Naval Pal Parbhakar Language: Hindi 53 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Naval Pal Parbhakar 21 Jun 2017 · 1 min read पंख लग जाते पंख लग जाते फूलों ने रंग धार लिया मन में उमंग है मेरे, पास मैं तेरे आ जाती पंख लग जाते जो मुझे। पवन सर-सर-सर बहे पानी कल-कल करता चले... Hindi · कविता 1 229 Share Naval Pal Parbhakar 29 May 2017 · 1 min read ऐसा जीवन ऐसा जीवन फूलों की भांति खिलता हुआ समीर की भांति बहता हुआ। पानी की भांति प्रवाहपूर्ण प्रभू ऐसा जीवन हो मेरा । चट्टान की भांति मजबूत छाती दीपक जैसी,आंखों की... Hindi · कविता 1 220 Share Naval Pal Parbhakar 16 May 2017 · 1 min read तेरी आंखे तेरी आंखें तेरी आंखों की क्या तारीफ करूं । ये हैं गहरी झील सनम सोचता हूं इनमें डूब मरूं तेरी आंखों की गहराई का शायद कोई अन्त नही नीली-नीली इन... Hindi · कविता 623 Share Naval Pal Parbhakar 9 May 2017 · 1 min read पंख लग जाते पंख लग जाते फूलों ने रंग धार लिया मन में उमंग है मेरे पास मैं तेरे आ जाती पंख लग जाते जो मुझे। पवन सर-सर-सर बहे पानी कल-कल करता चले... Hindi · कविता 219 Share Naval Pal Parbhakar 5 May 2017 · 1 min read जुगनूओं की रजाई जुगनूओं की रजाई घर खुली जगह छत, पूरा आसमान सोने को हरी-भरी दूब ओढने को रजाई चमकते जुगनूओं की। फटी रजाई में कहीं-कहीं झांकते स्वच्छ श्वेत चांदी से सूखे मेघ... Hindi · कविता 424 Share Naval Pal Parbhakar 4 May 2017 · 1 min read काले बादल काले बादल आज फिर से मेघ काले नाग से घिर-घिर हैं आने लगे। कभी मुग्ध, कभी दग्ध कभी भयावह, तो कभी नम्र कभी देते आँखों को सुख कभी तन को... Hindi · कविता 429 Share Naval Pal Parbhakar 2 May 2017 · 1 min read गर्मी गर्मी तन ये सारा फूंक दिया मन मेरा झकझोर दिया गिराकर ऐसे सीधी गर्मी सबकुछ तुने झुलसा दिया । खिलने वाला प्रसून बाग में अधखिला सा रहने लगा मीठा बोलने... Hindi · कविता 254 Share Naval Pal Parbhakar 1 May 2017 · 1 min read बकवास कल्पना बकवास कल्पना दूर कहीं दूर गर्मी की दोपहर में किसी निर्जन जंगल में सन्नाटे की गोद में बैठा हुआ मेरा मन कोरी कल्पना में डूबा। वनचर जीवों के साथ उनके... Hindi · कविता 298 Share Naval Pal Parbhakar 27 Apr 2017 · 1 min read गीत गाया पत्थरों ने गीत गाया पत्थरों ने मैं जब चला यहाँ से मिला धोखा ही धोखा जहां से मगर जब पहुंचा उपवन में न था वहां पर कोई दुख संताप चारों तरफ थे... Hindi · कविता 255 Share Naval Pal Parbhakar 24 Apr 2017 · 1 min read एक बस तुम ही एक बस तुम ही मेरी बैषाखियां बन कर मुझे सहारा देने वाली मेरे पथ के कांटो को पलकों से चुनने वाली एक बस तुम ही तो थी। बनकर रक्षक मुसीबतों... Hindi · कविता 216 Share Naval Pal Parbhakar 20 Apr 2017 · 1 min read पानी पानी हाँ मैं मानता हूँ देखने में मेरी हस्ती क्या है कुछ भी नही आग पर गिरूं जलकर भाप बन उडूं धरा पर गिरूं हर प्यासा रोम अपने अंदर मुझे... Hindi · कविता 277 Share Naval Pal Parbhakar 18 Apr 2017 · 1 min read राधा झूले राधा झूले अहो ग्वाल भईया कहियो बरसाणा बाबुल से जाय। भेजो दाऊ भईया लेने मुझको आय। सावण रूत , झर लाग्यो झर-झर बूंदिया गिरत बगिया में झूला परत। मोरो मन... Hindi · कविता 437 Share Naval Pal Parbhakar 17 Apr 2017 · 1 min read मेरा जीवन मेरा जीवन खेत की पगडंडियों पर उगी हुई हरी घास पर पड़ी हुई ओंस की बूंदे ज्यों------- ? बनती और सिमट जाती है हे प्रभू दया करो मुझ पर ऐसा... Hindi · कविता 283 Share Naval Pal Parbhakar 16 Apr 2017 · 1 min read गरीब की आंखें गरीब की आँखें मलिन सा चेहरा गिरती उठती हौले-हौले तन पर फटे हुए कपड़े जरूर ये आँखें किसी गरीब की हैं । गरीबी की अकड़ ने तोड़ कर रख दिये... Hindi · कविता 465 Share Naval Pal Parbhakar 11 Apr 2017 · 1 min read बारिश बारिश उदक फुदक-फुदक कर , छन-छन-छनकता हुआ, मेघों के पारभाषी आंचल से टपक-टपक-टपक रहा । तरूवर चुप खड़े निढाल से फुनगियों को अंदर मुंदे हुए मोती सा धरती पर गिरता... Hindi · कविता 454 Share Naval Pal Parbhakar 8 Apr 2017 · 1 min read बीती बातें बीती बातें आज जब मैं अपने पुराने दिनों की यादें ताजा करने को स्कूल की चाहरदीवारी के अन्दर जब दाखिल हुआ तो दंग मैं रह गया यकायक ........आंखें चूंध गई... Hindi · कविता 278 Share Naval Pal Parbhakar 7 Apr 2017 · 1 min read देश का भविष्य देश का भविष्य एक युवा अधेड उम्र शख्श अपनी पत्नी बच्चों सहित सडक़ पर था घुम रहा दशा उसकी थी दयनीय उस शख्श का यह हुलिया उसका भेद था बता... Hindi · कविता 354 Share Naval Pal Parbhakar 3 Apr 2017 · 2 min read नौ कन्या नौ कन्या आज सुबह ही बीवी ने मेरी मुझे धंधेड़ा और उठाया । आंखें मलते मैं उठ बैठा क्या है भाग्यवान , क्यों शोर मचाया क्या कहीं आंधी है आई... Hindi · कविता 211 Share Naval Pal Parbhakar 27 Mar 2017 · 1 min read हवा की आवाज *हवा की आवाज* पंखे की तेज हवा से सुबह के सुनसान मंजर में खुली पुस्तक का कोई पृष्ठ कभी-कभार चुप्पी को तोड़ता हुआ बेतहासा जोर लगाकर यह चुप्पी आखिरी क्षण... Hindi · कविता 667 Share Naval Pal Parbhakar 20 Mar 2017 · 18 min read बीती बातें बीती बातें बहुत दिनों के बाद आज गांव की याद आने लगी हैं। काम की व्यस्तता के कारण मैंने पन्द्रह साल शहर में गुजार दिए। शहर में सारी मूलभूत सुविधाऐं... Hindi · कहानी 1k Share Naval Pal Parbhakar 17 Mar 2017 · 1 min read रास्ते का पेड़ रास्ते का पेड़ अनगिनत मुसाफिर आए इस रास्ते से मैं उन्हें निहारता रहता दूर से उनके पैरों की धूल आसमां को छूती हुई-सी प्रतीत होती ... वे मेरी छांव में... Hindi · कविता 373 Share Naval Pal Parbhakar 16 Mar 2017 · 1 min read सजी धरा सजी धरा आज धरा सजी संवरी सी मिलने चली प्रियतम से छिडक़ तन पे सुगन्धित इत्र आँखों में सलोने ले सपने । पोत सफेद मिट्टी से कपोल हरे रंग का... Hindi · कविता 308 Share Naval Pal Parbhakar 7 Mar 2017 · 18 min read बीती बातें बीती बातें बहुत दिनों के बाद आज गांव की याद आने लगी हैं। काम की व्यस्तता के कारण मैंने पन्द्रह साल शहर में गुजार दिए। शहर में सारी मूलभूत सुविधाऐं... Hindi · कहानी 700 Share Naval Pal Parbhakar 6 Mar 2017 · 5 min read शादी शादी आजकल शिक्षा इतनी महत्वपूर्ण हो गई है कि उसके बिना तो लड़की वाला यह कहकर टाल देता है कि हां भाई देखेंगे घर पर पूछकर फिर आप को बता... Hindi · कहानी 397 Share Naval Pal Parbhakar 3 Mar 2017 · 1 min read नींद कोसों दूर नींद कोसों दूर आज मैं, अपने घर के उसी पुराने चौक में खाट के ऊपर, सीधा लेट देख रहा आसमान को उसकी लीली भंगिमा को उसकी विषाल गहराई को अचानक....... Hindi · कविता 471 Share Naval Pal Parbhakar 2 Mar 2017 · 1 min read धूप धूप बहुत दिनों के बाद आज फिर सजधज कर सुन्दर बाला, बैठ गई है हरी दूब पर खिला-खिला-सा रूप निराला। इसके यौवन की सुरभि फैली है दशों दिशाओं में, हठखेलियां... Hindi · कविता 241 Share Naval Pal Parbhakar 1 Mar 2017 · 3 min read स्त्री स्त्री महिला सशक्तिकरण, अबला नारी, नारी शक्ति पहचानो । कुछ अजीब सा लगता है मुझे ये सब । आज की नारी और पहले की नारी, क्या इसने अपनी शक्ति को... Hindi · कहानी 478 Share Naval Pal Parbhakar 27 Feb 2017 · 6 min read क्षणभंगुर शादी की खुशी क्षणभंगुर शादी की खुशी एक दिन मैं दौड़ता हुआ, न जाने कहाँ-कहाँ भटकता हुआ पहँुचा अपने ही गाँव के नजदीक पम्पहाऊस पर, वहाँ पर एक बड़ी नहर के पानी से... Hindi · कहानी 767 Share Naval Pal Parbhakar 23 Feb 2017 · 1 min read प्रकृति प्रकृति प्रकृति ने देखो हमें दिया है अनोखा उपहार, हर जगह हरियाली है प्रकृति से मुझे है प्यार । कितने अमूल्य रत्न समेटे है अपने अन्दर इसकी अनोखी औषधियां कर... Hindi · कविता 559 Share Naval Pal Parbhakar 22 Feb 2017 · 7 min read दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और कह रही... Hindi · कहानी 438 Share Naval Pal Parbhakar 20 Feb 2017 · 1 min read गरीब बेरोजगार गरीब बेरोजगार मेरे घर में तीन आंखें तीनों निस्तेज, भावना रहित आशा बदली निराशा में तीनों चुपचाप टकटकी लगाए इंतजार में हैं शायद किसी के मां की आंखें छितरी, मिट्टी... Hindi · कविता 239 Share Naval Pal Parbhakar 17 Feb 2017 · 10 min read मौत खरीदता युवक मौत खरीदता युवक एक बार मैं एक ट्रेन से कहीं बाहर से आ रहा था । अचानक एक 15-16 साल का लड़का मेरे पास हांफता हुआ आया और मेरे पास... Hindi · कहानी 279 Share Naval Pal Parbhakar 17 Feb 2017 · 2 min read नौ कन्या नौ कन्या आज सुबह ही बीवी ने मेरी मुझे धंधेड़ा और उठाया । आंखें मलते मैं उठ बैठा क्या है भाग्यवान , क्यों शोर मचाया क्या कहीं आंधी है आई... Hindi · कविता 402 Share Naval Pal Parbhakar 16 Feb 2017 · 1 min read विनाश और रचना विनाश और रचना ब्रह्माण्ड में पृथ्वी से कण कितने हर कण में टूट-फूट बनता-बिगड़ता हर कण पर करोड़ों जीव जीवन यापन कर इसके साथ ही लोप हो जाते मिल जाते... Hindi · कविता 329 Share Naval Pal Parbhakar 12 Feb 2017 · 1 min read मेरे गीत मेरे गीत मेरे गीत तुम्हारे पास स्वर मांगने आयेंगे । कंठ पर तुम्हारे ये गीत खेलेंगे और लहरायेंगे। माना मेरे गीतों में सुर है ना ताल है, तभी तो मेरे... Hindi · कविता 294 Share Naval Pal Parbhakar 11 Feb 2017 · 1 min read धरती धरती मैंने उसको जब भी देखा, खिलते देखा उजड़ते देखा बहकते देखा महकते देखा हंसते देखा रोते देखा स्वर्ण सुरभि छेड़ते देखा पर इसको जब............. कुपित देखा शक्ति रूप बदलते... Hindi · कविता 545 Share Naval Pal Parbhakar 10 Feb 2017 · 1 min read हिन्दी साहित्य हिन्दी साहित्य साहित्य के अथाह सागर में डुबकी लगाना चाहता हूं, डुबे हुए बहुमूल्य शब्द चुन हिन्दी को बचाना चाहता हूं । आज जरूरत है मेहनत की जो बना दे... Hindi · कविता 720 Share Naval Pal Parbhakar 9 Feb 2017 · 9 min read वतन की ओर वापसी वतन की ओर वापसी एक अधेड़ उम्र, सफेद बाल, कमर से झुकी, बार-बार खांसती, अपने चौदह-पन्द्रह साल के पुत्र के साथ अमृतसर रेलवे स्टेशन पर उतरी । उतरते ही उसने... Hindi · कहानी 478 Share Naval Pal Parbhakar 8 Feb 2017 · 10 min read मौत खरीदता युवक मौत खरीदता युवक एक बार मैं एक ट्रेन से कहीं बाहर से आ रहा था । अचानक एक 15-16 साल का लड़का मेरे पास हांफता हुआ आया और मेरे पास... Hindi · कहानी 1 304 Share Naval Pal Parbhakar 8 Feb 2017 · 7 min read विज्ञान तेरी जय विज्ञान तेरी जय मैं और मेरे दोस्त सभी लोग एक बगीचे में घुमने गए वहाँ पर खूब मौज-मस्ती की, चारों तरफ हरियाली ही हरियाली । पेड़ फ लों से लदे... Hindi · कहानी 397 Share Naval Pal Parbhakar 7 Feb 2017 · 15 min read जंगल में महासभा जंगल में महासभा आज जंगल में एक महासभा होने वाली है । जंगल के सभी जीव-जन्तु जंगल के सबसे ऊंचे टीले की तरफ भागे जा रहे हैं । इन जीवों... Hindi · कहानी 408 Share Naval Pal Parbhakar 6 Feb 2017 · 7 min read दूसरा जन्म दूसरा जन्म अधेड़ उम्र की औरत गांव से बाहर काफी दूर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर चिल्ला-चिल्ला कर अपने आपको कोसती हुई रो रही थी, और... Hindi · कहानी 457 Share Naval Pal Parbhakar 5 Feb 2017 · 4 min read मांग मांग कॉलेज के पिछे वाले ग्राऊंड में बहुत सारे पेड़ों के बीच एक लंबे-चौड़े छाया वाले पेड़ के नीचे सुमन किसी का इंतजार करते हुए बार-बार अपनी कलाई पर बंधी... Hindi · कहानी 484 Share Naval Pal Parbhakar 4 Feb 2017 · 2 min read चूहे से सीख चूहे से सीख बहुत पुरानी बात है । एक घर में शादी थी । उस घर की चार औरतें खेतों में शाम को शौचादि के लिए जा रही थी ।... Hindi · लघु कथा 254 Share Naval Pal Parbhakar 4 Feb 2017 · 1 min read देश का भविष्य देश का भविष्य एक युवा अधेड उम्र शख्श अपनी पत्नी बच्चों सहित सडक़ पर था घुम रहा दशा उसकी थी दयनीय उस शख्श का यह हुलिया उसका भेद था बता... Hindi · कविता 266 Share Naval Pal Parbhakar 2 Feb 2017 · 1 min read तेरी जय हो तेरी जय हो हे अन्नदात्री, हे सुखदात्री हे जन्मभूमि, हे कर्मभूमि तेरी जय हो, तेरी जय हो। भाग्य को बनाने वाली हृदय दीप जलाने वाली निःसहाय को पालने वाली प्रिये... Hindi · कविता 426 Share Naval Pal Parbhakar 1 Feb 2017 · 1 min read बसंत जी बसंत जी। पैराें में मखमली जूतियां सिर पर पगड़ी फूलों की हरियाली रूपी ओढ़ काम्बली आ गए महंत बसंतबया बयार चले ठंडी होकर तन में कंपकंपी बंध जाती करती मंत्रमुग्ध... Hindi · कविता 390 Share Naval Pal Parbhakar 31 Jan 2017 · 1 min read बेटी गरीब की बेटी एक गरीब की लक्ष्मी बेटी उसे ओर कंगाल बना जाती है। जब अपनी शादी करके वह अपनी ससुराल को जाती है। बच्ची पैदा होने पर ही लग... Hindi · कविता 367 Share Naval Pal Parbhakar 31 Jan 2017 · 1 min read हमारा जीवन हमारा जीवन ओंस की कुछ बूंदे ज्यों मोती बन चमकने लगती हैं, घास की चंद शिखाओं पर वैसे ही बने ये जीवन हमारा। जिसका काल है क्षण-भंगूर ज्यों ओंस का... Hindi · कविता 205 Share Naval Pal Parbhakar 30 Jan 2017 · 4 min read बदलाव बदलाव वह औरत जिसका नाम कमला था । आज तो मुझे किसी भी किमत पर नही छोड़ने वाली थी । क्योंकि सुबह से ही हर किसी इंसान से या गली... Hindi · कहानी 387 Share Page 1 Next