Nagendra Nath Mahto 25 posts Sort by: Latest Likes Views List Grid Nagendra Nath Mahto 2 Jul 2021 · 3 min read क्रुरवर काश! मैं भी इंसान होता तो ये जानवर,पशु-पक्षी,जलचर जैसे उपनाम मुझे नहीं मिलते।मैं भी मानव जाति के कोई सुन्दर नाम से सुशोभित हो रहा होता।मेरी भी जिन्दगी आम इंसानों जैसी... साहित्यपीडिया कहानी प्रतियोगिता · कहानी 2 4 328 Share Nagendra Nath Mahto 27 Jun 2021 · 1 min read #मैं क्यों रूकूँ राहों में जो चल पडा़ हूँ,अब मैं क्यों रूकूँ। कारवाँ तो अब ये मेरा बस यूँ ही बढ़ता जाऐगा। किसी के सामने भला मैं क्यों झुकूँ।। - एन.एन.महतो"अल्फ़ाज़ी" 27/June/2021 All... Hindi · शेर 324 Share Nagendra Nath Mahto 27 Jun 2021 · 1 min read #अब तो लिखना आ गया मुझे# अब तो लिखना आ गया मुझे। अब हर रात पर लिखेंगे, हर बात पर लिखेंगे।। अब कोई क्या रोकेगा मुझे? तुम्हारे साथ पर लिखेंगे, तुम्हारे हाथ पर लिखेंगे। हर ताब... Hindi · कविता 2 704 Share Nagendra Nath Mahto 26 Jun 2021 · 1 min read प्यार की खेती तेरा दिल मेरा ज़ागीर है,इसमेंं मैं प्यार की खेती करूँगा। Hindi · शेर 425 Share Nagendra Nath Mahto 26 Jun 2021 · 1 min read हर हाल में हर हाल में तुमको जीना है। ज़माने के दिए हर गम-ए-अश्क को पीना है। रहमत है तुमपे खुदा का,खुदाई के लिए ज़ख्मों को सीना है।। है ज़मीर तेरा बाखुदा शक्ल... Hindi · कविता 2 624 Share Nagendra Nath Mahto 26 Jun 2021 · 1 min read प्रकृति ये हवा और ये रोशनी जब-जब आती है, हमें अंधेरे से मुक्ति मिल जाती है। ये बादल और ये काली घटा जब-जब बरसती है, हमारी प्यास मिट जाती और हमें... Hindi · लेख 576 Share Nagendra Nath Mahto 22 Jun 2021 · 1 min read #किसान दादा भोर भई रे भईया, उठो रे किसान दादा। बेरा भईल लाल, समय चलत आपन चाल। लई दतुन-पानी, मुँँह कुरकुर्चा करो रे भईया। खाईके माड़-भात, बैलो को नारो भईया। खेतन को... Hindi · कविता 3 2 578 Share Nagendra Nath Mahto 19 Jun 2021 · 1 min read #N N MAHTO क्या गुलजार, क्य मजरूह? क्या बख्शी,क्या मीर? सब हैं अतुलनीय पर मैं भी आ रहा हूँ , आपके दिलों में दस्तक देने। लेकर कुछ अलग, कुछ ताजगी भरे, कुछ नवीन,कुछ... Hindi · कविता 402 Share Nagendra Nath Mahto 18 Jun 2021 · 1 min read #ये गाँव की गलियाँँ ये खेत और ये खलिहान, ये गांव की गलियां और ये पगडण्डीयाँ। ना चाहते हुए भी, मुझे बरबस ही याद आ जाया करती हैं। याद आए भी क्यूँ ना, इनसे... Hindi · कविता 544 Share Nagendra Nath Mahto 18 Jun 2021 · 1 min read #चुहूलबाजीयाँ# बचपन की उन चुहूलबाजीयों को याद करके, मन आज भी हंस-हंस के लोटपोट हो जाता है। वो चटकुले,वो दादा-दादी की कहानियां,वो शैतानीयाँ। वो गिल्लियां, वो डंडे, वो काँच की गोटियां... Hindi · लेख 3 2 601 Share Nagendra Nath Mahto 18 Jun 2021 · 1 min read #उम्मीदों का दामन एक और ख्वाब तेरा, टुट गया तो क्या हुआ ? उम्मीदों का दामन अभी थामे रख। यकीनन सटीक निकलेगा, इसबार तीर कमान से तेरे। अपने लक्ष्य की ओर निशाना साधे... Hindi · कविता 3 2 718 Share Nagendra Nath Mahto 17 Jun 2021 · 1 min read #तमन्ना है सरफरोशी की# तमन्ना है सरफरोशी की, शमाँ को दिल में जलने तो दो। बुझने न पाए लौ कभी, उस परवाने को मचलने तो दो।। रेशा-रेशा पिघलता है तो पिघलने दो, हर कतरे... Hindi · गीत 1 2 497 Share Nagendra Nath Mahto 17 Jun 2021 · 2 min read #कटी-पतंग कटी-पतंग थी। उडते-उडते गिरीं जमीन पे। शायद हवाएँ दबंग थींं।। कमजोर माँझा था या झोंकाएँ तेज थी। जहाँ पे अटक गई मैं वो पथरीली रेत थी। तेज धुप था और... Hindi · कविता 3 4 1k Share Nagendra Nath Mahto 17 Jun 2021 · 1 min read #राहीं मैं राहीं हूँ, इन राहों का बस चल रहा हूँ। मंजिलें मिलेगीं मुझे आशाओं की, इसलिए वक्त के साथ ढल रहा हूँ। मैं राहीं हूँ, इन राहों का,बस चल रहा... Hindi · कविता 1 4 504 Share Nagendra Nath Mahto 16 Jun 2021 · 1 min read #दर्पण दर्पण हूँ,झूठ बोलना जानू ना। खुद जाँचती,किसी का बोलना मानूँ ना। लोगों को आईना दिखाती,सजीव तस्वीरें चित्रित करती। राज़ को राज़ रखती,राज़ खोलना जानूँ ना। दर्पण हूँ, झूठ बोलना जानूँ... Hindi · कविता 1 2 537 Share Nagendra Nath Mahto 16 Jun 2021 · 3 min read #क्रुरवर# काश! मैं भी इंसान होता तो ये जानवर,पशु-पक्षी,जलचर जैसे उपनाम मुझे नहीं मिलते।मैं भी मानव जाति के कोई सुन्दर नाम से सुशोभित हो रहा होता।मेरी भी जिन्दगी आम इंसानों जैसी... Hindi · लेख 3 4 419 Share Nagendra Nath Mahto 16 Jun 2021 · 2 min read #रक्तरंजित# होके रक्तरंजित मैं पडी हूँ लथपथ निढाल। ना कोई रहा सुध लेने वाला मेरी, धरा पर इंसानियत का अब क्यूँ हो रहा अकाल।। देख मुझे अट्टाहास कर रहा गगन, त्रेता,सत्य,द्वापर... Hindi · कविता 1 2 389 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 1 min read #आहटें# ये कैसी है आहटेंं तेरी, अक्सर सोते हुए भी मुझे जागने सा एहसास करा जाती हैंं! यादोंं के जंगल मे शेरनी बने बैठे हो,ख्वाबो ख्यालोंं की बनी हो मल्लीका! आखोंं... Hindi · कविता 5 6 406 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 2 min read #औरत# मैं औरत हूँ। मैं स्त्री, मैं जननी। मैं पुरूष बल की पौरस हूँ। मै औरत हूँ।। करूँ श्रृंगार तो रूपवती मेनका हूँ। काजर डारूँ तो कजरारी माँ काली हूँ। साँवली-सलोनी... Hindi · कविता 4 8 863 Share Nagendra Nath Mahto 15 Jun 2021 · 2 min read #कलम# दिल की कलम,हाथों में लिए। सच्चाई की स्याही से, कोरे कागज पे नित् नए अल्फाज़ भरे। दूरदृष्टि रख, कर्म पादुका लिए,कभी मंद-मंद तो कभी तीव्र गति से चलता चले। सरपट... Hindi · कविता 1 394 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 1 min read #पूर्वा-बयार # देखो-रे-देखो, पूर्वा -बयार है आयो। संग लायो, काले मेघन के सायो।। उमड़-घुमड़ बदरा बरसन को आतूर, तनिक धीरज धरो। चिलचिलाती धूप कूँ ढ़ाँकत-ढ़ाँकत, तीखा निदाघ देखो काफूर कियो। शीतलता ही... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 16 640 Share Nagendra Nath Mahto 13 Jun 2021 · 2 min read #पानी# पानी रे पानी, क्या है तेरा स्वरूप?।। कभी वर्षारानी तो कभी जीवनदात्री माता कहलाये तो कभी भाग्यविधाता। श्रृष्टी मेंं सर्वश्रेष्ठ हो तुम ही एक जीवनदाता। गर्मियों की तपिश मेंं जब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 5 13 578 Share Nagendra Nath Mahto 11 Jun 2021 · 1 min read ।। ऐ बादल!अब तो बरस जा।। ऐ बादल!अब तो बरस जा। कब से है मन तरसा, अब तो बरस जा। बनके बारिशें कर मुझे तर-बतर, ऐ बादल!अब तो बरस जा। कब से है मन तरसा अब... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 8 510 Share Nagendra Nath Mahto 11 Jun 2021 · 1 min read ।।बरसात।। बरसात बन के गिरूँ,आ तेरे तन - बदन को भिगा दँ। तेरे सोये अरमानों को पलभर में जगा दूँ। पनाहों में आ ज़रा,तुझे अपने सीने से लगा लूँ। तेरे सोये... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · गीत 5 3 662 Share Nagendra Nath Mahto 11 Jun 2021 · 2 min read ।।आया सावन झूम के।। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी, आया सावन झूम के। चेहरे पे आई नई ताजगी। जब पहली वारिश की पहली बूंदें गिरीं जमीं पे, मेरे चेहरे को चूम के।... “बरसात” – काव्य प्रतियोगिता · कविता 6 6 468 Share