नवल पाल प्रभाकर दिनकर Language: Hindi 8 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid नवल पाल प्रभाकर दिनकर 5 Dec 2017 · 1 min read लाचार औरत लाचार औरत फटे हुए कपड़ों हालत उसकी खस्ता शायद वह औरत जो थी भाग्य की मारी शायद वह औरत बेचारी बहुत ही गरीब थी पति तो उसका शायद बहुत पहले... Hindi · कविता 610 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 5 Dec 2017 · 9 min read मांग मांग कॉलेज के पिछे वाले ग्राऊंड में बहुत सारे पेड़ों के बीच एक लंबे-चौड़े छाया वाले पेड़ के नीचे सुमन किसी का इंतजार करते हुए बार-बार अपनी कलाई पर बंधी... Hindi · कहानी 470 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 5 Dec 2017 · 8 min read बदलाव बदलाव वह औरत जिसका नाम कमला था । आज तो मुझे किसी भी किमत पर नही छोड़ने वाली थी । क्योंकि सुबह से ही हर किसी इंसान से या गली... Hindi · कहानी 460 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 5 Dec 2017 · 1 min read तुम्हारा शौंदर्य तुम्हारा शौंदर्य तेरी आँखें तेरा चेहरा उतर गया सीने अंदर तोड कर सारा पहरा चेहरे पर मद भरी नशीली आँखें नुकीली नाक लाल कमल पंखुरी से होंठ शरारती हवा बार-बार... Hindi · कविता 237 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 1 Mar 2018 · 1 min read आत्मा ओर परमात्मा आत्मा ओर परमात्मा आज जब मैं भरी पूरी जवान होकर आई हूँ सजधज प्रिये तुम्हारे सामने तुमने नजरें झुकाली क्यों ? क्या अब वह टकटकी मुझपर नही है सधी। अब... Hindi · कविता 227 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 1 Mar 2018 · 1 min read मैं मैं मानता हूँ मैं कि सांवला जरूर हूँ। मगर मन का मैं बिल्कुल शीशा हूँ । बेदाग ओर स्वच्छ तुरत का बना हुआ साफ पानी से धुला मेरा कोमल ह्रदय... Hindi · कविता 235 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 1 Mar 2018 · 1 min read तुम्हारा शौंदर्य तुम्हारा शौंदर्य तेरी आँखें तेरा चेहरा उतर गया सीने अंदर तोड कर सारा पहरा चेहरे पर मद भरी नशीली आँखें नुकीली नाक लाल कमल पंखुरी से होंठ शरारती हवा बार-बार... Hindi · कविता 222 Share नवल पाल प्रभाकर दिनकर 1 Mar 2018 · 1 min read गरीब बुढिया गरीब बुढिया फटे हाल कपडे हाथ में टूटी-सी छडी वह गरीब बुढिया जब भीख मांगने को चली तब ललचाई आंखों ने उसे देखकर भीख देना तो दूर उसकी तरफ एक... Hindi · कविता 195 Share