के. के. राजीव 15 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid के. के. राजीव 17 Jul 2024 · 2 min read रजस्वला जिन रज कणों से मानव देह का निर्माण प्रक्रिया प्रारंभ होकर सृष्टि की सार्थकता को परिभाषित करती है, वही रक्त कण स्वयं में अपवित्र कैसे हो सकता है? "रजस्वला" होना... Hindi 72 Share के. के. राजीव 3 Jul 2024 · 2 min read फेसबुक वाला प्यार शरारती हवा और तेज हो रही बारिश के बूँदों की थाप रात के सन्नाटे में तेजी से फैल रहा था और मैं अपने बालकनी में बैठे अकेलेपन से गुप्तगुह कर... Hindi · कहानी 60 Share के. के. राजीव 20 Feb 2019 · 3 min read शायर कोई और... शायर कोई और! (एक अनुभूति) वह तभी आती है, जब मैं पूरी तरह नींद के आगोश में बेखौफ होकर इस दुनिया से बेख़बर ख्वाबों के दुनिया में निरंकुश विचरण करता... Hindi · कहानी 617 Share के. के. राजीव 20 Feb 2019 · 1 min read मेरी आंखों में... मेरी आंखों में, एक अधूरा सा ख्वाब है। हर वक्त अब जेहन में, तुम्हारा ही ख्याल है। जीवन में विरानगी का मंजर था हर तरफ, तेरे आगमन से मौसम में... Hindi · कविता 369 Share के. के. राजीव 20 Feb 2019 · 1 min read उन्मुक्त हो, स्वच्छंद हो... उन्मुक्त हो, स्वच्छंद हो मेरे 'प्रेम' की अनुबंध तू। हो मेरी अनुरागीनि, मेरी कविताओं का छंद तू। प्यार की "पुष्पांजलि" हो मेरे हार की है 'द्वंद' तू। पतझर की हरियालीयाँ,... Hindi · कविता 355 Share के. के. राजीव 20 Feb 2019 · 1 min read तुमको शक़ है मेरे अस्तित्व पर... तुमको शक़ है मेरे अस्तित्व पर, मेरे वर्तमान पर मेरे भविष्य पर, शंसय को यथार्थ मिल जायेंगा हर संभव था तेरे आशिष पर।।। जो दहलीज पर पड़ा है बेशक ठुकरा... Hindi · कविता 284 Share के. के. राजीव 18 Oct 2018 · 1 min read मेरी अभिव्यक्ति... "प्रेम" चित्त की एक दशा है, जो संसार के समस्त प्राणियों के लिए आपके कोमल भावनाओं द्वारा प्रदर्शित होता है! प्रेम का अर्थ है किसी के लिए आपके अंदर की... Hindi · लेख 1 720 Share के. के. राजीव 18 Oct 2018 · 1 min read कशिश तेरी आँखों की... कशिश तेरी आँखों की, इश्क़ में नुमाइंदगी कहता है... जुबान खामोश है मगर मोहब्बत में बंदगी कहता है... तूं न दर्द, न हमदर्द, न हमसफर हो मेरी राहों का, मगर...... Hindi · मुक्तक 341 Share के. के. राजीव 18 Oct 2018 · 1 min read और मैं हूँ... रास्ते ओझल सी है आंखों से अब तो, पांव तले कुछ पग जमीं है और मैं हूं। ख्वाबों में ख्वाब देखता रहा कल तलक, आज मेरी आंखो में नमी है... Hindi · मुक्तक 363 Share के. के. राजीव 10 Oct 2018 · 1 min read पत्ते बिखर-बिखर सी गई पत्ते बिखर-बिखर सी गई टूट-टूट कर डाली से, अनबन हो गई हो जैसे बसंत को हरियाली से।।। अंग-अंग अब टूट रही है झुम रही पूर्वाइ से, कुम्हला गई है यौवन... Hindi · कविता 282 Share के. के. राजीव 10 Oct 2018 · 1 min read मेरे जिस्म-ओ-जान पर... मेरे जिस्म-ओ-जान पर, इख़्तियार सा है उसका । वो कहती है मुझसे मोहब्बत नहीं है उसको, फिर भी गले लगाएगी इंतजार सा है उसका। जिस्म तन्हा है और रूह प्यासी... Hindi · कविता 293 Share के. के. राजीव 10 Oct 2018 · 1 min read मैं चराग हूँ डूब मरने की हसरत है मेरे दिल में , अब लहरों से मेरा वास्ता क्या? नफ़रत का नकाब है अब तेरे रुख पर, फिर हाथों मेें गुल क्या, गुलदस्ता क्या?... Hindi · कविता 249 Share के. के. राजीव 10 Oct 2018 · 1 min read बेताब ऑखो की ख्वाहिशें बेताब ऑखो की ख्वाहिशें अब मरने लगी है, रूह का तिनका टूट-टूट कर झरने लगी है। दर्द-ए-दिल की दास्तान जो दफ्न थी दिल मेें, खुश्क हवाओं की चोट से फिर... Hindi · कविता 273 Share के. के. राजीव 10 Oct 2018 · 1 min read जो लिख न सका जो लिख न सका, वो अधूरी कहानी कह रहा है। भवर में है दरिया, मौजों की रवानी कह रहा है। जाने किस तरह उतर आई वो मेरी गीतों, गजलों में...... Hindi · कविता 416 Share के. के. राजीव 4 Jul 2018 · 1 min read मृग मरीचिका नसीहतें इश्क में एक बार नही, बार-बार हमें मिलता रहा... मरीचिका के तरह छुप-छुप कर वो मुझसे दूर जाती रही... प्यासे मृगा के तरह भटकता-भटकता हुआ, मैं उसके करीब जाता... Hindi · कविता 424 Share