता ने स्थान से गठबंधन कर नई परिपाटी बना आक्रमण कर दिया है हशिये पर 'हाशिये का आस्तित्व अब खतरें में!!!' सुर्खिया आज हैं... Hindi · कविता 2 4 626 Share NAVNEET SINGH 14 Nov 2018 · 1 min read मेरी मां आज हम आ गए हैं कितना दूर हर पल तुम्हारी याद आती है तुम्हारी याद के सहारे मैं यहां हूं तुम्हारी कसम ने रोक रखे हैं मेरे पांव नहीं तो... "माँ" - काव्य प्रतियोगिता · कविता 13 42 1k Share Previous Page 2